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Tonk News: नगर परिषद ने मांसाहार खाने वालों को टेंडर प्रक्रिया से किया बाहर, विरोध में जुटे कांग्रेस नेता

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: कर्नाटक के हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) के बाद अब राजस्थान के टोंक (Tonk, Rajasthan) जिले में खाने के नाम ...

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: कर्नाटक के हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) के बाद अब राजस्थान के टोंक (Tonk, Rajasthan) जिले में खाने के नाम पर समुदाय विशेष के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगा है। आरोप लगाने वालों में समुदाय के प्रतिनिधि और कांग्रेस नेता शामिल हैं। मामला टोंक नगर परिषद की ओर से टोंक की सीमा में प्रवेश करने वाले बजरी और अन्य मालवाहक वाहनों से एंट्री टैक्स (Entry Tax In Rajasthan) की वसूली से जुड़ा है। 2 दिसम्बर 2021 को टोंक नगर परिषद ने एक फर्म को एंट्री टैक्स वसूलने का ठेका दिया था। टैंडर निकाल जाने के दौरान शर्तों में यह भी बिन्दु शामिल था कि 'टोल नाकों पर मांस, मछली, अंडा, शराब और जुआ आदि का प्रयोग नहीं किया जाएगा।' इस शर्त को लेकर अब विवाद छिड़ गया है। अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर ठेका निरस्त करते हुए नया टैंडर निकालने की मांग की है। टैंडर की शर्तों में बिन्दु संख्या 27 पर जताई आपत्ति कुल नगर परिषद द्वारा 10 स्थानों पर टोल नाके यानी कि चेक पोस्ट लगाए गए हैं जहां बजरी से भरे वाहनों से एंट्री वसूलनी है। दो महीने पहले टोंक नगर परिषद द्वारा निकाले गए टैंडर में कुल 40 शर्ते शामिल थी। इन टैंडर शर्तों के नीचे नगर परिषद टोंक के सभापति और आयुक्त के हस्ताक्षर हैं। शर्तों की बिन्दु संख्या 27 में लिखा है कि टोल नाकों यानी चेक पोस्ट के पास मांस, मछली, अंडा, शराब और जुआ आदी का प्रयोग नहीं किया जाएगा। अल्प संख्यक समुदाय के लोगों ने इस शर्त पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि खाने के नाम समुदाय विशेष के लोगों को टैंडर प्रक्रिया से बाहर करना असंवैधानिक है। ऐसे में 2 दिसंबर 2021 को जारी किए गए टेंडर को निरस्त किया जाए और नए सीरे से टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाए। कांग्रेस नेता मोहसीन रसीद और कुछ अन्य लोगों ने जिला कलेक्टर के नाम एडीएम को ज्ञापन दिया है। खाने के नाम पर अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा व्यवहार करना असंवैधानिक है- महसीन रसीद कांग्रेस नेता मोहसीन रसीद का कहना है कि हमारे देश में सभी समूदायों के लोगों को खाने और पहनावे पर छूट है। किसी भी समूदाय का व्यक्ति अपनी पसंद का पहनावा पहन सकता है और मनपसंद खाना खा सकता है। ऐसे में मांस का सेवन करने या मांस बेचने संबंधी शर्त जोड़कर अगर किसी को सरकारी टेंडर प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता। टोंक नगर परिषद ने खुलेआम अल्पसंख्यक समूदाय के लोगों के प्रति हीन भावना रखते हुए टेंडर प्रक्रिया की शर्तें निर्धारित की है। अल्प संख्यक समूदाय के लोगों की मांग है कि 2 दिसम्बर को जारी किए गए ठेके को निरस्त किया जाए और नए सीरे से टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाए।


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