दस्तावेजों के अनुसार साल 1917 के दिसंबर में ही अशोक काल के इन शिलालेखों को संरक्षित घोषित कर दिया गया था। यह काम आजाद भारत में नहींं बल्कि ...
दस्तावेजों के अनुसार साल 1917 के दिसंबर में ही अशोक काल के इन शिलालेखों को संरक्षित घोषित कर दिया गया था। यह काम आजाद भारत में नहींं बल्कि अंग्रेजों की गुलामी के दौर में हुआ तब यहां एक गेट लगाया गया था और इस क्षेत्र को संरक्षित किया गया था। बैठक में सहमति बनने के बाद भी उस पर अमल नहीं किया गया। बैठक के बाद भी गेट की चाभी नहीं मिली और दरवाजा भी नहीं खोला गया।
from Local News, लोकल न्यूज, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, state news in hindi, राज्य समाचार , Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/qLnfErs
https://ift.tt/JL20SwI
No comments