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बिहार के नालंदा यूनिवर्सिटी कैंपस की तस्वीरें देखिए, भूल जाएंगे ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज का नाम!

नालंदा: यूपी और बिहार में छात्रों के बीच ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का नाम खूब लिया जाता है। आपसी बातचीत में अक्सर छात्र विदेशी यूनि...

नालंदा: यूपी और बिहार में छात्रों के बीच ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का नाम खूब लिया जाता है। आपसी बातचीत में अक्सर छात्र विदेशी यूनिवर्सिटी के शानदार कैंपस में पढ़ने का सपना देखते हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वर्ल्ड क्लास कैंपस में पढ़ने का सपना अब ऐतिहासिक नगरी नालंदा में पूरा किया जा सकता है। नालंदा में बनकर तैयार हुए नालंदा यूनिवर्सिटी के कैंपस की तस्वीरें देखकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है। नालंदा यूनिवर्सिटी का भवन इतना शानदार बनाया गया है कि जिसे देखकर कोई भी ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज का नाम भूल सकता है। जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाकर नालंदा यूनिवर्सिटी के नए भवन का उद्धाटन किया जा सकता है।

नालंदा (Nalanda University) में बनकर तैयार हुए नालंदा यूनिवर्सिटी (Nalanda university aerial view) के कैंपस की तस्वीरें देखकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है। नालंदा यूनिवर्सिटी का भवन इतना शानदार बनाया गया है कि जिसे देखकर कोई भी ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज का नाम भूल सकता है।


बिहार के नालंदा यूनिवर्सिटी कैंपस की तस्वीरें देखिए, भूल जाएंगे ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज का नाम!

नालंदा:

यूपी और बिहार में छात्रों के बीच ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का नाम खूब लिया जाता है। आपसी बातचीत में अक्सर छात्र विदेशी यूनिवर्सिटी के शानदार कैंपस में पढ़ने का सपना देखते हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वर्ल्ड क्लास कैंपस में पढ़ने का सपना अब ऐतिहासिक नगरी नालंदा में पूरा किया जा सकता है। नालंदा में बनकर तैयार हुए नालंदा यूनिवर्सिटी के कैंपस की तस्वीरें देखकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है। नालंदा यूनिवर्सिटी का भवन इतना शानदार बनाया गया है कि जिसे देखकर कोई भी ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज का नाम भूल सकता है। जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाकर नालंदा यूनिवर्सिटी के नए भवन का उद्धाटन किया जा सकता है।



नालंदा के गौरव को स्थापित करने की कोशिश
नालंदा के गौरव को स्थापित करने की कोशिश

इतिहास में सभी जानते हैं कि नालंदा विश्वविद्यालय पूरी दुनिया के ज्ञान विज्ञान का केंद्र रहा है। यहां दुनियाभर से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे। सन् 1193 में आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को पूरी तरह से तहस-नहस कर कर दिया था। तब से यह विश्वविद्यालय खंडहर में तब्दील है। नालंदा विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को दोबारा से स्थापित करने के लिए बिहार की मौजूदा सरकार ने इसी पावन धरती पर नालंदा यूनिवर्सिटी बनवाया है।



नालंदा यूनिवर्सिटी में इतिहास और आधुनिक निर्माण कला का फ्यूजन
नालंदा यूनिवर्सिटी में इतिहास और आधुनिक निर्माण कला का फ्यूजन

नालंदा यूनिवर्सिटी का नया कैंपस 456 एकड़ में तैयार किया गया है। यहां इतिहास और आधुनिक निर्माण कला का अनूठा फ्यूजन देखने को मिलता है। यूनिवर्सिटी की सीढ़ियों और भवनों की बनावट पुराने नालंदा विश्वविद्यालय की यादें ताजा करती हैं। रेन वाटर हार्वेस्टिंग और मेन गेट पर आकर्षक रोशनी का इंतजाम आधुनिक शैली की शानदार झलक पेश करती है।



