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Omicron in Bihar : बिहार की इन नर्सों को कुछ कहने की सिविल सर्जन तक की हिमाकत नहीं, सिर पर 'मंत्री जी' का जो है हाथ!

राहुल कुमार ठाकुर, अररिया ओमीक्रोन के खतरे की आहट के बावजूद बिहार का स्वास्थ्य विभाग सबक लेने को तैयार नहीं है। जहां बीमारी की रोकथाम के ल...

राहुल कुमार ठाकुर, अररियाओमीक्रोन के खतरे की आहट के बावजूद बिहार का स्वास्थ्य विभाग सबक लेने को तैयार नहीं है। जहां बीमारी की रोकथाम के लिए उपाय होने चाहिएं वहां अभी भी पैरवी के खेल से ही फुर्सत नहीं है। मूल पदस्थापना के बावजूद सालों से प्रतिनियुक्ति पर जमी सात एएनएम का सिविल सर्जन ने अपर क्षेत्रीय निदेश(स्वास्थ्य सेवाएं) के सख्त रवैये के बाद तबादला कर दिया गया है। सभी सातों एएनएम अलग-अलग पीएचसी में पदस्थापित थे। लेकिन वर्षों से सदर अस्पताल में जमे हुए थे। चर्चा तो यहां तक है कि अभी भी ऐसी कई ANM (नर्सें) हैं जिनके सिर पर सीधे मंत्री जी का हाथ है। मंत्री का सिर पर हाथ! क्षेत्रीय अपर निदेशक(स्वास्थ्य सेवाएं) के सख्त रवैये और उसके पत्रांक-264 दिनांक-04.12.2021 के बाद में सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने अपने ज्ञापांक-2509 दिनांक-04.12.2021 के माध्यम से सात एएनएम का तबादला करते हुए एएनएम अंजली राज को पलासी पीएचसी, किरण कुमारी को पीएचसी रानीगंज, रीता कुमारी को पीएचसी जोकीहाट, अनिता कुमारी को पीएचसी सिकटी, संध्या कुमारी को पीएचसी फारबिसगंज, नीलम कुमारी को पीएचसी सिकटी, संयुक्ता कुमारी को पीएचसी रानीगंज में मूल पदस्थापन संस्थान में योगदान देने का निर्देश दिया गया है। अभी सालों से एक ही जगह जमी कई नर्सें वहीं दूसरी ओर मंत्री, आप्त सचिव और वरीय अधिकारियों के सिफारिश पर कई ऐसे एएनएम अभी भी सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्ति पर जमी हैं। कहा जा रहा है कि पटना से दो एएनएम के लिए विभागीय मंत्री की ओर से सिफारिश की गई, जिसके कारण इन पर अधिकारियों की नजरें कुछ ज्यादा ही इनायत है और उसके तबादले के रिस्क लेने से अधिकारी भी बच रहे हैं।इसकी चर्चा जिला स्वास्थ्य विभाग में जोरों पर है। कई एएनएम अभी भी प्रतिनियुक्ति पर सिविल सर्जन की ओर से सात एएनएम का तो आरडीडी के निर्देश के आलोक में तबादला किया गया है,लेकिन आज भी मूल पदस्थापना को छोड़ सदर अस्पताल में कई एएनएम प्रतिनियुक्त पर हैं। जिसमें से कई एएनएम के बड़े अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य मंत्री और उनके आप्त सचिव तक के पैरवीकार होने की बात कही जा रही है।आरडीडी का निर्देश के चाबुक चंद कर्मियों पर चलने के बाद भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सिविल सर्जन का प्रतिनियुक्त एएनएम को लेकर तर्क मामले पर सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता का कहना है कि प्रतिनियुक्त पर जो कर्मी हैं,उनका तबादले का आदेश पटना मुख्यालय से बन रहा है। इसलिए उन्हें रिलीव कर दिया गया है। इसलिए खड़े हो रहे सवालसिविल सर्जन के इस तरह के जबाब कई सवालों को जन्म देने लगे हैं कि आखिर उन्हें कैसे पता कि बचे कर्मियों का तबादला पटना से होना है। सवाल यह है कि इन पैरवी प्राप्त कर्मचारियों पर निर्देशों का चाबुक चलाने से सिविल सर्जन और स्वास्थ्य महकमे के भी हाथ कांप रहे हैं।


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