नरकटियागंज से भाजपा विधायक रश्मि वर्मा को 16 दिनों में दूसरी बार रंगदारी के लिए कॉल आया है। इस बार उनसे बीस लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई ह...
नरकटियागंज से भाजपा विधायक रश्मि वर्मा को 16 दिनों में दूसरी बार रंगदारी के लिए कॉल आया है। इस बार उनसे बीस लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई है। यह रकम नहीं देने पर जान से मारने की धमकी तक दी गई है। भाजपा विधायक से 22 नवंबर को ही एक शख्स मुन्ना खान ने 25 लाख की रंगदारी मांगी थी, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मुन्ना खान के पिता बुल्ले खान कभी इसी परिवार के स्टाफ हुआ करते थे। मुन्ना खान अभी रश्मि वर्मा के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी विनय वर्मा के यहां काम करता था। उन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस के सीटिंग विधायक विनय वर्मा को ही हराया है।
गाली-गलौज के साथ मांगी रंगदारी
विधायक ने शिकारपुर थाना में दिए गए आवेदन में कहा है कि आज सोमवार की सुबह 11:30 बजे के करीब मोबाइल नंबर 6299381643 से उनके नंबर पर कॉल कर रंगदारी मांगी गयी है। कॉल करने वाले ने अपनी पहचान नहीं बताई। उसने शुरुआत गाली-गलौज से की तथा जान से मारने की धमकी दी। साथ में 20 लाख की रंगदारी भी मांगी। बीते 22 नवंबर के मामले में भी उन्होंने शिकारपुर थाना में ही शिकायत दर्ज कराई थी, जिसपर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कॉल करने वाले के फोन नंबर को लोकेट कर उसे पकड़ा था।
साल 2015 से ही धमकी के मामले चर्चा में
रश्मि वर्मा को धमकी मिलने और रंगदारी मांगे जाने का सिलसिला साल 2015 में शुरू हुआ था। साल 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान ही उन्होंने अपने कार्यालय में टाइम बम के साथ धमकी भरा खत मिलने की शिकायत पुलिस से की। इस धमकी भरे खत को लेकर रश्मि वर्मा ने भाजपा की प्रत्याशी रेणु देवी और तब के सांसद सतीश दूबे पर आरोप लगाए थे। हालांकि मामले की जांच के बाद पुलिस ने कहा था कि टाइम बम और खत, दोनों नकली थे। इस मामले में जिस शख्स को अरेस्ट किया गया था, उसने रश्मि वर्मा पर खुद ही इन्हें प्लांट कराने का आरोप लगाया था।
भाजपा से बागी होकर फिर आ मिलीं और चुनाव जीतीं
रश्मि वर्मा साल 2014 से पहले जदयू में थीं। फिर वे रातों रात जदयू से भाजपा में गईं और उपचुनाव में नौ माह के लिए विधायक बनीं थीं। 2015 के चुनाव में भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय मैदान में उतर गईं। उनकी वजह से नरकटियागंज विधानसभा का चुनाव त्रिकोणात्मक हो गया था और कांग्रेस प्रत्याशी विनय वर्मा (रश्मि वर्मा के जेठ) चुनाव जीत गए थे। निर्दलीय लड़ रहीं रश्मि वर्मा को 39,200 वोट आये जबकि भाजपा प्रत्याशी रेणु देवी को 41,151 वोट मिले थे।
इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। लेकिन इस साल विधानसभा चुनावों के ठीक पहले 26 सितंबर को उन्हें फिर से भाजपा में शामिल कर लिया गया। पार्टी ने रश्मि वर्मा को फिर नरकटियागंज से अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस के सिटिंग विधायक व अपने जेठ विनय वर्मा को 21 हजार से भी अधिक मतों से चुनाव हराया।
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