शहर में जाम की सबसे बड़ी वजह अतिक्रमण है। इसे प्रशासनिक अफसर भी स्वीकारते रहे हैं। लेकिन अतिक्रमण हटाने और दाेबारा नहीं लगने की दिशा में प्...

शहर में जाम की सबसे बड़ी वजह अतिक्रमण है। इसे प्रशासनिक अफसर भी स्वीकारते रहे हैं। लेकिन अतिक्रमण हटाने और दाेबारा नहीं लगने की दिशा में प्रशासन के पास काेई ठाेस रणनीति नहीं है। हालत यह है कि शहर की सड़काें से अतिक्रमण हटाना नगर निगम प्रशासन के लिए मुसीबत बन गया है। अतिक्रमण हटाने के कुछ दिनाें के बाद ही वहां पहले जैसी स्थिति बन रही है। अतिक्रमण से सड़काें पर लाेगाें का चलना मुश्किलाें हाे रहा है।
कारण यह है कि सड़काें के किनारे दाेनाें तरफ से फुटकर विक्रेता दुकान लगा देते हैं, इससे सड़क सकरी हाे जा रही है और ऐसे में जब उस रास्ते पर चार पहिया वाहन या बाइक की इंट्री हाेती है ताे जाम की स्थिति बनने लगती है और देखते ही देखते भीषण जाम लगने लगता है। ऐसा नहीं है कि नगर नगर ने अतिक्रमण हटाने की पहल नहीं की है। आठ माह में आधा दर्जन से अधिक इलाकाें से अतिक्रमण हटाया गया।
लेकिन अतिक्रमण हटाने के कुछ घंटाें के बाद ही वहां पहले जैसी स्थिति बन जा रही है। दाेबारा से अतिक्रमण न लगे, इसकी जवाबदेही निगम की ओर से स्थानीय थाना काे दी गई है। एसडीओ स्तर से भी पूर्व में सभी थाने काे पत्र भेजकर अतिक्रमण नहीं लगने की निगरानी कराने काे कहा गया था। इसके बाद भी पुलिस की लापरवाही से वहां दाेबारा अतिक्रमण हो रहा है।
तिलकामांझी हटिया रोड में 200 दुकानें हटाई थी
तिलकामांझी हटिया राेड से 8 माह में दाे बार अतिक्रमण हटाया गया। चुनाव से ठीक पहले भी तीन सितंबर काे अभियान चला। सड़क किनारे दुकान लगाने वाले 200 से अधिक फुटकर विक्रेताओं काे हटाया गया था। साथ ही सड़क की मापी भी की गई थी। कई मकान, जिसने सड़क का अतिक्रमण किया, उसकी भी मापी की गई थी। जेसीबी से कई दुकानाें के बाहरी हिस्से ताेड़े गए। निगम दुकानदाराें व कुछ मकान मालिकाें काे नाेटिस देने की भी तैयारी में भी था। लेकिन अतिक्रमण हटाने के बाद निगम प्रशासन ने इस दिशा में ठाेस पहल नहीं की। अब वहां पहले से ज्यादा अतिक्रमण हाे गया है। सप्ताह में तीन दिन साेमवार, बुधवार व शुक्रवार काे हटिया लगता है और इस दाैरान पूरी सड़क पर जाम लग रहा है।
निगम ने फुटकर विक्रेताओं काे वेंडिंग जाेन में नहीं दी जगह
अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत शहर के विभिन्न इलाकाें से दुकानाें काे हटाया गया था। तिलकामांझी हटिया राेड के अलावा उल्टा पुल के नीचे लाेहापट्टी हाेते हुए वैरायटी चाैक से खलीफाबाग के बीच, मायागंज अस्पताल के सामने, बरारी वाटर वर्क्स, बरारी के मधु चाैक, बड़ी खंजरपुर के बड़गाछ चाैक समेत कई इलाकाें से अतिक्रमण हटाया गया। तब निगम ने कहा था कि फुटकर विक्रेताओं काे वेंडिंग जाेन में जगह देंगे। लेकिन अतिक्रमण हटाने के बाद निगम इसे भूल गया है। तीन माह बीतने काे है, लेकिन अब तक इस दिशा में ठाेस पहल नहीं हुई।
निगरानी के लिए थाना काे भेजा था पत्र
अतिक्रमण हटाने के बाद स्थानीय थाने काे पत्र भेजकर कहा गया है कि वह निगरानी करे, ताकि दाेबारा अतिक्रमण न लगे। पहले भी अतिक्रमण हटाने के बाद थाने काे पत्र भेजा गया था। यह जिम्मेदारी अंचल और स्थानीय थाने है। - सत्येंद्र प्रसाद वर्मा, पीआरओ, निगम
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