यूनिवर्सिटी में गर्मी में ठंड और ठंड में गर्मी का अहसास
यूनिवर्सिटी में गर्मी में ठंड और ठंड में गर्मी का अहसास

नालंदा यूनिवर्सिटी के भवन को मौसम के अनुकूल बनाया गया है। यहां गर्मी में ठंडक और ठंड में गर्मी का अहसास होगा। जलकुंडों या कह लें छोटे सरोवरों से घिरे इस एम्पीथिएटर को देखना अपने आप में अद्भूत है। इस बिल्डिंग के चारों तरह बिल्कुल साफ नीला पानी पसरा हुआ दिखेगा।



एपीजे अब्दुल कलाम की सलाह पर बना नालंदा यूनिवर्सिटी
एपीजे अब्दुल कलाम की सलाह पर बना नालंदा यूनिवर्सिटी

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की सलाह पर नीतीश सरकार ने नालंदा यूनिवर्सिटी का नया भवन बनाने का फैसला लिया था, जो अब बनकर लगभग तैयार हो गया है। 2007 में केन्द्र सरकार ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की उपस्थिति में मेंटर ग्रुप का गठन किया था, जिसमें चीन, सिंगापुर, जापान और थाईलैंड के प्रतिनिधि शामिल थे। अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी से विश्वविद्यालय को विकसित किया जाना तय किया गया था। बाद में मेंटर ग्रुप ही विश्वविद्यालय का गवर्निंग बॉडी बन गया।



नालंदा यूनिवर्सिटी के निर्माण में सुषमा स्वराज का अहम रोल
नालंदा यूनिवर्सिटी के निर्माण में सुषमा स्वराज का अहम रोल

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयास से नालंदा यूनिवर्सिटी के निर्माण में जापान, सिंगापुर ने अपनी ओर से मदद दी। इसकी स्थापना पर 16 देशों की सहमति बनी। 2007 में फिलिपींस में इस्ट एशिया समिट में डॉ. कलाम की सोच 16 देशों के बीच सार्वजनिक हुए थे। इसमें रिवाइवल ऑफ नालंदा पर बहस हुई थी। 2010 को संसद में ऐक्ट पास हुआ। राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। 21 सितम्बर 2010 को राष्ट्रपति ने इस पर अपनी सहमति दे दी और 25 नवंबर को यह विश्वविद्यालय अस्तित्व में आ गया।



2014 से नालंदा यूनिवर्सिटी में चल रही हैं कक्षाएं
2014 से नालंदा यूनिवर्सिटी में चल रही हैं कक्षाएं

फरवरी 2011 में डॉ. गोपा सभरवाल कुलपति नियुक्त की गई। इसके लिए राजगीर के पिलकी मौजा में 442 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया गया। अगस्त 2008 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम इस साइट को देखने आए। सितंबर 2014 को विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू हुई। 19 सितंबर को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शैक्षणिक सत्र की विधिवत शुरुआत की थी। पहले सत्र में 13 छात्रों का एडमिशन हुआ था, इसमें एक जापान और एक भूटान का छात्र भी शामिल थे।



नालंदा यूनिवर्सिटी बनेगा सबसे यूनिक शोध केन्द्र
नालंदा यूनिवर्सिटी बनेगा सबसे यूनिक शोध केन्द्र

नालंदा यूनिवर्सिटी के पहले सत्र में स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज और स्कूल ऑफ इकोलॉजी एण्ड एनवायरमेंट की पढ़ाई शुरू हुई। अब यहां बुद्धिस्ट स्टडीज कम्प्रेटिव रिलिजन एंड फिलॉसफी के अलावा लिंग्विस्टिक्स एंड लिटरेचर की पढ़ाई भी हो रही है। इस यूनिवर्सिटी का इस तरह विकास किया जा रहा है कि यहां से एकेडमिक पढ़ाई हो, बल्कि शोध केन्द्र के रूप में विकसित हो। इसे विश्व का सबसे यूनिक शोध केन्द्र बनाए जाने की योजना पर काम चल रहा है।





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