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कलेक्टर ने CM के कानों में भरा 'जहर', माफिया से निकालते पैसे... 9 तबादले के बाद IAS का पोस्ट, सरकार ने थमाया नोटिस

भोपाल 54 महीनों में नौ तबादलों ने आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ (IAS Lokesh Kumar Jangid) को परेशान कर दिया है। 2014 बैच के आईएएस अधि...

भोपाल 54 महीनों में नौ तबादलों ने आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ (IAS Lokesh Kumar Jangid) को परेशान कर दिया है। 2014 बैच के आईएएस अधिकारी का एक व्हाट्सएप चैट लीक (IAS Chat Leaked) हो गया है, जिसमें वह अपनी परेशानी की बात कर रहे हैं। यह व्हाट्सएप ग्रुप एमपी आईएएस एसोसिएशन (Madhya Pradesh IAS Association) का है। उसके बाद उन्हें ग्रुप से रिमूव कर दिया गया था। साथ ही सरकार ने चैट सामने आने के बाद नोटिस जारी किया है। बुधवार की शाम 35 वर्षीय अधिकारी को सामान्य प्रशासन विभाग ने नोटिस जारी किया है। इनके खिलाफ आरोप है कि तबादले को लेकर एक बड़े अधिकारी का कॉल रेकॉर्ड किया है जो सिविल सर्विस कानून के खिलाफ है। यह विश्वास और प्राइवेसी का उल्लंघन है। सरकार की तरफ से जांगिड़ से सात दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है। वहीं, शिवराज सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यवहार मंजूर नहीं हैं, यह कोई मायने नहीं रखता है कि अधिकारी कौन है। वायरल स्क्रीन शॉट में जांगिड़ ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि ईमानदार होने की वजह से मेरा तबादला किया गया। इसके बाद लोकेश कुमार जांगिड़ ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को अंतरराज्यीय डेप्युटेशन के लिए पत्र लिखा है। एमपी में लोकेश कुमार जांगिड़ की पहली तैनाती श्योपुर जिले के विजयपुर में एसडीएम के रूप में एक नंवबर 2016 को हुई थी। वहीं, कुछ महीने पहले भोपाल स्थित मंत्रालय में उनकी नई पदस्थापना हुई है। हाल ही में उनका तबादला एडिशनल एमपी राज्य शिक्षा केंद्र में हुआ है। इसके पहले वह बड़वानी में अतिरिक्त कलेक्टर थे। सोमवार को जांगिड़ ने अपने पोस्ट में लिखा था कि जो लोग हर तरह के माफिया से पैसा निकालते हैं, उनका इस क्षेत्र से उस क्षेत्र में तबादला हो जाता है। वहीं, ईमानदारी से काम करने वाले लोगों का तबदला कर सचिवालय में फेंक दिया जाता है। उन्होंने लिखा कि एमपी में कार्यकाल की स्थिरता और सिविल सेवा बोर्ड नामक संस्था मजाक है। मैं रिटायरमेंट के बाद एक किताब लेकर आऊंगा और उम्मीद है कि सभी सामने तथ्य लाऊंगा। अभी मेरे हाथ आचरण के नियमों से बंधे हुए हैं। दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मुझे एक जिले में एसडीएम पद से इसलिए हटाया गया क्योंकि कलेक्टर मैंने कमजोर कहा था। वह पैसा नहीं खा पा रहे थे। एमपी आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष आईसीपी केसरी ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और पोस्ट हटाने के लिए कहा। जांगिड़ ने ग्रुप से पोस्ट हटाने से मना कर दिया। इसके बाद उन्हें आईएएस एसोसिएशन के ग्रुप से रिमूव कर दिया। जांगिड़ के पोस्ट पर आईसीपी केसरी ने लिखा था कि लोकेश, यह उसके डर या अनुपस्थिति का सवाल नहीं है। आपने न केवल अपने सहकर्मियों पर बल्कि परिवार पर आरोप लगाते हुए बुनियादी शालीनता खो दी है। सभी पोस्ट जल्दी हटा लें। यह मेरी सच्ची सलाह है और भविष्य में ऐसी चीजों से दूर रहें। जांगिड़ ने मना किया उसके बाद लोकेश जांगिड़ ने लिखा कि मैं नहीं हटाऊंगा। आप मुझे ग्रुप से हटा सकते हैं। मुझे पता है कि आप एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और मुझे हटाने की सभी शक्तियां आपके पास हैं। वैसे भी तो इस निजाम में मुझे कुचला जा रहा है। आप भी कुचल दो। उसके बाद एसोसिएशन के सचिव ने जांगिड़ को ग्रुप से हटा दिया। कांग्रेस ने सरकार को घेरा कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने एमपी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि एमपी प्रशासन अपने सबसे निचले स्तर पर है। भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद चरम पर है। यह व्यवस्था विरोधी है। नौकरशाही में चाटुकारिता का नया मापदंड एमपी में है। एमपी में ईमानदार अधिकारियों की कोई जगह नहीं है। वहीं, बड़वानी से राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्हें क्यों स्थानांतरित किया गया है। वह बहुत मेहनती थे और क्षेत्र के स्थानीय लोगों से अच्छे संबंध थे। खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल ने कहा कि कोविड के दौरान लोकेश कुमार जांगिड़ ने स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ मिलकर अच्छा काम किया था। किसी प्रशासनिक कारण के कारण उनका तबादला हुआ होगा। इन जगहों पर रहे तैनात पिछले साढ़े चार सालों में जांगिड़ एसडीएम शहडोल, उप सचिव शहरी विकास, सीईओ जिला पंचायत हरदा, अतिरिक्त कलेक्टर गुना, अपर प्रबंध निदेशक राज्य शिक्षा केंद्र और अपर कलेक्टर बड़वानी रह चुके हैं। अभी हाल ही में राज्य शिक्षा केंद्र में फिर से उनकी वापसी हुई है। जांगिड़ ने दी सफाई वहीं, महाराष्ट्र में डेप्युटेशन की मांग पर जांगिड़ ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि मैंने निजी कारणों से तीन साल के लिए डेप्युटेशन की मांग की है। वहां पर मेरे वृद्ध माता जी और दादा जी रहते हैं। वह मेरे ऊपर ही निर्भर हैं। मैंने उनके आसपास रहने के लिए ये आवेदन दिया है। आईएएस एसोसिएशन के ग्रुप में पोस्ट पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। मुझे छह सालों में कई जिलों में काम करने का मौका मिला है। ट्रांसफर और पोस्टिंग राज्य शासन का विशेषाधिकार है। इसे लेकर कोई गिला शिकवा नहीं है।


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