भगवान प्रजापत, उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर जिले के आदिवासी अंचल में मौताणे की प्रथा (mautana pratha) इतनी हावी है कि मौत के बाद भी मृतक के...
भगवान प्रजापत, उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर जिले के आदिवासी अंचल में मौताणे की प्रथा (mautana pratha) इतनी हावी है कि मौत के बाद भी मृतक के शव का पोस्टमार्टम (postmortem) नहीं होता है। जब तक मौताणे की रकम तय नहीं हो जाती तब तक शव को मोर्चरी में ही रखना पड़ता है। ऐसे ही मामले में बंशीलाल के शव का 3 दिन तक पोस्टमार्टम नहीं हाे पाया। आपसी रंजिश के चलते बंशीलाल को आरोपियों ने पहले बंधक बनाया और बाद में 12 बोर बंदूक से हत्या कर दी। इस घटना के बाद दोनों पक्षों के बीच समझाइश में तीन दिन निकल गए। तब कहीं जाकर 7 लाख रुपए पर सहमति बनी। और मृतक के पक्ष के लोग पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। इस मामले में अब तक आरोपी पक्ष की ओर से एक लाख 20 हजार रुपए दिए जा चुके हैं। वहीं बाकी के पैसे के लिए आगामी दिनों में तारीखें तय की गई हैं। यह है पूरा मामला उदयपुर के कोटड़ा थाना क्षेत्र के कुंडाल निवासी बंशीलाल पुत्र जोरीया लउर की तीन दिन पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात को अंजाम देने वाले निचली कुंडाल निवासी सुर्या पुत्र दिता लउर, लसा पुत्र हरिया लउर, बसंती पुत्र उजमा लउर के खिलाफ मृतक के परिजनों ने नामदज रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसके बाद थानाधिकारी ने बताया कि बंशीलाल लउर खेत पर काम कर रहा था। उस दौरान आरोपी वहां पर आए और बंशी को बहला फुसलाकर सुर्या के घर ले गए। इसके बाद वहां पर पहले बंशीलाल को बंधक बनाया और गोली मारकर हत्या कर दी। अब तक हाथ नहीं आए हैं आरोपीतीन दिन के बाद भले ही मौताणे पर सहमति बन गई लेकिन अब तक हत्या करने वाले मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गयी है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई जगह दबिश दी मगर आरोपी अब तक हाथ नहीं आए हैं।
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