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राजस्थान हाईकोर्ट का REET प्रकरण में फैसला, जांच सीबीआई को देने से इनकार, कोर्ट की निगरानी में SOG करेगी पड़ताल

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: REET-2021 पेपर लीक प्रकरण () की जांच सीबीआई (cbi) से कराने से राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) ने इनकार...

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: REET-2021 पेपर लीक प्रकरण () की जांच सीबीआई (cbi) से कराने से राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) ने इनकार कर दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (abvp) की ओर से लगाई गई याचिका की सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बैंच (rajasthan high court jaipur bench) ने यह फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने माना कि पेपर लीक प्रकरण में प्रभावशाली लोगों का संबंध है। इसीलिए अब एसओजी यह जांच हाईकोर्ट की निगरानी में करेगी। चीफ जस्टिस अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट रूम में एसओजी के अधिकारी भी मौजूद थे। एसओजी को 4 सप्ताह में पेश करनी होगी प्रगति रिपोर्ट राजस्थान हाईकोर्ट ने एसओजी के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे 4 हफ्ते में जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करें। साथ ही कोर्ट ने चेताया कि अगर कोर्ट जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होगा, तो स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। कोर्ट ने मौजूदा परिस्थितियों में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं मानी है। कोर्ट ने एसओजी की जांच पर ही प्रथम दृष्टया संतुष्टि जताते हुए कहा मौजूदा परिस्थितियों में सीबीआई जांच और उसकी दखल की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट ने रीट अभ्यर्थी मधु नागर और भागचंद शर्मा की याचिकाओं को भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इसी मामले को जोड़ दिया । इन याचिकाओं पर भी कोर्ट एक साथ सुनवाई करेगा। 4 सप्ताह बाद 6 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी। मामला इतना गंभीर नहीं कि सीबीआई को जांच दी जाए एबीवीपी की ओर से कोर्ट में पैरवी करने वाले एडवोकेट आयुष मल्ल ने बताया कि रीट में धांधली की सीबीआई की जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर 2 घंटे तक सुनवाई चली। उन्होंने कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद राजीव गांधी स्टडी सर्किल के मुखिया हैं। सीएम जब खुद राजीव गांधी स्टडी सर्किल में शामिल हैं और वर्तमान में वे ही गृहमंत्री हैं। इस गंभीर मामले पर निगरानी भी सीएम गहलोत कर रहे हैं ऐसे में निष्पक्ष जांच होना संभव नहीं लगता। रीट अभ्यर्थी मधु नागर की ओर से एडवोकेट रामप्रताप सैनी ने कोर्ट में पैरवी की। सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल और एडवोकेट विज्ञान शाह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से पेश हुए। कोर्ट ने कहा इसमें कोई गंभीर गलती नजर नहीं आ रही है, जिससे सीबीआई को मामला दिया जाए।


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