कोरोना का फैलाव न हो, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने नियम जारी किया है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग खुद के नियमों का पालन करने में संजीदा नहीं है।...

कोरोना का फैलाव न हो, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने नियम जारी किया है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग खुद के नियमों का पालन करने में संजीदा नहीं है। इसका उदाहरण सदर अस्पताल में देखने को मिलता है। सदर अस्पताल में मंगलवार को ओपीडी शुरू होते ही स्वास्थ्यकर्मी और मरीज सोशल डिस्टेंस भूल गए। ओपीडी में रोजाना 250 से 350 मरीज और उनके परिजन आते हैं। लेकिन, अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्हें सेनेटाइज करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पुरुष वार्ड, इमरजेंसी वार्ड, महिला वार्ड, दवा काउंटर आदि पर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि सरकार को चाहिए कि अस्पताल परिसर में मरीजों के लिए अविलंब सेनेटाइजेशन की व्यवस्था करे। सदर अस्पताल में विभागीय आदेश की हर कदम पर धज्जियां उड़ रही हैं।
सर्दी, खांसी और बुखार के भी आते हैं मरीज
दवा काउंटर पर सर्दी-खांसी और बुखार समेत अन्य बीमारियों की दवा लेने के लिए भीड़ लगी हुई थी। दवा लेने आए मरीज के परिजनों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था। 75 प्रतिशत लोग बिना मास्क लगाए ही दवा काउंटर पर खड़े थे। कोई छींक रहा था तो कोई खांस रहा था। एक-दूसरे से चिपके हुए भी थे। अस्पताल द्वारा दवा काउंटर पर कोई गार्ड नहीं लगाया गया था। इसके चलते सारे नियम टूटते नजर आए।
नहीं होता दवा का छिड़काव
महिला वार्ड में पिछले चार महीने से दवा का छिड़काव नहीं किया गया है। कोरोना से बचने के लिए भी कोई उपाय नहीं किया गया है। महिला वार्ड में पैगम्बरपुर से आई नीलिमा सिंह ने बताया इधर कोई साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है। इधर-उधर मरीज के परिजन थूकते रहते हैं। इससे संक्रमण का डर बना रहता है।
मास्क लगाए ड्यूटी कर रहे कर्मी
एक्स-रे रूम में न तो कोई स्टाप मास्क लगाता है और ना ही कोई मरीज या उनके परिजन। सब एक-दूसरे से बिना मास्क लगाए ही बात या काम करते हैं। पिछले दिनों कोरोना संक्रमित मरीज ज्यादा मिले थे। उसके बाद भी कर्मी मास्क पहनना जरूरी नहीं समझ रहे हैं।
शौचालय की नहीं हुई सफाई
पुरुष वार्ड के पीछे बने शौचालय की लंबे समय से सफाई नहीं हुई है। गंदगी में ही लोग आते-जाते हैं। मरीज के परिजन द्वारा डाॅक्टरों से शिकायत भी की गयी थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मरीज बताते हैं कि शौचालय जाने के समय रोना आता है। कोरोना जैसे खतरनाक वायरस में भी कोई साफ-सफाई नहीं है।
लोगों को जागरूक होने की है जरूरत
लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। बिना मास्क लगाए कर्मी, मरीज व उनके परिजन अस्पताल में प्रवेश नहीं करें। शौचालय की सफाई भी बहुत जल्द कराई जाएगी। पोस्टर बैनर लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पहले की अपेक्षा अभी लोग जागरूक हुए हैं। दवा छिड़काव की व्यवस्था भी की जा रही है।
डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा, सिविल सर्जन
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