कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द क...
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा, ''छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।''
1. सीबीएसई के बाद काउंसिल फॉर द इंडियन सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ( सीआईएससीई ) ने भी अपनी 12वीं कक्षा (आईएससी) की परीक्षा रद्द कर दी है।
2. पीएम मोदी ने कहा, 'सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने का निर्णय छात्रों के हित में लिया गया। उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की उत्सुकता को समाप्त किया जाना चाहिए। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इससे समझौता नहीं किया जा सकता। छात्रों को कोविड-19 महामारी के इस तनावपूर्ण माहौल में परीक्षा देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
Government of India has decided to cancel the Class XII CBSE Board Exams. After extensive consultations, we have taken a decision that is student-friendly, one that safeguards the health as well as future of our youth. https://t.co/vzl6ahY1O2
— Narendra Modi (@narendramodi) June 1, 2021
3. सरकार ने कहा, 'बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा अधिकारियों द्वारा विस्तृत प्रस्तुति की समीक्षा तथा राज्यों सहित सभी हितधारकों के साथ परामर्श के बाद रद्द की गयी।'
4. पिछले साल की तरह, यदि कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा।
5. पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कक्षा 12वीं का रिजल्ट एक उपयुक्त व उचित क्राइटेरिया के आधार पर समयबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा।
6. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब कोविड पश्चात जटिलताओं के कारण केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को मंगलवार सुबह एम्स में भर्ती कराया गया।
7. इससे पहले, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण 14 अप्रैल को 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने और 12वीं बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की गई थी। शिक्षा मंत्रालय ने हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में राज्यों एवं विभिन्न पक्षकारों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावडेकर, स्मृति ईरानी आदि ने हिस्सा लिया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों एवं अन्य पक्षकारों से परीक्षा को लेकर सुझाव मांगा था ।
8. 23 मई को हुआ था मंथन,
केंद्र सरकार ने सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा, राज्य बोर्ड परीक्षाओं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर 23 मई को राज्यों के साथ गहन मंत्रणा की थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्र ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दो विकल्प राज्यों के समक्ष रखे। सूत्रों का कहना है कि 75 फीसदी राज्य दूसरे विकल्प पर सहमत नजर आए जिसमें बोर्ड परीक्षाएं दो बार करने का जिक्र है।
दूसरे विकल्प पर 75 फीसदी राज्य सहमत:
सूत्रों ने कहा कि 75 फीसदी राज्य दूसरे विकल्प पर सहमत हैं। केंद्र द्वारा सुझाए जिस दूसरे विकल्प पर राज्य सहमत दिखे उनमें बोर्ड परीक्षाएं स्कूल में ही कराने, सिर्फ 19 प्रमुख विषयों की परीक्षा कराने, प्रश्न पत्र की अवधि डेढ़ घंटे का रखने, सभी प्रश्नों को वस्तुनिष्ठ स्वरुप में देने, दो बार परीक्षाएं कराने ताकि कोई छात्र कोरोना से संबंधित कारणों के चलते एक बार शामिल नहीं हो सके तो दूसरी बार शामिल हो जाए, की बात कही गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि छात्र को एक भाषा और तीन इलेक्टिव पेपर देने होंगे। जबकि पांचवें एवं छठे पेपर में उसे पिछली परीक्षा के आधार पर अंक दिए जाएंगे।
पहले विकल्प में था बोर्ड के नियम पर जोर:
पहले विकल्प में 19 प्रमुख विषयों की परीक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर कराने का प्रस्ताव था जिसमें बाकी पूरी परीक्षा बोर्ड के नियमों के तहत कराने की बात कही गई थी। सरकार ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया करने में तीन महीने का समय लग सकता है। केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि जुलाई या अगस्त तक परीक्षा के लिए उपयुक्त स्थितियां होने के आसार हैं। कुछ राज्यों ने विल्कप एक एवं दो में से कुछ बिन्दुओं को मिलाकर भी परीक्षाएं आयोजित करने की बात कही है।
9. सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई मामले पर 3 जून को सुनवाई
शीर्ष अदालत ने सोमवार को कोविड-19 महामारी के चलते 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 3 जून तक स्थगित कर दी थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी कहा था कि दो दिनों के भीतर 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला ले लिया जाएगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'यदि आप पिछले साल वाली पॉलिसी से अलग रुख अपना रहे हैं तो आपको इसके लिए ठोस कारण बताना चाहिए।'
10. सीबीएसई ने 14 अप्रैल को कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि को देखते हुए कक्षा 10 की परीक्षा रद्द करने और कक्षा 12वीं की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी। लेकिन कोरोना के हालातों को देखते हुए 12वीं की परीक्षा कराना मुश्किल लग रहा था। छात्र व अभिभावक इसका काफी विरोध कर रहे थे। पेरेंट्स को अपने बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता सता रही थी।
No comments