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पस्त हुआ पाक : पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में पाक कपड़ा मंत्रालय ने देश में वस्त्र क्षेत्र में कच्चे माल की कमी को दूर करने के लिए भारत से कपास व सूती धागे के आयात पर रोक हटाने के लिए कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) से अनुमति मांगी है

 पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में पाक कपड़ा मंत्रालय ने देश में वस्त्र क्षेत्र में कच्चे माल की कमी को दूर करने के लिए भारत से कपास के आयात प...





 पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में पाक कपड़ा मंत्रालय ने देश में वस्त्र क्षेत्र में कच्चे माल की कमी को दूर करने के लिए भारत से कपास के आयात पर लगे प्रतिबंध को हटाने की सिफारिश की है। द डॉन न्यूज ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि कपड़ा उद्योग मंत्रालय ने भारत से कपास व सूती धागे के आयात पर रोक हटाने के लिए कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) से अनुमति मांगी है।



एक अधिकारी ने बताया कि हमने प्रतिबंध हटाने के लिए ईसीसी से एक हफ्ते से भी पहले लिखित आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि समन्वय समिति के निर्णय को औपचारिक अनुमोदन के लिए संघीय मंत्रिमंडल में रखा जाएगा। प्रधानमंत्री ने वाणिज्य एवं कपड़ा मंत्रालय के प्रभारी के रूप में इस आवेदन को इसीसी के समक्ष प्रस्तुत करने की मंजूरी दे दी है।



पाक में कपास की कम पैदावार के चलते भारत से इसके आयात का मार्ग प्रशस्त हुआ है। प्रधानमंत्री खान, जो वाणिज्य और टेक्सटाइल मंत्रालय के प्रभारी भी हैं, उन्होंने पहले ही ईसीसी के सामने रखी जाने वाली रिपोर्ट को अपनी मंजूरी दे दी है। भारत से आने वाले कपास पर प्रतिबंध समाप्त करने की मांग से वैल्यू-एडेड टेक्सटाइल क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी, जो सस्ता कच्चा माल प्राप्त करना चाहता है।


पाक को कपास आयात में भारत से कई फायदे

कपास और यार्न की कमी के कारण, पाकिस्तान में लोगों को अमेरिका, ब्राजील और उज्बेकिस्तान से कपास आयात को मजबूर होना पड़ा था। लेकिन यह आयात भारत से न सिर्फ काफी सस्ता पड़ेगा बल्कि यह तीन से चार दिनों के भीतर पाकिस्तान पहुंच सकेगा। बाकी देशों से कपास धागे का आयात पाकिस्तान के लिए महंगा होने के साथ-साथ इसे देश तक पहुंचने में एक से दो महीने का समय लगता है।


अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद पाक ने रद्द किया था भारत के साथ व्यापार

पाकिस्तान ने व्यापार क्षेत्र के कई मामलों में भारत से संपर्क तोड़कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी थी। 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपना व्यापार रद्द कर दिया था। लेकिन इसके बाद उसे भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। इससे पहले मई-2020 में पाक ने कोविड-19 महामारी के चलते भारत से दवाओं और कच्चे माल पर लगी रोक भी खत्म कर दी थी।


कम होगा मांग-आपूर्ति का अंतर

पाकिस्तान टेक्सटाइल निर्यातक एसोसिएशन के चेयरमैन खुर्रम मुख्तान ने कहा कि भारत से कच्चे कपास, यार्न और ग्रे फेब्रिक का आयात शुरू होने से मांग-आपूर्ति के बीच का अंतर कम करने में मदद मिलेगी। पाक में वार्षिक कपास उपभोग का अनुमान न्यूनतम 1.2 करोड़ गांठ है, जबकि नेशनल खाद्य सुरक्षा और रिसर्च मंत्रालय का अनुमान है कि इस साल पाक में 77 लाख गांठ कपास का ही उत्पादन होगा।



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