सीबीआई के स्पेशल काेर्ट के आदेश पर गुरुवार से सृजन घाेटाले के मुख्य आराेपी अमित कुमार और उसकी पत्नी रजनी प्रिया की संपत्ति जब्त करने की कार...

सीबीआई के स्पेशल काेर्ट के आदेश पर गुरुवार से सृजन घाेटाले के मुख्य आराेपी अमित कुमार और उसकी पत्नी रजनी प्रिया की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू हाे गई। पहले दिन पांच घंटे की कार्रवाई में न्यू विक्रमशिला काॅलाेनी के प्राणवती लेन स्थित अमित कुमार के 155 स्क्वायर फीट जमीन में बने तीन मंजिला मकान काे जब्त किया गया। पूरी कार्रवाई जगदीशपुर सीओ संजीव कुमार के नेतृत्व में हुई।
अन्य संपत्तियाें की जब्ती की कार्रवाई चलती रहेगी। दिन के 11 बजे मकान का ताला ताेड़ कर अफसर मकान के अंदर घुसे। वहां काेई सामान नहीं मिला। अंदर मकड़े के जाल लगा हुआ था। टार्च की राेशनी में अफसराें ने घर काे खंगाला। मकान की कीमत करीब 30 लाख आंकी गई है। मकान काे सील करने के बाद इशाकचक थानेदार काे इसका रीसिवर बहाल किया गया।
प्रशासन के अनुराेध के बाद भी जब माेहल्ले व पड़ाेस के काेई भी गवाह बनने काे तैयार नहीं हुए ताे एसडीओ ऑफिस के दाे कर्मियाें काे गवाह बनाने के लिए वहां भेजा गया। अफसराें ने बताया कि आराेपी अमित कुमार व उनकी पत्नी रजनी प्रिया ने काेर्ट में सरेंडर नहीं किया ताे छह महीने बाद मकान काे नीलाम कर दिया जाएगा। पहले इस मकान में किराएदार रहते थे, लेकिन 14 महीने से यह बंद था।
15 जगहाें पर 2.62 कराेड़ की संपत्ति की जाएगी जब्त
अफसराें ने बताया कि शुक्रवार काे न्यू विक्रमशिला काॅलाेनी में मुख्य आराेपियाें की अन्य संपत्ति काे जब्त किया जाएगा। संपत्ति जब्त करने के लिए सीबीआई के सब इंस्पेक्टर दिवेश कुमार ने एक अक्टूबर काे डीएम काे पत्र भेजा था। लेकिन चुनावी व्यस्तता के कारण प्रशासन इस पर अमल नहीं कर सका। अमित और रजनी प्रिया की तीनाें अंचलाें और तीन वार्डाें में 15 जगहाें पर करीब 2.62 कराेड़ की संपत्ति जब्त की जाएगी। इनमें जमीन, मकान, फ्लैट शामिल हैं। ये सब संपत्ति 2009 से 2016 तक बनाई गई।
दाेनाें आराेपियाें के घराें पर पिछले साल अक्टूबर में इश्तिहार चिपकाया गया था। 18 सितंबर काे सीबीआई के स्पेशल काेर्ट से इश्तिहार जारी हुआ था। इसके बाद भी दाेनाें ने सरेंडर नहीं किया। डीबीए के अध्यक्ष सह भागलपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयकांत झा ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 83 के तहत फरार अभियुक्त की संपत्ति काे जब्त कर ली जाती है। छह महीने बाद भी अगर वह काेर्ट में हाजिर नहीं हुआ ताे संपत्ति काे नीलाम किया जा सकता है। अगले चरण में रेड वारंट जारी हाे जाता है।
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