पटना: नवभारत टाइम्स की खास पेशकश में आज बात बिहार () के महागठबंधन की। अब ऐसा लगने लगा है कि बिहार में कांग्रेस और आरजेडी () के रास्ते स्थ...
पटना: नवभारत टाइम्स की खास पेशकश में आज बात बिहार () के महागठबंधन की। अब ऐसा लगने लगा है कि बिहार में कांग्रेस और आरजेडी () के रास्ते स्थायी रूप से अलग हो गए हैं। पिछले साल दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव में दोनों पार्टियों () ने गठबंधन से अलग होते हुए अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे और दोनों दलों के नेताओं के बीच जमकर जुबानी जंग भी चली थी। अब वहां स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद () के चुनाव होने हैं। उसमें आरजेडी ने कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने से मना कर दिया है। क्या ये है नाराजगी की वजह नाराजगी की एक वजह तो यह कही जाती है कि मात्र दस सीटों से सरकार बनाने में चूके तेजस्वी को लगता है कि अगर कांग्रेस ने दबाव बनाकर अपनी हैसियत से ज्यादा सीटें नहीं ली होतीं तो सरकार आरजेडी की ही बनती। कांग्रेस ने 70 सीटें ली थीं, लेकिन वह जीत सिर्फ 19 सीटों पर ही पाई थी। बिहार में महागठबंधन जीत के करीब पहुंचकर भी हार गया, इसकी कसक तेजस्वी यादव के मन में अब तक है और इसका जिम्मेदार वो कांग्रेस को ही मानते हैं। कांग्रेस बनाएगी कन्हैया को सीएम फेस! लेकिन इससे भी बड़ी एक और वजह बताई जा रही है नाराजगी की। यह वजह हैं कन्हैया कुमार। तेजस्वी और कन्हैया कुमार के रिश्ते कभी सहज नहीं रहे हैं। कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को अपने साथ ले लिया है। पार्टी कन्हैया कुमार को बिहार में अपना चेहरा बनाकर आगे बढ़ना चाहती है। तेजस्वी अब उस कांग्रेस से अपना कोई रिश्ता नहीं रखना चाहते, जिसका चेहरा कन्हैया कुमार बने हैं। कांग्रेस को लेकर भी कहा जा रहा है कि वह बिहार में अब नए रास्ते की तलाश में है। कन्हैया को सीएम प्रॉजेक्ट कर वह राज्य में नए सफर पर निकल सकती है। 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले 2024 में लोकसभा चुनाव में उसके प्रयोग का ट्रायल भी हो जाएगा।
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