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Udaipur News: वकीलों को अपहरण मामले में आरोपी बनाने का विराेध

भगवान प्रजापत, उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर स्थित हिरणमगरी थाना इलाके में दो दिन पहले हुए अपहरण के मामले में बुधवार को कलेक्ट्री के बाहर अध...

भगवान प्रजापत, उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर स्थित हिरणमगरी थाना इलाके में दो दिन पहले हुए अपहरण के मामले में बुधवार को कलेक्ट्री के बाहर अधिवक्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस की ओर से तीन वकीलों को आरोपी बनाने पर विरोध जताया गया। कलेक्ट्री पहुंचे अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जबरन कलेक्ट्री में घुसने लगे। पुलिस ने जब उनको रोकने की कोशिश की तो उस दौरान अधिवक्ता और पुलिस आमने-सामने हो गए। इससे माहौल गरमा गया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि पुलिस बिना वजह कानून के जानकारों को फंसाना चाहती है। जबकि तीनों अधिवक्ताओं ने कानून के दायरे में रहकर अपना काम किया। वकील के पास क्लाइंट आया तो वकील आरोपी कैसे बने?बार कांउसिल ऑफ राजस्थान के कॉ-चैयरमेन रतनसिंह राव ने बताया कि पुलिस पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं के खिलाफ गलत तरीके से प्रकरण दर्ज कर रही हैं। उन्होंने बताया कि हिरणमगरी के अपहरण मामलें तीन अधिवक्ताओं को गलत तरीके से आरोपी बनाया गया हैं। परिवादी ने एडिशनल एसपी के यहां पेश होकर पूरी घटना बता दी लेकिन डिप्टी और हिरणमगरी थानाधिकारी ने इस मामले में तीन अधिवक्ताओं को आरोपी बना दिया और सार्वजनिक कर दिया। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और अधिवक्ताओं को आरोपी नही बनने दिया जाएगा। राव ने कहा कि क्लांइट अधिवक्ता के पास आये थे तो अधिवक्ता कैसे आरोपी बन सकते हैं। इधर, बार एसोसिएशन उदयपुर के अध्यक्ष गिरिजा शंकर मेहता ने बताया कि पुलिस गलत तरीके से तीन अधिवक्ताओं को आरोपी बना रहे हैं, जो कि गलत है। अधिवक्ताओं ने कानून के दायरे में रहकर कार्य किया लेकिन अब पुलिस उन्हे फंसाने का काम कर रही हैं। बार एसोसिएशन उदयपुर ऐसा नहीं होने देगा और अपने अधिवक्ताओं के हित में कार्य करेगा। यह था पूरा मामला हिरणमगरी थाना क्षेत्र में करण मेघवाल नाम के नर्सिंग छात्र के अपहरण के बाद हड़कंप मच गया था। इस मामले में पुलिस ने स्वंय संज्ञान लेते हुए प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी। हालांकि कुछ घंटों बाद ही करण मेघवाल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के यहां पेश होकर आपसी रंजिश बताते हुए मामले को घुमाने की कोशिश की। लेकिन जांच में यह बात सामने आयी कि आपसी रंजिश के चलते नहीं बल्कि प्रेम प्रंसग के चलते उसका अपहरण किया गया। हिरणमगरी थाना पुलिस ने जब करण मेघवाल से पूछताछ की तो वह टूट गया और पूरी आपबीती सुना दी। मेघवाल ने बताया कि उसका 10 लोगों ने अपहरण किया और बड़ी ले गए। जहां पर उसके साथ मारपीट की गई। इसके अलावा उससे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करवाए गए। इसके अलावा मेघवाल ने तीन अधिवक्ताओं का नाम भी बताया कि वह भी इसमें शामिल थे। पुलिस ने इस मामले में कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया जिनमें तीन कानून के जानकार भी शामिल है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर के आश्वासन के बाद माने अधिवक्ताप्रदर्शन के बाद अधिवक्ताओं ने जिला पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन एसपी के नहीं होने से अधिवक्ताओं ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर से मुलाकात करते हुए पूरे मामले की जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अशोक मीणा ने अधिवक्ताओं से कहा कि पूरे मामले की जांच निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी। इसके बाद अधिवक्ताओं का गुस्सा शांत हुआ और अधिवक्ताओं ने एएसपी के आश्वासन के बाद प्रदर्शन को खत्म किया।


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