चुनाव के समय आते ही प्रत्याशी मतदाताओं के साथ क्षेत्र की विकास के मुद्दे को लेकर तरह तरह के वादे तो कर जाते। लेकिन जीतने के जाने के बाद जनत...

चुनाव के समय आते ही प्रत्याशी मतदाताओं के साथ क्षेत्र की विकास के मुद्दे को लेकर तरह तरह के वादे तो कर जाते। लेकिन जीतने के जाने के बाद जनता से किए वादे पर खड़े नहीं उतर पाते है। इसका उदाहरण है कि क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण सड़क की हालत बदहाल बनी हुई है। स्थिति यह है कि प्रखंड क्षेत्र के बाराचौक से सोनमणी गांव होते हुए लक्षमिनिया गांव तक जाने वाली सड़क 15 वर्षों से अधिक दिनों से बदहाल बनी हुई है। सड़क से पीच गायब गायब है। गिट्टी उखड़ चुके है। सड़क दर्जनों जगह गड्ढे में तब्दील हो चुके हैं।
इसके कारण बरसात के दिनों दर्जनों जगह बारा गांव, सोनमणी, लक्षमिनिया गांव में जल जमाव की समस्या उत्पन्न रहती। लोगों को इस सड़क से आने जाने में काफी परेशानी होती है। इस सड़क की दुर्दशा को लेकर कई बार स्थानीय ग्रामीणों ने क्षेत्र के प्रतिनिधि से मरम्मति करवाने की मांग कर चुकी है। लेकिन बीते 15 वर्षों में सड़क की मरम्मति को लेकर यहां के लोगों को विधानसभा स्तरीय प्रतिनिधि से सिर्फ आश्वासन ही मिल पाई है। सड़क की बदहाली को लेकर स्थानीय ग्रामीणों के बीच सरकार, स्थानीय प्रतिनिधि के प्रति नाराजगी व्याप्त है।
-- स्थानीय ग्रामीण राम नारायण यादव, मो. शाहिद, गुणेश्वर यादव, ललित यादव, बुधन यादव तिलकेश्वर पंडित, लक्ष्मी पंडित, लखींद्र पंडित, राजकुमारी देवी, आदि ने बताया कि सड़क की समस्या को लेकर स्थानीय प्रतिनिधि से पांच वर्षों के दरम्यान कई बार स्थानीय प्रतिनिधि से मरम्मत करवाने की मांग की। मांग के बाद विभागीय अभियंता द्वारा सड़क की मापी भी की गई। सड़क की मापी किए जाने के बाद लोगों की उम्मीदें जगी थी की विधानसभा चुनाव से पूर्व सड़क की मरम्मति हो जाएगी। और समस्या से निजात मिल जाएगी।
लेकिन चुनाव को लेकर क्षेत्र आचार संहिता लागू होते ही लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। और नेताजी के वादे धरातल पर नहीं उतर पाया। इसके कारण सड़क की हालत आज भी यथावत बनी हुई है। सड़क की दुर्दशा के कारण ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त देखी गई। सड़क की समस्या को लेकर इस बार सड़क के किनारे बसे ग्रामीण मतदाताओं के सामने सड़क जीर्णोद्धार के मुद्दे को लेकर विभिन्न दलीय व निर्दलीय प्रत्याशियों के पक्ष में वोट करने को लेकर उठापटक चल रही है।
बातचीत से पता चला कि अधिकतर मतदाताओं के मन में क्षेत्र में बराचौक से लक्ष्मीनिया सड़क की ठोस वादे करने वाले प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने का विचार चल रहा है। ताकि ग्रामीणों को सड़क की बदहाली से निजात मिल सके। अब देखना है की अगले पंचवर्षीय में इस सड़क की जीर्णोद्धार करने का श्रेय कौन से प्रत्याशियों को मिलने वाला है। यह चुनाव के बाद परिणाम पर ही निर्भर करता है।
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