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शाही ट्रेन में सफर, पुराने दोस्तों से भेंट, कानपुर आ रहे राष्‍ट्रपति कोविंद का ये रहा पूरा शेड्यूल

कानपुर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद पदभार संभालने के बाद पहली बार कानपुर जिले में अपने पैतृक गांव परौंख जा रहे हैं। वह स्‍पेशल प्रेजिडेंशियल...

कानपुर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद पदभार संभालने के बाद पहली बार कानपुर जिले में अपने पैतृक गांव परौंख जा रहे हैं। वह स्‍पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन से दिल्‍ली के सफदरगंज रेलवे स्‍टेशन से शुक्रवार को चलेंगे। रास्‍ते में अपने स्‍कूली दोस्‍तों और पुराने दिनों के मित्रों से मिलने के लिए वह दो जगह- झींझक और रूरा (कानपुर देहात) रुकेंगे। यह है पूरा प्रोग्राम रास्‍ते में इन मित्रों से मिलने के बाद राष्‍ट्रपति कोविंद आज कानपुर पहुंचेंगे और अगले दिन अपने पुराने परिचितों से मिलेंगे। इसके बाद राष्‍ट्रपति अपने पैतृक गांव परौंख और कस्‍बा पुखरायां हेलिकॉप्‍टर के जरिए जाएंगे। 27 जून को वहां उनके सम्‍मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। वहां से 27 को ही वह वापस कानपुर आ जाएंगे। यहां रात में रुकने के बाद 28 जून की सुबह वह अपनी खास प्रेजिडेंशियल ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। लखनऊ में वह दो दिन रुक कर 29 जून की शाम को एयरफोर्स के विमान से दिल्‍ली पहुंचेंगे। राष्‍ट्रपति भवन की ओर से बताया गया कि राष्‍ट्रपति की अपने पैतृक गांव जाने की योजना काफी समय से थी लेकिन महामारी की वजह से ऐसा न हो सका। भारत के राष्‍ट्रपति देश की जनता से मिलने के लिए ट्रेन का इस्‍तेमाल करते आए हैं। राष्‍ट्रपति कोविंद भी उसी परंपरा का पालन कर रहे हैं। परंपरा का पालन कर रहे कोविंद 15 वर्षों बाद देश को कोई राष्‍ट्रपति ट्रेन से सफर कर रहा है। इससे पहले राष्‍ट्रपति अब्‍दुल कलाम साल 2006 में इंडियन मिलिटरी अकैडमी की पासिंग आउट परेड में हिस्‍सा लेने के लिए दिल्‍ली से देहरादून गए थे। देश के पहले राष्‍ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भी अकसर ट्रेन यात्रा करते थे। राष्‍ट्रपति बनने के बाद वह बिहार के सीवान जिले में स्थित अपने पैतृक गांव जीरादेई गए थे। उन्‍होंने छपरा से जीरादेई के लिए स्‍पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन पकड़ी और वहां तीन दिन रहे। पूरे रास्‍ते में चाक चौबंद सुरक्षा व्‍यवस्‍था राष्ट्रपति की प्रेजीडेंशियल स्पेशल ट्रेन आने से पहले राज्य प्रशासन और रेलवे पूरे कानपुर रूट की सुरक्षा चाक चौबंद कर रहा है। इसके लिए गुरुवार को रेलवे, जीआरपी और पुलिस कमिश्नरेट के अफसरों ने दृष्टि निरीक्षण यान से लखनऊ से कानपुर ब्रिज तक निरीक्षण किया। यह यान अत्याधुनिक कैमरों से भी लैस है। इसके जरिए पटरियों के दोनों ओर रेकॉर्डिंग भी की गई। दिल्ली से कानपुर तक रेलवे लाइन के दोनों ओर पुलों, नालों और झाड़ियों के आसपास सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। इसके बाद 28 जून को कानपुर से लखनऊ आने के दौरान भी पूरे रेलखंड पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। इसके मद्देनजर गुरुवार को अफसरों से चारबाग स्टेशन से कानपुर गंगा पुल तक दोनों लाइनों का जायजा लिया गया। सुरक्षा टीम की अगुवाई एसपी रेलवे सौमित्र यादव ने की। झींझक, रूरा में करेंगे मित्रों से मुलाकातराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रेजिडेंशियल स्पेशल से आने के दौरान कानपुर देहात के झींझक और रूरा रेलवे स्टेशन पर स्कूल के पुराने मित्रों से भी मुलाकात करेंगे। इसके लिए वहां भी बड़े पैमाने पर सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं। कानपुर में तीन दिनों के प्रवास के बाद वह 28 जून को लखनऊ आएंगे। इस दौरान रास्ते में पड़ने वाले सभी रेलवे फाटकों, पुलों और झाड़ियों के आसपास भी सुरक्षा कर्मीतैनात किए जाएंगे। खाली रहेंगे ज्यादातर प्लैटफॉर्मप्रेजिडेंशियल स्पेशल ट्रेन के संचालन के दौरान कानपुर रूट पर दूसरी कोई ट्रेन नहीं चलेगी। इस ट्रेन के चारबाग स्टेशन पर आने के दौरान ज्यादातर प्लैटफॉर्म खाली रखे जाएंगे। ट्रेन भले ही प्लैटफॉर्म एक पर आएगी, लेकिन इस दौरान प्लैटफॉर्म दो और तीन भी पूरी तरह खाली रहेंगे। वहीं यात्रियों को पार्सल साइडिंग से प्लैटफॉर्म तक जाने की सुविधा दी जाएगी।


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