लखनऊ गाजियाबाद के लोनी में हुई के मामले पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। बीजेपी ने मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने का आरोप लगाय...

लखनऊ गाजियाबाद के लोनी में हुई के मामले पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। बीजेपी ने मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद अब कैबिनेट मंत्री ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल गांधी और पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाए जाने की भी मांग की। बीजेपी नेता और यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, 'लोनी की घटना को सांप्रदायिक रंग देकर यूपी में विपक्ष खासकर सपा, 2022 में सत्ता में आने के लिए बेताब है। भाजपा सरकार यूपी को एक बार फिर सांप्रदायिक शक्तियों का गढ़ नहीं बनने देगी, जो कि सपा के शासन में देखा गया था।' दरअसल, गाजियाबाद से एक मुस्लिम बुजुर्ग शख्स का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में दिख रहा है कि बुजुर्ग शख्स मारने वालों के आगे हाथ जोड़ रहा है लेकिन वो उसकी नहीं सुन रहे। आरोपी, बुजुर्ग की पिटाई करते जा रहे हैं। पहले यह आरोप लगा कि आरोपियों ने पीड़ित से धर्म विशेष के नारे लगवाए। लेकिन बाद में पुलिस ने खुलासा किया कि बुजुर्ग ताबीज बनाता था, जिसका उल्टा असर करने पर मारपीट की गई। आरोपी भी उसी धर्म से ताल्लुक रखते हैं। पढ़ें खबर: राहुल गांधी, ओवैसी पर रासुका लगाने की मांग सिद्धार्थनाथ सिंह ने इसके साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने की भी मांग की। बुजुर्ग के साथ मारपीट के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज और धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है। वहीं ओवैसी ने हिंदुत्ववादी विचारधारा पर निशाना साधते हुए मानवाधिकार आयोग से भी संज्ञान लेने की अपील की। शर्म आनी चाहिए...योगी का राहुल पर निशाना योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, 'प्रभु श्री राम की पहली सीख है- 'सत्य बोलना' जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।' की जांच में सामने आई ये बात गाजियाबाद पुलिस ने इस घटना के बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता के वायरल वीडियो के संबंध में जांच करने पर पाया कि पीड़ित अब्दुल समद 5 जून को बुलंदशहर से बेहटा, लोनी बॉर्डर आया था। जहां से एक दूसरे शख्स के साथ अहम मुल्ज़िम परवेश गुज्जर के घर बंथला, लोनी गया था। पुलिस ने आगे बताया कि परवेश के घर पर कुछ वक्त में बाकी लड़के कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद वगैरह आ गए और परवेश के साथ मिलकर बुजुर्ग से मारपीट शुरू कर दी।
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