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पंजाब ड्रग्स रैकेट: FIR के बाद मजीठिया अंडरग्राउंड? सिद्धू बोले- भ्रष्ट सिस्टम से सालों की जंग लाई रंग

चंडीगढ़ पंजाब की राजनीति में ड्रग्स रैकेट का मामला पिछले चुनाव से ही चर्चा में रहा है। राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री और शिरोमणि अकाली दल ...

चंडीगढ़ पंजाब की राजनीति में ड्रग्स रैकेट का मामला पिछले चुनाव से ही चर्चा में रहा है। राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। वहीं केस दर्ज होने के बाद से मजीठिया अंडरग्राउंड बताए जा रहे हैं। इस मामले में मुखर रहने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने कार्रवाई को लेकर अपनी पीठ थपथपाई है। साथ ही सिद्धू ने बादल परिवार और कैप्टन अमरिंदर सिंह को निशाने पर लिया है। 2018 के मामले की रिपोर्ट पर एफआईआर अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस ऐक्ट के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। अकाली दल ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते उठाया गया कदम करार दिया है। राज्य में ड्रग्स से जुड़े 2018 के एक मामले की स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर के बाद मजीठिया अंडरग्राउंड? यह रिपोर्ट मादक पदार्थ विरोधी विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू ने 2018 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दाखिल की थी। बताते चलें कि मजीठिया अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं। इस बीच ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस मजीठिया को गिरफ्तार करने के लिए उनकी तलाश कर रही है। सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में उप महानिरीक्षक (अपराध) के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित किया गया है। मजीठिया के खिलाफ 49 पन्नों की एफआईआर मोहाली थाना पुलिस की अपराध शाखा ने एनडीपीएस कानून के तहत मजीठिया के खिलाफ 49 पन्नों की प्राथमिकी दर्ज की है। प्राथमिकी में धारा 25 (अपराध करने के लिए अपने परिसर का उपयोग करने देने की सजा), 27ए (मादक पदार्थ की खरीद, बिक्री, उत्पादन, विनिर्माण, भंडारण, परिवहन, उपयोग, आयात या निर्यात) और 29 (अपराध की योजना बनाना या उसके लिए उकसाना) शामिल हैं। एफआईआर में रेखांकित किया गया है कि मामला दर्ज करने से पहले पंजाब के महाधिवक्ता से कानूनी सलाह भी ली गई थी। प्राथमिकी के अनुसार, ‘एसटीएफ की स्थिति रिपोर्ट के साथ-साथ महाधिवक्ता के विचार में जमानती अपराध हुआ है इसलिए मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।’ उसमें कहा गया है कि मामले की जांच विशेष जांच एल (एसआईटी) द्वारा की जानी चाहिए, जिसके लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे। 2014 में ईडी ने मजीठिया से की थी पूछताछ हाई कोर्ट में लंबित एसटीएफ की यह रिपोर्ट जगजीत सिंह चहल, जगदीश सिंह भोला और मनिंदर सिंह औलख सहित कुछ आरोपियों के बयान पर आधार है। ये सभी 2013 के करोड़ों रुपये के ड्रग्स रैकेट मामले में आरोपी हैं, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। इस मामले में ईडी ने दिसंबर 2014 में मजीठिया से भी पूछताछ की थी, उस दौरान वह अकाली सरकार में मंत्री थे। सीएम चन्नी बोले- न्याय के लिए पहला कदम इस घटनाक्रम पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने और पंजाबियों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। चन्नी ने ट्वीट किया है, ‘पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर गठित एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मोहाली में अपराध शाखा द्वारा प्राथमिकी दर्ज किया जाना उन सभी (राज्य के मादक पदार्थ पीड़ितों) को न्याय दिलाने के लिए आज पहला कदम उठाया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल लड़ाई है और मेरा सभी पंजाबियों से अनुरोध है कि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में हमारा साथ दें।’ बादल ने बताया राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई मुक्तसर में पत्रकारों से बातचीत में अकाली दल के नेता और पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ‘हमें पहले से यह पता था।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बादल परिवार और मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज कराने और उनकी गिरफ्तारी के लिए राज्य पुलिस के तीन प्रमुखों को बदला। पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बादल ने कहा, ‘आप जहां चाहते हैं, मुझे वहां ले चलिए, मैं तैयार हूं। इस प्रकार से प्रतिशोध लेने वाली हर सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।’ उन्होंने कहा कि सरकार का काम लोगों की सेवा करना है, न कि ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ लेने के लिए काम करना। अकाली दल ने कुछ दिन पहले आशंका जताई थी कि मजीठिया को किसी झूठे मामले में फंसाया जा सकता है। सिद्धू का ट्वीट- 5 साल की लड़ाई में पहला कदम पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘बादल परिवार और कैप्टन द्वारा संचालित भ्रष्ट प्रणाली के खिलाफ साढ़े पांच साल की लड़ाई तथा मजीठिया के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) एवं एसटीएफ (विशेष कार्यबल) की रिपोर्ट पर कदम न उठाकर चार साल की देरी तथा ताकत एवं प्रभाव के पदों पर विश्वसनीय अधिकारियों को बैठाने का दबाव बनाए जाने के बाद अंतत: अब पहला कदम उठाया गया है।’ सिद्धू ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा, ‘फरवरी 2018 की एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर नशीले पदार्थों के व्यापार के मुख्य आरोपी के खिलाफ पंजाब पुलिस की अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज की गई। मैंने चार साल पहले इसकी मांग की थी।’ 'ताकतवर पर तमाचा, ड्रग माफिया के खिलाफ जारी रहेगी जंग' उन्होंने कहा कि यह उन सब ताकतवर लोगों के मुंह पर एक तमाचा है, जो अभी तक सोते रहे। सिद्धू ने कहा कि ड्रग माफिया के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘जब तक ड्रग्स रैकेट के मुख्य अपराधियों को कड़ा दंड नहीं दिया जाता, तब तक न्याय नहीं हो पाएगा। यह मात्र पहला कदम है। हम पीढ़ियों को नुकसान पहुंचाने वाले कदमों के लिए सजा दिए जाने तक लड़ाई जारी रखेंगे। हमें ईमानदार और सच्चे लोगों को चुनना चाहिए और नशीले पदार्थों के तस्करों और उनके संरक्षकों से किनारा करना चाहिए।’ नशीले पदार्थ रोधी विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू ने ड्रग्स तस्करी संबंधी गिरोह के मामले में 2018 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी।


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