मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सजा के खिलाफ ब्रजेश ठाकुर व अन्य की अपील पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 18 फरवरी 2021 तक सुनवाई स्थग...

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सजा के खिलाफ ब्रजेश ठाकुर व अन्य की अपील पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 18 फरवरी 2021 तक सुनवाई स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ से अपीलकर्ता पक्ष ने मामले में स्थगन की मांग की गई थी। ब्रजेश ठाकुर वर्तमान में इस मामले में तिहाड़ जेल में सजा काट रहा है।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह की 40 से अधिक नाबालिग लड़कियों से सरकारी अभिरक्षा में यौन, शारीरिक और मानसिक शोषण का ब्रजेश ठाकुर व अन्य 18 काे दाेषी ठहराए जाने के बाद निचली अदालत ने सजा सुनाई थी। दिल्ली के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ ब्रजेश ठाकुर व अन्य ने दिल्ली हाईकाेर्ट में अपील की थी। अपील में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई ‘जल्दबाजी’ में की थी, जाे संविधान के तहत गारंटीकृत और निष्पक्ष मुकदमे के अधिकार का उल्लंघन था।
साथ ही काेर्ट ने यह नहीं देखा कि जिस व्यक्ति काे दुष्कर्म जैसे मामले में सजा दी जा रही है, वह इस कृत्य के लिए सक्षम भी है या नहीं। सीबीआई ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि ब्रजेश ठाकुर को जघन्य अपराधों के आरोप में दोषी ठहराया गया था। उसने नाबालिग लड़कियों का शारीरिक, सामाजिक और मानसिक रूप से यौन शोषण किया।
सीबीआई ने उच्च न्यायालय के समक्ष यह भी कहा है कि उसने मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में प्राप्त सरकारी अनुदान का दुरुपयोग किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बिहार से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था और न्यायाधीश को छह महीने के भीतर इसे पूरा करने का आदेश दिया था। इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने मामले में 20 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
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