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सरैया में कर्ज की किस्त नहीं चुका पाने से परेशान दंपती ने जान दी, 3 बच्चे हो गए अनाथ

अंबारा तेजसिंह पंचायत के चौबे अंबारा गांव में मंगलवार की देर रात आर्थिक तंगी से परेशान दंपती ने गले में फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। चचेरा ...

अंबारा तेजसिंह पंचायत के चौबे अंबारा गांव में मंगलवार की देर रात आर्थिक तंगी से परेशान दंपती ने गले में फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। चचेरा भाई अरविंद कुमार ने बताया कि मृत भाई राजेश महतो व भाभी ममता देवी ने कई माइक्रो फाइनेंस कंपनी से कर्ज लिए थे।

तय समय पर पैसा चुकता नहीं हाेने पर दोनों काफी तनाव में चल रहे थे। फिलहाल मंगलवार काे उन्हें दो ऋण का किस्त चुकाना था, लेकिन घर में पैसे नहीं रहने के कारण दाेनाें पूरे दिन डिप्रेशन में थे। हम पटना में निजी गाड़ी चलाते हैं। देर रात घर आए थे। खाना खाकर बाथरूम गए। मौसी के चिल्लाने पर हम जब भैया के घर में गए तो देखा कि भैया का शव बिछावन पर है व भाभी का शव छत के सहारे फंदे से लटका हुआ है।

देखने से प्रतीत हुआ है कि पहले भैया ने आत्महत्या की और उसके बाद जब भाभी ने देखा कि यह अब इस दुनिया में नहीं हैं, तब वह भी गले में फंदा डाल कर लटक गई। हम लोग जब तक मामले को समझते तब तक काफी देर हो चुकी थी। सरैया पुलिस ने दाेनाें का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम में एसकेएमसीएच भेज दिया। थानाध्यक्ष अजय पासवान ने बताया कि मृतक के चाचा बिकाऊ महताे के द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर मामले में यूडी केस दर्ज किया गया है।

ऑटो चला कर परिवार का भरण-पाेषण करता था राजेश, 3 बच्चे हो गए अनाथ
गांव के अब्दुल बशीर अंसारी ने बताया कि राजेश महतो टेंपो चला कर अपने परिवार का भरण-पाेषण करता था। उसे तीन बच्चे 10 वर्ष का रितिक, 8 वर्ष का राेहित व छह वर्ष का आशिक है। राजेश के पिता जगदेव महतो कोलकाता में बोरा सिलाई का काम करते हैं। देर रात घटना की जानकारी मिलने पर वे कोलकाता से घर के लिए निकल पड़े थे। प्रधानमंत्री आवास योजना की सहायता राशि से राजेश का घर बना है। वृद्ध मौसी लालपरी देवी भी घर पर रहती थी।

एक साथ दाे दाह संस्कार देख लाेगाें के आंसू निकले
पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही दाेनाें का शव घर पर पहुंचा लाेगाें की भीड़ जमा हाे गई। दाह संस्कार के लिए दाेनाें का शव गांव से एक साथ निकला। पीछे-पीछे उसके तीनाें बच्चे चल रहे थे। यह दृश्य देख लाेगाें की आंखाें से आंसू निकल पड़े। बड़े पुत्र रितिक का रो-रो कर बुरा हाल था। रितिक अपनी तोतली आवाज में कहा कि खेत से मछली मार कर लाए थे। मम्मी मछली और भात बनाई थी। हम सब भाई, पापा व मम्मी मछली और भात खा कर सो गए थे।



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बच्चों के सिर से उठा माता-पिता का साया।


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