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50% को लगी पहली डोज, अस्पतालों में 90% बेड खाली... जानें नोएडा में क्या हाल

नोएडा टीकाकरण की रफ्तार उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले गौतमबुद्ध नगर में अव्वल है। अब तक जिले में टीकाकरण करीब 50 फीसदी तक पहुंच ग...

नोएडा टीकाकरण की रफ्तार उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले गौतमबुद्ध नगर में अव्वल है। अब तक जिले में टीकाकरण करीब 50 फीसदी तक पहुंच गया है। जिले में अब तक प्राइवेट व सरकारी वैक्सीनेशन कैंप में करीब सात लाख 80 हजार लोगों को पहली डोज लग चुकी है। वहीं कोरोना की दूसरी लहर का असर अब खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में अब बेहद कम संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा हैं। नोएडा में कोविड मरीजों के इलाज की सुविधा के लिए शासन के निर्देश पर कोविड अस्पतालों में बेड की जानकारी के लिए पोर्टल तैयार किया गया था। इससे मरीजों को भर्ती कराने के लिए बेड की उपलब्धता और समय पता चल सके। मई में एक दौर ऐसा भी आया था जब मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे। इलाज के अभाव में अस्पतालों के बाहर मौत हो रही थीं। अब कोरोना संक्रमण के धीमे होने से बेड भी खाली होने लगे हैं। सिर्फ 1 लाख 80 हजार को लगी दूसरी डोज नोएडा के सरकारी कैंप में करीब पांच लाख 60 हजार लोगों को पहली डोज लग चुकी है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों द्वारा 2.20 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। हालांकि दूसरी डोज लगवाने के मामले में जिला काफी पीछे है। जिले में अभी करीब एक लाख 80 हजार लोगों को ही दूसरी डोज लगी है। टीकाकरण कराने में सीनियर सिटीजन सबसे अव्वल है। सरकारी टीकाकरण में करीब तीन लाख लोग टीकाकरण करा चुके हैं। वहीं जिले में टीकाकरण का टारगेट जुलाई तक है। इसी रफ्तार से टीकाकरण चलता रहा तो जून के आखिर तक टारगेट के अनुसार पहली डोज लगी जाएगी लेकिन दूसरी डोज का टारगेट जुलाई के आखिर तक मुश्किल पूरा हो पाएगा। रोज 22 से 25 हजार को लग रहे टीके: जिले में रोजाना 22 से 25 हजार लोगों को टीका लग रहा है। सरकारी केंद्रों पर 12 से 14 हजार और प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना करीब 10 से 11 हजार लोगों को टीक लग रहा है। 3 209 बेड खाली जिले के सरकारी व 23 प्राइवेट अस्पतालों में कोविड के लिए 3,456 बेड हैं। जिला प्रशासन की ओर से तैयार किए गए पोर्टल के मुताबिक जिले में 3209 बेड खाली हैं। इन 23 अस्पतालों में अब कोरोना के इलाज वाले 247 बेड ही भरे हुए हैं। इनमें भी ज्यादातर ऑक्सिजन और वेंटिलेटर बेड खाली हैं। वही कुछ अस्पतालों में तो नॉर्मल बेड भी पूरी तरह से खाली पड़े हैं। आने वाले दिनों में और ज्यादा बेड खाली होने की उम्मीद है। ढ़ूंढे से नहीं मिल रहे थे बेड कोरोना की दूसरी लहर में शहर में मरीजों को एडमिट कराने के लिए उनके परिजनों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा था। अस्पतालों में बेड खाली न होने पर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा था। मई में तो यह हालत थी कि मरीजों को अस्पतालों के बाहर पांच 5 घंटे तक इंतजार करना पड़ा था। क्या कहते हैं सीएमओ जिले में अब कोरोना के केस में काफी कमी आ गई है। एक तरह से अब दूसरी लहर में कोरोना का अंतिम चरण चल रहा है। अस्पतालों में ज्यादातर बेड खाली हो गए हैं। अब सभी अस्पतालों में कोरोना के चुनिंदा मरीज बचे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। डॉ. दीपक ओहरी, सीएमओ जिले के कोविड अस्पतालों में ऑक्सिजन वाले कुल 2268 बेड हैं। इनमें से 2095 भरे और 173 खाली हैं। वहीं कुल नॉर्मल बेड 1088 हैं। इनमें से 1063 खाली हो चुके हैं और 25 भरे हुए हैं। कुल पोस्ट कोविड बेड 100 हैं। इनमें से 51 खाली हैं और 49 भरे हुए हैं। सेक्टर 39 के सरकारी कोविड अस्पताल में कोरोना के मरीजों के कुल 168 बेड हैं। इनमें 145 खाली और 23 भरे हुए हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा के जिम्स में 420 बेड में से 363 खाली और 57 भरे हुए हैं।


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