राजभवन ने दाे काॅलेजाें में वित्तीय गड़बड़ी व गलत एलपीसी देने के आराेपी टीएनबी काॅलेज प्राचार्य डाॅ. संजय कुमार चाैधरी काे टीएमबीयू का प्रभ...

राजभवन ने दाे काॅलेजाें में वित्तीय गड़बड़ी व गलत एलपीसी देने के आराेपी टीएनबी काॅलेज प्राचार्य डाॅ. संजय कुमार चाैधरी काे टीएमबीयू का प्रभारी वीसी बनाया है। अधिसूचना जारी कर राजभवन के पीएस चैतन्य प्रसाद ने कहा है, डाॅ. चाैधरी प्राचार्य समेत प्रभारी वीसी का अतिरिक्त काम देखेंगे। नीतिगत निर्णय नहीं लेंगे। उन्हें बीएयू के वीसी डाॅ. एके सिंह की जगह जिम्मा मिला।
एके सिंह ने टीएमबीयू के प्रभार से मुक्त करने का आग्रह किया था। डाॅ. चाैधरी पर टीएनबी काॅलेज, मुरारका कॉलेज सुल्तानगंज में वित्तीय गड़बड़ी करने का आराेप है। जेपी विश्वविद्यालय छपरा से ट्रांसफर के आधार पर टीएमबीयू आए डाॅ. चाैधरी पर गलत एलपीसी देने का भी आराेप है। हालांकि डॉ. चौधरी आरोपों को गलत बताते रहे हैं।
13 आराेपाें में से चार में डाॅ. चाैधरी काे बताया है दाेषी
टीएनबी के पूर्व एसओ अमरेन्द्र झा ने प्राचार्य पर 80 लाख की गड़बड़ी का आरोप लगाया था। जांच कमेटी ने 13 में 4 आरोपों में डाॅ. चाैधरी काे दाेषी पाया। प्राचार्य आवास की मरम्मत, रंग राेगन, ग्रिलिंग, फर्नीचर, बर्तन खरीद में नियम तोड़नेे, सरकार व विवि से पीजी काॅलेज की स्वीकृति के बिना 3000 रुपए प्रशासनिक भत्ता लेने, फंड डायवर्ट करने का दाेषी बताया। मुरारका काॅलेज में 21 अगस्त 2015 से 14 जुलाई 2016 तक प्राचार्य रहते वित्तीय गड़बड़ी व अवैध नियुक्ति का भी दाेषी पाया है। प्राे. याेगेन्द्र, डाॅ. विलक्षण,पूर्व एफओ हरकेश नारायण सिंह ने जांच रिपाेर्ट टीएमबीयू काे 12 मार्च 2019 काे दी थी। तब से मामला दबा हुआ है।
सीनियर डीन या प्राेफेसर काे मिलता है प्रभार
नियमित वीसी के न रहने पर प्राेवीसी व प्राेवीसी के न रहने पर वरीय प्राेफेसर या डीन काे प्रभार मिलता है। सुप्रीम काेर्ट ने 2013 में यह व्यवस्था दी थी। प्राचार्य काे वीसी का प्रभार देने का मामला अब तक कहीं नहीं हुआ था। - प्राे. एलसी साहा, पूर्व प्रभारी वीसी
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