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गाजियाबाद पिटाई कांड: इससे जुड़े सवाल और हर किरदार की अपनी-अपनी कहानी

गाजियाबाद बुलंदशहर के अनूपशहर के रहने वाले अब्दुल समद सैफी (72 साल) 5 जून को अपने किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए गाजियाबाद गए थे। यहां उन...

गाजियाबाद बुलंदशहर के अनूपशहर के रहने वाले अब्दुल समद सैफी (72 साल) 5 जून को अपने किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए गाजियाबाद गए थे। यहां उन्होंने ऑटो लिया था। उसमें 4 युवक सवार थे। युवकों ने उनकी दाढ़ी काटी। परिजन का दावा है कि समद पर जय श्रीराम बोलने का दवाब डाला गया और न कहने पर दाढ़ी काट दी गई। वीडियो वायरल होने के बाद से पीड़ित, आरोपी और पुलिस आमने-सामने है। जानते हैं पूरे मामले में कौन क्या कह रहा है? 'ताबीज को लेकर हुआ विवाद'पुलिस ने कहा कि अब तक की जांच में पता चला है कि विवाद ताबीज की वजह से हुआ। बुलंदशहर के रहने वाले 65 साल के अब्दुल समद ने प्रवेश को एक ताबीज दी थी। ताबीज ने असर नहीं किया। 5 जून को अब्दुल से इसी वजह से प्रवेश ने मारपीट की। उनकी दाढ़ी भी काट दी गई। मारपीट और दाढ़ी काटने का बगैर ऑडियो वाला पहला विडियो इसी घटनाक्रम का था। 'मेरे पिता ताबीज देने का काम नहीं करते'बबलू सैफी ने आगे कहा, 'यह बात बेबुनियाद है कि मेरे पिता ताबीज देने का काम करते हैं। हम लुहार-बढ़ई का काम करते हैं और मेरा खुद का लकड़ी का काम है। ताबीज देने का इल्जाम गलत है।' बबलू सैफी ने इस मामले में गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ने जिन लड़कों को पकड़ा है क्या वे लड़के उस वीडियो में हैं?' बुजुर्ग के परिवार ने पुलिस पर लगाए आरोप पीड़ित के बेटे तैय्यब सैफी ने बताया, 'गाजियाबाद पुलिस ने कहा था कि मुल्लाजी दाढ़ी कट गई तो कोई बात नहीं है। हवा खुलकर आएगी।' उन्होंने आगे बताया कि पुलिसकर्मी ने वापस लौटने के लिए उन्हें 2 हजार रुपये भी दिए थे। इस पर परिवार के लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं आहत करती हैं। दाढ़ी काटना समाज के लिए शर्मनाक है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। परिवार ने दावा किया है कि पीड़ित अब्दुल समद कारपेंटर हैं। वह ताबीज का काम नहीं करते हैं। पुलिस ने फेक न्यूज फैलाने के लिए इन लोगों पर केस किया दर्ज डीआईजी अमित पाठक ने कहा कि पूरे घटनाक्रम को एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया। पुलिस ने घटना की पूरी रिपोर्ट ट्विटर को दी और भ्रामक पोस्ट हटाने की अपील की। सामाजिक सद्भावना को वायरल हो रही पोस्ट से खतरा था। ट्विटर ने जानकारी होने के बावजूद इनमें से किसी पोस्ट को नहीं हटाया। ऐसे में उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया गया। ट्विटर के अलावा कांग्रेस नेता सलमान निजामी, मसकूर अस्मानी, डॉ. समा मोहम्मद पर भी केस दर्ज किया गया है। लेखिका सबा नकवी, पत्रकार मोहम्मद जुबैर, राणा अयूब और एक समाचार वेबसाइट के खिलाफ भी एफआईआर लिखी गई है। अब सपा नेता उम्मेद पहलवान इंदरीश का नाम भी सामने आया है। डीआईजी ने कहा कि हमारी सोशल मीडिया टीम भी जांच कर रही है। आगे जो भी नाम सामने आएंगे, सबके खिलाफ कार्रवाई होगी। स्वरा भास्करा और ओवैसी के खिलाफ भी तहरीर बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने तहरीर दी है। व‍िधायक ने लोनी बॉर्डर थाने में कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ शिकायत दी है। उनका कहना है कि इन तीनों ने भी इस भ्रामक पोस्ट को शेयर किया है। व‍िधायक ने तीनों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग की है। बुजुर्ग पुलिस के दावों को नकार रहे जय श्रीराम और वंदे मातरम के नारे लगवाने की बात को पुलिस पूरी तरह से नकार रही है लेकिन, पीड़ित अब्दुल समद अब भी अपने बयान पर कायम हैं। उनका आरोप है कि प्रवेश ने अपने दोस्तों के साथ मारपीट कर उनकी दाढ़ी काट दी। इसके बाद जय श्रीराम और वंदे मातरम के नारे लगवाए। पुलिस अब जांच कर रही है कि अब्दुल ने किस दबाव में गलत बयान दिया था।


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