गुड़गांव अमेरिका के लोगों को वॉइस मेल भेजकर कहा जाता था कि आपके खिलाफ केस है और यदि इसका निपटारा नहीं किया तो सोशल सिक्यॉरिटी (एसएस) नंबर...

गुड़गांव अमेरिका के लोगों को वॉइस मेल भेजकर कहा जाता था कि आपके खिलाफ केस है और यदि इसका निपटारा नहीं किया तो सोशल सिक्यॉरिटी (एसएस) नंबर ब्लॉक किया जाएगा। ऐसा कर उद्योग विहार के एक फर्जी कॉल सेंटर से अमेरिका के नागरिकों को ठगा जा रहा था। साइबर क्राइम थाना पुलिस की टीम ने कॉल सेंटर पर रेड कर दो आरोपितों को अरेस्ट किया है। तीन पार्टनर मिलकर ये कॉल सेंटर को चला रहे थे। तीनों के खिलाफ साइबर क्राइम थाने में शनिवार दोपहर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर चंद्र बल्लभ को शनिवार सुबह सूत्र से सूचना मिली। सूत्र ने बताया कि उद्योग विहार फेज-3 के प्लॉट नंबर 427 में दमन एंड द्वीप निवासी पार्थ केशु अपने पार्टनरों व कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी कॉल सेंटर चला रहा है। वहां से अमेरिका के लोगों को ठगा जा रहा है। एसीपी डीएलएफ करण गोयल को मामले की जानकारी दी गई तो उन्होंने निर्देश जारी कर टीम का गठन किया। टीम रेड के लिए उद्योग विहार के पते पर पहुंची। खुद एसीपी भी इस कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे। टीम वहां पहुंची तो कुछ युवक-युवतियां कानों में ईयर फोन लगाकर डायलर के जरिये कंप्यूटर व लैपटॉप के सामने बैठे बात कर रहे थे। टीम ने वहां की फोटो लेने के साथ ही विडियो भी मोबाइल से बनाई। वहां मौजूद कर्मचारियों ने पूछा गया तो बोले कि मालिक पार्थ केशु नहीं है और वो 10-12 दिन में एक बार आता है। वहां बने एक अन्य केबिन में कॉल सेंटर के सहायक संचालक गुजरात अहमदाबाद निवासी अलकेश आचार्य मौजूद मिला। वो फिलहाल सेक्टर-51 के बेलागियो अपार्टमेंट में रहते हैं। कॉल सेंटर के जरूरी दस्तावेज व अन्य डिटेल मांगी गई लेकिन वो कुछ नहीं दिखा सका। गिफ्ट कार्ड के माध्यम से लेते थे राशि जांच में सामने आया कि कॉल सेंटर मालिक अमेरिका के नागरिकों का डेटा ऑनलाइन अलग-अलग वेबसाइट से खरीदते हैं। इस डेटा को अपने सर्वर वीआईसीआई डायलर पर अपलोड कर करीब 4 से 5 हजार अमेरिकी नागरिकों के पास बल्क में वॉयस मेल व मेसेज भेजते हैं, जिसमें लिखा होता है कि हम सेशल सिक्यॉरिटी एडमिनिस्ट्रेशन विभाग से बात कर रहे हैं। आपके सोशल सिक्यॉरिटी नंबर पर लीगल केस फाइल किया गया है क्योंकि आपके नंबर से कुछ फर्जीवाड़े की गतिविधि हुई है। इसके लिए विभाग के कर्मचारी से बात करने के लिए 1 दबाएं तो आपकी बात विभाग में होगी। यदि जवाब नहीं दिया तो आपका सोशल सिक्यॉरिटी नंबर ब्लॉक कर दिया जाएगा। फिर कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अमेरिकी नागरिक 1 नंबर बटन दबाता तो उससे कॉल सेंटर के कर्मचारी डॉयलर के जरिये बात करते। पीड़ित को अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस में दर्ज फर्जी क्रिमिनल नंबर बता दिया जाता। एसएस नंबर ब्लॉक होने का डर दिखाकर 100 से 800 डॉलर की मांग करते। फिर बातचीत के बाद तय हुई राशि को ट्रेगेट, एप्पल व नाइक आदि के गिफ्ट कार्ड खरीदवाकर उनके नंबर पूछकर नोटपेड पर लिख लेते। अपने विदेशी परिचित को भेजकर गिफ्ट कार्ड कैश कराने के साथ ही अन्य माध्यम से रुपये हासिल कर लेते। 6 महीने से चल रहा था कॉल सेंटर सहायक संचालक अलकेश ने खुलासा किया कि बीते 6 महीने से किराये पर ऑफिस लेकर फर्जी कॉल सेंटर चला रहे हैं। इसमें हम तीन पार्टनर हैं, जिसमें अलकेश के अलावा पार्थ केशु और वैभव सुसानिया शामिल हैं। वैभव मुंबई के माटूंगा ईस्ट का रहने वाला है और फिलहाल सेक्टर-51 की सोसायटी में रहता है। कॉल सेंटर संचालन के लिए 16 युवक व 4 युवतियों को नौकरी पर रखा हुआ है। यह सामान किया जब्त मौके पर मिले दोनों आरोपित पार्टनरों के दो लैपटॉप, तीन मोबाइल, दो घड़ी पुलिस टीम ने जब्त की। इसके साथ ही 4 पेज की स्क्रिप्ट को भी जब्त किया गया जिसका प्रयोग ये फर्जीवाड़े के लिए करते।
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