न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने कहा, ‘हमें सरकार की उस अधिसूचना से संविधान के किसी भी प्रावधान का उल...
न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने कहा, ‘हमें सरकार की उस अधिसूचना से संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन होता नहीं नजर आता है। किसी भी स्थान को तीर्थ का पवित्र स्थान घोषित करना सरकार का विशेषाधिकार है।’ अदालत के समक्ष दलील दी गई कि याचिकाकर्ता मथुरा जिला का स्थायी निवासी हैं और पार्षद के तौर पर निर्वाचित एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। मथुरा शहर में कुल 70 वार्ड हैं।
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