मुंबई लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाने के बाद अगर कोई शादी से इनकार कर देता है, तो उसे धोखा नहीं माना जा सकता। ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुना...
मुंबई लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाने के बाद अगर कोई शादी से इनकार कर देता है, तो उसे धोखा नहीं माना जा सकता। ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सेशन कोर्ट की तरफ से एक युवक को धोखेबाजी का दोषी ठहराए जाने के फैसले को पलट दिया। पालघर के रहने वाले काशीनाथ घरत के खिलाफ एक युवती की शिकायत पर पुलिस ने बलात्कार और धोखा देने की धाराओं के साथ एफआईआर दर्ज किया था। युवती ने आरोप लगाया था कि युवक ने शादी का वादा करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे और फिर वह शादी करने से मुकर गया। इस मामले में सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने आरोपी को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया था, लेकिन धोखा देने के आरोप में दोषी करार दिया था। घरत की अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ ने आरोपी घरत को धोखा देने के आरोप से भी मुक्त कर दिया। न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई ने कहा, 'तथ्यों से पता चलता है कि पीड़िता और आरोपी एक दूसरे को जानते थे। साक्ष्य यह नहीं इंगित करते हैं कि शादी के वादे के संबंध में आरोपी के साथ गलत धारणा के साथ यौन संबंध था अथवा उसकी सहमति शादी के कपटपूर्ण गलतबयानी पर आधारित थी। ' न्यायमूर्ति ने अपने फैसले में कहा, 'यह बात साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं है कि महिला को गलत जानकारी देकर आरोपी ने यौन संबंधों के लिए राजी किया था। ऐसे में उसे लंबे रिलेशनशिप के बाद शादी से इनकार करने के लिए धोखाधड़ी का दोषी नहीं माना जा सकता।'
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