हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को धर्मशाला पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश और प्रदेश की ब...
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को धर्मशाला पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश और प्रदेश की बेटियों का गुणगान किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि समान अवसर मिलने के बावजूद बेटों की अपेक्षा बेटियों की उपलब्धियां अधिक हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह में पदक विजेताओं में बेटियों की संख्या बेटों से दोगुनी है।
यही नहीं, अभी हाल में ही आए सिविल सर्विसेज परीक्षा में पहले तीन स्थान हमारी बेटियों ने हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सदैव सीखने का उत्साह बनाए रखना चाहिए। विद्यार्थियों की उपलब्धियों में किसी न किसी रूप में समाज का भी योगदान रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि समाज का आपके ऊपर ऋण है। इसे चुकाने के लिए आपको हर तरह से तैयार रहना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे भारत की शिक्षित, अनुशासित एवं संकल्पशील युवा शक्ति के विवेक पर भरोसा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी राष्ट्र रूपी भवन की आधारशिला होती है। लिहाजा शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो विद्यार्थियों में न केवल बौद्धिक क्षमताओं और कौशल का विकास करे, बल्कि नैतिक मूल्यों और चरित्र को भी मजबूत बनाए। उन्होंने इस बात पर भी विशेष बल दिया कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी किसी भी समाज के विकास का महत्वपूर्ण मानक होता है। राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मंच से प्रशंसा भी की।