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पटना शहरी क्षेत्र के 22 गंगा घाट खतरनाक, लाल कपड़े से होगी बैरिकेडिंग, नहीं जा सकेंगे छठव्रती

नगर निगम की ओर से राजधानी के शहरी इलाके के 94 गंगा घाटों पर छठ पूजा की तैयारी की जा रही है। 60 फीसदी काम पूरा हाे चुका है। दीघा के मीनार घा...

नगर निगम की ओर से राजधानी के शहरी इलाके के 94 गंगा घाटों पर छठ पूजा की तैयारी की जा रही है। 60 फीसदी काम पूरा हाे चुका है। दीघा के मीनार घाट से पटना सिटी तक घाटों की सफाई की जा रही है। शहरी क्षेत्र के अधिकतर गंगा घाट अशोक राजपथ से जुड़े हैं।

इस बार प्रशासन ने घाटाें पर पार्किंग नहीं बनाने और वाहन लेकर जाने की सुविधा नहीं देने का निर्णय लिया गया है। हालांकि श्रद्धालुओं के घाट तक जाने के लिए मुख्य सड़क से पहुंच पथ का निर्माण व सफाई का काम भी कराया जा रहा है। इस बीच, प्रशासन ने पटना शहरी क्षेत्र के 22 घाटों को खतरनाक और अनुपयोगी घोषित किया है।

जिन घाटों को खतरनाक व अनुपयोगी घाट को चिह्नित किया गया है, उनमें बुद्ध घाट, अदालत घाट, मिश्री घाट, टीएन बनर्जी घाट, जजेज घाट, वंशी घाट, जहाज घाट, अंटा घाट, सिपाही घाट, बीएन कॉलेज घाट, बालू घाट, खाजेकलां घाट, पत्थर घाट, अदरक घाट, रिकाबगंज घाट, पीर मदड़िया घाट, नंदगोला घाट, नूरुउद्दीन घाट, बुंदेल टोली घाट, दमराही घाट, केशव राय घाट, बांसघाट शामिल हैं। निगम द्वारा वर्ष 2019 में भी 94 घाटों का निर्माण कराया गया था। इनमें से दो घाटों को अंतिम चरण में खतरनाक घोषित किया गया था। पहले से 23 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया था।
अपर नगर आयुक्त सफाई शीला ईरानी ने बताया कि घाटों को साफ किया जा रहा है। सभी घाटों को साफ किया जा रहा है। खतरनाक घाटों की बैरिकेडिंग की जाएगी। वहां लाल कपड़ा से घेरा लगा दिया जाएगा। 18 नवंबर तक छठ घाटों की तैयारी का काम पूरा करा लिया जाएगा।
हो रहे ये काम : रैंप का हो रहा निर्माण, मिट्‌टी के ढेर की हो रही कटाई

  • घाट का निर्माण: घाटों के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। रैंप निर्माण का कार्य किया जा रहा है। जगह-जगह लगे मिट्टी के ढेर की कटाई का कार्य भी चल रहा है।
  • बैरिकेडिंग: बैरिकेडिंग का कार्य शुरू किया गया है। नदी में पानी के लेयर को देखते हुए बैरिकेडिंग की जा रही है। इसके आगे व्रतियों या अन्य श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत नहीं होगी।
  • पहुंच पथ निर्माण: दीघा घाट से कलेक्ट्रेट घाट तक गंगा नदी की मुख्य धारा एक से तीन किलोमीटर तक है। मुख्य धारा तक पहुंचने के लिए पहुंच पथ के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। कलेक्ट्रेट घाट पर पीपा पुल की स्थिति को बेहतर बनाया जा रहा है।
  • गंगा पाथवे घाटों की सफाई: करीब तीन किलोमीटर में कलेक्ट्रेट घाट से गांधी घाट के आगे तक बने गंगा पाथवे से जुड़े घाटों की सफाई का कार्य भी कराया जा रहा है। कृष्णा घाट के पास गंगा नदी की धारा यहां सीधे लगती है। इन घाटों पर बनी सीढ़ी पर मिट्टी जम गई थी, उसे साफ करने का कार्य अंतिम चरण में है।
  • वाच टावर का निर्माण: घाटों पर वाच टावर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। इससे घाटों पर आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ पर नजर रखी जाएगी। लाउडस्पीकर के जरिए प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और अन्य आवश्यक दिशा-निर्देश की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था को भी यहां से सुनिश्चित कराया जाएगा।

