वार्ड संख्या 10 के पार्षद के भाई ध्रुव कुमार सिंह के साथ शुक्रवार की शाम मारपीट व लूटपाट के ओरापियाें की गिरफ्तारी के लिए स्पीकर चाैक कब्रि...

वार्ड संख्या 10 के पार्षद के भाई ध्रुव कुमार सिंह के साथ शुक्रवार की शाम मारपीट व लूटपाट के ओरापियाें की गिरफ्तारी के लिए स्पीकर चाैक कब्रिस्तान मोहल्ले में छापेमारी के लिए काजी मोहम्मदपुर थाने की पुलिस के साथ धक्का मुक्की की गई। महिलाओं काे आगे करके पुलिस टीम काे घेरकर बंधक बना लिया।
सड़क पर उतरकर मोहल्ले के लाेगाें ने हंगामा कर दिया। सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लाेगाें का कहना था कि आपसी विवाद के इस मामले में पुलिस एकतरफा कार्रवाई कर रही है। पुलिस कर्मियों काे बंधक बनाने व बवाल की सूचना पर नगर डीएसपी राम नरेश पासवान, मिठनपुरा थानेदार भागीरथ प्रसाद, नगर थानेदार ओम प्रकाश के अलावा, विवि, बेला और सदर थाने की गश्ती पुलिस टीम माैके पर पहुंची।
बवाल कर रहे लाेगाें काे खदेड़कर भगाया गया। स्थानीय लाेगाें ने आराेप लगाया कि पुलिस ने लाठी चार्ज की जिसमें एक महिला का सिर लाठी लगने से फूट गया। घायल महिला का इलाज सदर अस्पताल में कराया गया है। इस दाैरान पुलिस ने दाे लाेगाें काे बवाल करने के आराेप में गिरफ्तार कर लिया।
आराेपियाें की पहचान को खंगाला फुटेज
वार्ड पार्षद के भाई के साथ लूटपाट व मारपीट के आराेपियाें काे चिह्नित करने के लिए काजी मोहम्मदपुर थाने कीपुलिस ने एलएस काॅलेज के पास दुकान में लगे सीसीटीवी का फुटेज खंगाला। इसमें कई युवक धु्रव कुमार के साथ मारपीट करते हुए दिखे हैं। मारपीट करने वाले आराेपियाें की गिरफ्तारी के प्रयास में पुलिस जुटी है।
हाल में पुलिस पर हुए चर्चित हमले
- 15 दिसंबर माेतीपुर में बाइक चाेर काे पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला थानेदार समेत 9 पुलिस कर्मी हुए जख्मी
- 15 दिसंबर सदर थाने की पुलिस पर शराब तस्कराें ने बाेला हमला, दाराेगा समेत तीन पुलिस कर्मी जख्मी
- 18 नवंबर काे नरमा गांव में जमीन विवाद में हुई मारपीट की खबर पर पहुंची पुलिस टीम पर एक पक्ष ने बाेला था हमला
- 11 अक्टूबर काे वारंटी काे गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर पारू में हमला, इसमें थानेदार समेत 3 जख्मी।
भास्कर एक्सपर्ट: रिटायर्ड नगर डीएसपी अनिल कुमार सिंह बता रहे पुलिस पर हमले के 4 बड़े कारण
1. कुछ लाेग पुलिस पर गलत काम के लिए दबाव बनाते हैं और उनका काम नहीं हाेता है। ऐसे लाेग विधि व्यवस्था की समस्या के वक्त पुलिस के खिलाफ आमजन काे भड़काते हैं।
2. पुलिसकर्मियाें में व्यवहार की घाेर कमी है। थाने पर आने वाले फरियादियाें के साथ पुलिसकर्मी का व्यवहार अच्छा नहीं रहता है। जिससे लाेगाें के मन में पुलिस की खराब छवि घर कर जाती है।
3. कई बार संवदेनशील घटना में पुलिस समय से त्वरित कार्रवाई नहीं कर पाती है। जिससे पुलिस के खिलाफ जनाक्राेश आसानी से भड़क जाता है। परिणाम पुलिस पर हमला के रूप में सामने आता है।
4. दुर्घटना जैसे मामलाें में मुआवजे की जटिल प्रक्रिया है। इस वजह से लाेग मुआवजा लेने के लिए लाेग सड़क पर शव रखकर हंगामा करते हैं ताकि प्रशासन पर दबाव बढ़े।
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