रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: राजस्थान सरकार आए दिन दावा करती है कि प्रदेश की पुलिस संवेदनशील है और तत्परता से कार्य करती है। लेकिन इससे बिल्...

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: राजस्थान सरकार आए दिन दावा करती है कि प्रदेश की पुलिस संवेदनशील है और तत्परता से कार्य करती है। लेकिन इससे बिल्कुल उलट नागौर में पुलिस (Nagaur Police) की गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां पुलिस की उदासीन के कारण एक विवाहिता की जान चल गई। पुलिस की लापरवाही के चलते विवाहिता 6 दिन तक गंदे नाले में बेसुध पड़ी रही। उसके शरीर में कीड़े पड़ चुके थे। 7 दिन तक जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital) में भर्ती रहने के बाद उसकी मौत हो गई। 4 फरवरी को लापता हुई थी विवाहिता, परिजन थाने के चक्कर लगाते रहे लेकिन पुलिस एक्टिव नहीं हुई मामला नागौर जिले के डीडवाना थाने का है। डीडवाना थाना क्षेत्र की एक विवाहिता 4 फरवरी को गायब हो गई थी। काफी जगह तलाश करने के बाद जब विवाहिता नहीं मिली तो परिजनों ने 6 फरवरी को डीडवाना थाने में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने की औपचारिकता कर ली लेकिन विवाहिता को ढूंढने की कोशीश नहीं की। परिजन बार बार डीडवाना थाने के चक्कर लगाते रहे लेकिन पुलिस ने मामले को गम्भीरता से नहीं लिया। परिजनों का कहना है कि उन्होंने दो लोगों के नाम बताकर विवाहिता के अपहरण का संदेह जताया। पुलिस ने दोनों से मामूली पूछताछ करके वापस छोड़ दिया। 10 फरवरी को परिजनों ने एसपी से लगाई गुहार, उसी दिन नाले में पड़ी मिली विवाहिता गुरुवार 10 फरवरी को नागौर एसपी राममूर्ति जोशी डीडवाना पहुंचे। इस दौरान भी विवाहिता के परिजन थाने में ही चक्कर लगा रहे थे। एसपी ने पुलिस थाने आने का कारण पूछा तो परिजनों ने पूरा घटनाक्रम बताया। इस पर एसपी ने तुरंत वृत्ताधिकारी गोमाराम को कार्रवाई के निर्देश दिए। गोमाराम ने संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही विवाहिता को नाले के पास छोड़ दिया था। हिरासत में लिए गए संदिग्धों की निशानदेही पर पुलिस की टीम गंदे नाले के पास पहुंचकर तलाश करने लगी तो विवाहिता बेहोशी की हालत में नाले में पड़ी हुई मिल गई। विवाहिता को तुरंत राजकीय बांगड़ अस्पताल पहुंचाया गया जहां से उसे जयपुर रैफर कर दिया गया। कई दिनों तक गंदे नाले में पड़े रहने के कारण विवाहिता का शरीर सड़ गया करीब 4-5 दिन तक नाले में पड़े रहने से विवाहिता का शरीर सड़ गया था। उसके शरीर में कीड़े पड़ चुके थे और जगह जगह से जानवरों ने काट दिया गया था। विवाहिता के प्राइवेट पार्ट पर भी घाव पाए गए। हालत गम्भीर होने के कारण उसे जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया। बेसुध होने के कारण पुलिस विवाहिता के बयान नहीं ले सकी। 7 दिन बाद विवाहिता जिन्दगी की जंग हार गई और गुरूवार 17 फरवरी की देर शाम को उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के लिए शव मुर्दाघर में रखवाया गया है। आक्रोशित लोगों ने किया डीडवाना थाने का घेराव, थाना प्रभारी को किया जा चुका सस्पैंड विवाहिता की मौत के बाद डीडवाना में सैंकड़ों लोगों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा। लोगों का आरोप है कि पुलिस विवाहिता को तलाश में तत्परता दिखाती तो उसकी जान बच जाती। हिरासत में लिए गए संदिग्धों से मामूली पूछताछ करके छोड़ना सबसे बड़ी लापरवाही रही। हैरानी की बात तो यह है कि 6 फरवरी को गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जांच हैड कांस्टेबल प्रह्लाद सिंह को देकर थाना प्रभारी नरेन्द्र जाखड़ दो दिन की छुट्टी पर चले गए। प्रह्लाद सिंह ने संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ करके वापस छोड़ दिया। एसपी राममूर्ति जोशी ने डीडवाना थाना प्रभारी नरेन्द्र जाखड़ और हैड कांस्टेबल प्रह्लाद सिंह को सस्पैंड कर दिया। अब पुलिस ने एक आरोपी सुरेश मेघवाल को गिरफ्तार किया है साथ ही एक नाबालिग को निरुद्ध किया है।
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