खतरनाक घाट
बुद्ध घाट, अदालत घाट, मिश्री घाट, टीएन बनर्जी घाट, जजेज घाट, वंशी घाट, जहाज घाट, अंटा घाट, सिपाही घाट, बीएन कॉलेज घाट, बालू घाट, खाजेकलां घाट, पत्थर घाट, अदरक घाट, रिकाबगंज घाट, पीर मदड़िया घाट, नंदगोला घाट, नूरुउद्दीन घाट, बुंदेल टोली घाट, दमराही घाट, केशव राय घाट, बांसघाट।

अबतक इन बिंदुओं पर नहीं हो पाया काम

  • रोशनी की व्यवस्था : गंगा घाटों पर अब तक रोशनी की व्यवस्था का काम शुरू नहीं हो पाया है। चार दिन बाद शाम का अर्घ्य दिया जाएगा। इससे पहले बिजली की व्यवस्था को बेहतर बनाना सुनिश्चित करना होगा।
  • पहुंच पथ की घेराबंदी : घाटों व पहुंच पथों को रंगीन कपड़ों से घेराबंदी करने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। दिवाली के बाद से इस कार्य को अमूमन शुरू कर दिया जाता रहा है।
  • चेंगिंग रूम का निर्माण : व्रतियों को कपड़ा बदलने के लिए चेंजिंग रूम की सुविधा दी जाती है। इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस सुविधा पर अबतक अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। निगम प्रशासन का कहना है कि प्रशासन की ओर से निर्देश के तहत कार्य होगा।
  • वाहन पार्किंग : घाटों के पास तक वाहन से पहुंचने की सुविधा इस बार नहीं मिल पाएगी। अशोक राजपथ से पैदल ही घाट तक जाना होगा। अगर कोई वाहन से आएंगे ताे मुख्य सड़क पर ही कहीं पार्क करना होगा।

प्रशासन ने कहा- घाट पर मिलेगी पूरी सुविधा, पर घर में ही पूजा करना बेहतर

पटना शहर के अलावा दानापुर और पटना सिटी के चिह्नित गंगा घाटाें और तालाबाें पर छठ महापर्व हाेगा। इसकी तैयारी के लिए 21 सेक्टराें में गंगा घाटाें और तालाबाें को बांटा गया है। रविवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल और डीएम कुमार रवि ने पश्चिमी पटना और उप विकास आयुक्त रिची पांडेय और अपर समाहर्ता राजस्व राजीव कुमार श्रीवास्तव ने पूर्वी पटना स्थित गंगा घाटों का निरीक्षण किया। गंगा घाट और तालाब पर आने वाले व्रतियाें को प्रशासन पूरी सुविधा मुहैया कराएगा। इससे पहले घाट पर व्रत करने के लिए नहीं आने की अपील करेगा।

घाट पर मिलेंगी ये सुविधाएं

  • गंगा में पानी के अंदर बांस-बल्ला लगाकर व्रतियाें की सुरक्षा।
  • भीड़ पर नजर रखने के लिए बनेंगे वाच टावर।
  • चेंजिंग रूम, रैंप, कम ढलान वाले सुविधाजनक घाट।
  • कोविड काे लेकर थर्मल स्क्रैनर, सेनेटाइजर आदि।
  • रात में प्रकाश की पूरी व्यवस्था।

घाट पर आने में ये परेशानी

  • भीड़ अधिक होने पर 2 गज की दूरी का पालन करना मुश्किल।
  • बुजुर्ग और बच्चों को काेराेना के खतरों से बचाना मुश्किल होगा।
  • पार्किंग की व्यवस्था नहीं, गाड़ी से नहीं जा पाएंगे।
  • पश्चिमी पटना के दियारा में गंगा, पैदल जाना होगा।

घर पर पर्व करने से फायदा

  • कोरोना संक्रमण का डर नहीं।
  • गंगा जल उपलब्ध कराएगा निगम।
  • गाड़ी की पार्किंग और पैदल चलने की चिंता नहीं।
  • बुजुर्ग और बच्चों को संक्रमण से बचाव की चिंता नहीं।
  • शांतिपूर्ण तरीके से निर्भीक होकर कर सकेंगे आराधना।


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पटना शहर के अलावा दानापुर और पटना सिटी के चिह्नित गंगा घाटाें और तालाबाें पर छठ महापर्व हाेगा।


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