विधानसभा चुनाव से ही राजनीतिक पारा चरम पर रहा। भागलपुर की सीट हॉट सीट बन गई। निगम और जिला परिषद के उठापटक को भी इलेक्शन इफैक्ट ही माना जा र...

विधानसभा चुनाव से ही राजनीतिक पारा चरम पर रहा। भागलपुर की सीट हॉट सीट बन गई। निगम और जिला परिषद के उठापटक को भी इलेक्शन इफैक्ट ही माना जा रहा है। बल्कि अब यह पानी की तरह साफ भी है। भाजपा के खेमे से गाेड्डा के सांसद निशिकांत दुबे की इंट्री ने भागलपुर की लड़ाई में गर्माहट ला दी।
उनका कहना था-पार्टी ने उन्हें भागलपुर की जिम्मेदारी दी है। छिटपुट बयानबाजी तो चलती रही, लेकिन एक ऑडियो वायरल होने के बाद से जुबानी जंग भी तेज हो गई।
लोजपा प्रत्याशी और शहर के डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने चुनाव से ठीक पहले एक ऑडियो वायरल किया। इसमें निशिकांत खुलेआम राजेश का नाम लेकर धमकी दे रहे हैं। इस बातचीत में वे होम्योपैथिक डॉक्टर नीतीश दुबे से चेतावनी भरे लहजे में राजेश को समझा देने की बात कहते हैं।
वे कहते हैं, हम अश्विनी चौबे और शाहनवाज हुसैन नहीं हैं… जीतें या हारें, हम बहुत खतरनाक आदमी हैं। बर्बाद कर देंगे। माफी मांगे नहीं तो जो होगा सो होगा। सोना-चांदी बेचते-बेचते नेतागिरी करने लगा! इस ऑडियो के वायरल होने के बाद पहले निशिकांत ने इसे गलत बताया, एफआईआर करने की बात कही फिर स्वीकारा कि आवाज उनकी ही है।
लेकिन ये पुराना टेप है। उन्होंने ये बातचीत डॉ. नीतीश दुबे से की थी। मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा, उनकी बातचीत को गलत संदर्भ में बताया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने डॉ. दुबे पर भी निहायत निजी हमले किए। इसके बाद सोशल मीडिया पर लाइव आकर डॉ. दुबे ने निशिकांत को खुली चुनौती दी कि वे अपनी बात साबित करें।
आक्रामकता से अपनी बात रखते हुए उन्होंने निशिकांत को सीधे-सीधे झूठा बताया। जब निशिकांत ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा है उसके सारे सबूत उनके पास हैं तो राजेश वर्मा ने भी मीडिया में आकर उन्हें खुली चुनौती दे डाली। कहा, अगर निशिकांत ने आरोप साबित कर दिया तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
एक-दूसरे पर हमले जारी रहे। इसी बीच एक और ऑडियो वायरल हुआ। इसमें निशिकांत कह रहे हैं कि पिछले 11 साल में जो उनसे लड़ा, बुरा व्यवहार किया, धोखा दिया वो या तो जेल गया या उसकी अकाल मृत्यु हो गई, मर्डर केस में फंस गया। इसी बीच चुनाव के दिन एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने राजेश पर हाथापाई का आरोप लगाया और शाम डिप्टी मेयर के घर पर सैकड़ों लोगों के साथ हंगामा किया।
इस बीच नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव आ गया। माना गया कि पर्दे के पीछे निशिकांत ही हैं। लेकिन थोड़े ही वक्त में कुछ भी पर्दे के पीछे नहीं रहा, सब साफ हो गया। निशिकांत खुलकर सामने आ गये। खुद निशिकांत ने विवाद में शामिल दो कार्यकर्ताओं व डिप्टी मेयर के दावेदार पार्षद उमर चांद के साथ दो नवंबर को सुबह 11 बजे अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की।
सांकेतिक अंदाज में लिखा- संगठन के कार्यकर्ता कब बड़े हो जाते हैं यह काम करने के बाद पता चलता है। निगम में भ्रष्टाचार, शहर के विकास, स्मार्ट सिटी, गंगा रिवर फ्रंट जैसी प्रधानमंत्री की योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए जो बीड़ा उठाया है उसके लिए अग्रिम बधाई। इसी दिन निशिकांत ने शाम करीब सात बजे निगम में तख्तापलट की भी घोषणा कर दी।
क्रेडिट एबीवीपी के उन्हीं कार्यकर्ताओं को देते हुए लिखा-इतने कम उम्र में भागलपुर नगर निगम में तख्ता पलट। कितने को पागल करोगे। इसके बाद इसी दिन निशिकांत ने रात करीब सवा दस बजे पोस्ट किया-एक था ‘उप’ भागलपुर।
निशिकांत के इन पोस्टाें के बाद भागलपुर नगर निगम का सियासी पारा चढ़ता गया क्योंकि निशिकांत खुद दावा करते रहे हैं कि पिछले 20-25 सालों में भागलपुर में जिला परिषद, मेयर, डिप्टी मेयर, जिप अध्यक्ष, विधायक, सांसद कौन होगा… मैंने जो भी कहा है, यहां वही हुआ है। इस दावे पर भी जीत के बाद विजयी खेमे ने कटाक्ष किया है। कहा-शायद यह भ्रम अब टूट गया होगा। नतीजे के बाद प्रतिक्रिया जानने के लिए जब भास्कर ने निशिकांत को फोन किया तो उन्होंने कहा-नो कमेंट। मीटिंग में हूं… इस मामले में मुझे कुछ नहीं कहना है।
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