फिल्ममेकर आयशा सुल्ताना पर राजद्रोह का केस दर्ज कराने पर अब भाजपा नेताओं के बीच आपस में ही दो फाड़ होने की स्थिति पैदा हो गई है। लक्षद्वीप...
फिल्ममेकर आयशा सुल्ताना पर राजद्रोह का केस दर्ज कराने पर अब भाजपा नेताओं के बीच आपस में ही दो फाड़ होने की स्थिति पैदा हो गई है। लक्षद्वीप के 15 भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आयशा सुल्ताना पर केस दर्ज कराए जाने के खिलाफ अपना इस्तीफा दे दिया है। लक्षद्वीप के भाजपा अध्यक्ष सी अब्दुल खादर हाजी की शिकायत पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था।
भाजपा के राज्य सचिव अब्दुल हामिद ने कहा कि आपने चेतलाथ की बहन के खिलाफ झूठी और अनुचित शिकायत दर्ज की है। हम इस पर कड़ी आपत्ति जताते हैं और अपना-अपना इस्तीफा देते हैं। लक्षद्वीप की पहली महिला फिल्मकार आयशा सुल्ताना पर कावारत्ती पुलिस स्टेशन में शुक्रवार को राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। दरअसल, एक टीवी बहस के दौरान आयशा ने लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल के फैसलों और कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते उनकी आलोचना की थी।
पार्टी के 12 नेताओं और कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर वाला एक ख़त अब्दुल खादर हाजी को भेजा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि लक्षद्वीप में भाजपा इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि कैसे वर्तमान प्रशासक पटेल की हरकतें जनविरोधी, लोकतंत्र विरोधी हैं और लोग इससे खासे परेशान हैं। पार्टी से इस्तीफा देने वालों में भाजपा के राज्य सचिव अब्दुल हामिद मुल्लीपुरा, वक्फ बोर्ड के सदस्य उम्मुल कुलूस पुथियापुरा, खादी बोर्ड के सदस्य सैफुल्ला पक्कियोडा, चेतलाट इकाई के सचिव जाबिर सलीहथ मंजिल और पार्टी कार्यकर्ता शामिल हैं।
इन नेताओं ने आयशा सुल्ताना का समर्थन करते हुए लिखा है, 'दूसरों की तरह आयशा ने भी मीडिया में अपनी राय साझा की। पुलिस में आपकी शिकायत के आधार पर आयशा सुल्ताना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आपने चेतलाथ की बहन के खिलाफ झूठी और अनुचित शिकायत दर्ज की है, और उसके परिवार और उसके भविष्य को बर्बाद कर दिया है।' बता दें कि अब्दुल खादर ने आयशा सुल्ताना पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मलयालम चैनल पर बहस के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना को लेकर झूठी खबर का प्रसार किया था। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने लक्षद्वीप में कोरोना के प्रसार के लिए जैविक हथियारों का इस्तेमाल किया।
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