हाल के कुछ वर्षों में शहर में बने मकानों से नगर निगम टैक्स नहीं वसूल पा रहा है। ऐसे मकानों काे चिह्नित कर टैक्स वसूली की जाएगी। उधर, शहर के...

हाल के कुछ वर्षों में शहर में बने मकानों से नगर निगम टैक्स नहीं वसूल पा रहा है। ऐसे मकानों काे चिह्नित कर टैक्स वसूली की जाएगी। उधर, शहर के फ्लाईओवर के नीचे रहनेवाले लोगों व कारोबारियों से प्रधान सड़क के हिसाब से टैक्स नहीं लिया जाएगा। राशन कार्ड की समस्या को लेकर जल्द ही वार्ड पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिलेगा। ये निर्णय शुक्रवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में लिए गए। साथ ही कई अन्य फैसलों पर भी मुहर लगी।
इस बीच अधिकतर पार्षदों ने नगर निगम के अधिकारियों के रवैए पर गहरी नाराजगी जताई। कहा- वे पार्षदाें की बात नहीं सुनते हैं। अध्यक्षता करते हुए मेयर सुरेश कुमार ने कहा कि फिलहाल नगर निगम बोर्ड, सशक्त स्थाई समिति, पार्षद व नगर आयुक्त के अधिकार-कर्तव्य, स्थानांतरण पर अभी कोई चर्चा नहीं होगी। अधिकारियों को पार्षदों की बात सुननी चाहिए और बैठक के निर्णयाें का अनुपालन हाेना चाहिए।
कांटी विधायक इसराइल मंसूरी ने कहा कि जनप्रतिनिधि व अधिकारी दोनों के अपने-अपने अधिकार-कर्तव्य हैं। दोनों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला ने कहा कि एक माह के अंदर नक्शा स्वीकृत हाे और दो माह में म्यूटेशन। जो ठेकेदार काम पूरा कर दें उनका भुगतान एक माह में हो जाना चाहिए।
निगम अधिकारियों के रवैए पर पार्षदों ने जताई नाराजगी, दिए कई सुझाव भी
डिप्टी मेयर: नक्शा एक माह में स्वीकृत हो और म्यूटेशन दो माह में हाे जाए।
रतन शर्मा: जब हम एक स्लैब भी नहीं बनवा सकते हैं, तो इस्तीफा ही ले लीजिए
केजरीवाल: बिजली की चोरी कर चलाया जा रहा है नगर निगम का सबमर्सेबल।
सुषमा देवी: शहर की आवास योजना में भी नहीं ली जा रही है पार्षदों की राय।
विधायक की पहल पर टला हंगामा
नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने बैठक में हंगामा टालने की पहल की। नगर आयुक्त के नहीं आने के बावजूद चुनाव जीतने के बाद पहली बैठक में वे हंगामा नहीं चाहते थे। इसलिए समय से पहले ऑडिटोरियम पहुंचे और पहले मेयर से बात की। फिर पार्षदों से अलग-अलग बात कर हंगामा नहीं करने के लिए तैयार कराया। सबकाे आश्वस्त कराया कि नगर आयुक्त से वे बात करेंगे। इसके लिए उन्हाेंने 15 दिन से एक माह का समय लिया। डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला भी हंगामा के पक्ष में नहीं थे। उनका भी साफतौर से संकेत था कि लड़ाई-झगड़ा नहीं, काम होना चाहिए। कहा- अब डेढ़ साल ही हमलोगों के पास है।
कई अन्य पार्षदों ने भी निगम प्रशासन पर खड़े किए सवाल
हरिओम ने कहा- बैठक में ताे हंगामा नहीं हो, पर पार्षद काे जब कोई अधिकार ही नहीं तो सरकार चुनाव क्याें कराती? संजय केजरीवाल ने कहा- धोबिया गली, एजेंट गली, डोमा पोखर सड़क 8-10 फीट चौड़ी है। बावजूद प्रधान सड़क के हिसाब से टैक्स लिया जा रहा। बहलखाना के औचक निरीक्षण के दौरान महापौर ने वहां तेल का खेल पकड़ा। वहीं से नगर आयुक्त को सूचना दी। नगर आयुक्त मेयर से साक्ष्य मांगते हैं।
अजीब स्थिति है। रतन शर्मा ने कहा- हम एक स्लैब तक नहीं बना सकते, ताे पार्षद रहने का क्या मतलब। इससे ताे बेहतर इस्तीफा ले लीजिए। सुषमा देवी बाेलीं- मेरे वार्ड में अब भी नाला का पानी रोड पर बह रहा। आवास योजना में पार्षदों की राय नहीं ली जा रही। पार्षद केपी पप्पू ने अधिकारियों व पार्षदों के बीच समन्वय बनाकर काम करने की सलाह दी।
अजय ओझा ने राशन आवास समेत कई प्रमुख मुद्दे उठाए। बैठक में राकेश सिन्हा पप्पू व अन्य पार्षद, अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद, उप नगर आयुक्त राकेश कुमार व हीरा कुमारी, सिटी मैनेजर प्रधान सहायक अशोक सिंह समेत कई अन्य विभागाें के अधिकारी शामिल थे। डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि ने काेराेना वैक्सीन के संबंध में जानकारी दी।
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