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पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन, यूपी और उत्तरखंड के मौसम का हाल

लखनऊ/देहरादून पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाओं ने शहर में ठिठुरन बढ़ा दी है। लखनऊ को छोड़कर प्रदेश के कई जिले शीतलहर की चपेट में आ चुके है।...

लखनऊ/देहरादून पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाओं ने शहर में ठिठुरन बढ़ा दी है। लखनऊ को छोड़कर प्रदेश के कई जिले शीतलहर की चपेट में आ चुके है। हवा के बदले रुख से शहरवासियों को कंपकपाने वाली ठंड से रूबरू होना पड़ रहा है। वहीं बर्फीली हवाओं से पूरा उत्तराखंड ठिठुर रहा है। पहाड़ के ऊपरी इलाकों में कई जगह प्राकृतिक जलस्रोत में बर्फ जम गई है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में इस सीजन की सबसे सर्द रात रविवार की रही। इस दौरान पारा 5.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जो सामान्य से 3.2 डिग्री कम रहा। इस बीच सोमवार धूप खिलने के बावजूद बादलों की आवाजाही से ठिठुरन रखी। दिन का तापमान सामान्य से 4.2 डिग्री गिरावट के साथ 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। और बढ़ेगी धुंध और ठंड अमौसी स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार मंगलवार को मौसम में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके बाद बुधवार को दिन और रात का पारा चढ़ेगा। बदली सी छा सकती है। कई इलाकों में दिनभर धुंध रहने की संभावना है। उत्तराखंड के इलाकों का हाल उत्तराखंड के केदारनाथ और औली में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। कई इलाकों में माइनस तापमान से लोग ठिठुर रहे हैं। वहीं देहरादून, पंतनगर, मुक्तेश्वर और टिहरी इलाकों में भी न्यूनतम तापमान 4 से नीचे आ गया है। मसूरी और नैनीताल में सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। कई इलाकों में येलो अलर्ट खराब मौसम के चलते उत्तराखंड में येलो अलर्ट जारी किया गया है। कई इलाके शीतलहर के चपेट में आ सकते हैं। कई इलाकों में पाला गिर सकता है, जिसका असर उत्तर प्रदेश के इलाकों पर भी पड़ेगा। अगले तीन दिन मौसम खराब होने की संभावना भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार और बुधवार, दो दिन तक उत्तर-पश्चिमी भारत में शीतलहर से लेकर गंभीर शीतलहर की स्थिति जारी रहने की संभावना है। अगले तीन दिनों तक मध्य और पूर्वी भारत में शीतलहर की स्थिति बनी रहेगी और उसके बाद राहत मिलने की संभावना है। बढ़ेगी शीतलहर मैदानी इलाकों में, आईएमडी न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक गिरने की और शीतलहर की संभावना है। न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम होने और सामान्य से 4.5 डिग्री कम होने पर भी शीतलहर घोषित की जाती है। वहीं, गंभीर शीतलहर तब होती है जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है या यह सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक नीचे होता है। लखनऊ का पिछले सालों में न्यूनतम तापमान 2009- 4.4 डिग्री (30 दिसंबर) 2010- 4.7 डिग्री (23 दिसंबर) 2011- 2.9 डिग्री (26 दिसंबर) 2012- 0.7 डिग्री (29 दिसंबर) 2013- 1.9 डिग्री (30दिसंबर) 2014- 2.2 डिग्री (12दिसंबर) 2015- 3 डिग्री (19 दिसंबर) 2016- 4.9 डिग्री (18 दिसंबर) 2017- 6.6 डिग्री (17 दिसंबर) 2018- 3.3 डिग्री (30 दिसंबर) 2019- 3.5 डिग्री (28 दिसंबर) 2020- 4 डिग्री (31 दिसंबर)


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