बेंगलुरु कर्नाटक के बेंगलुरु में एक 86 साल के बुजुर्ग ने दो महिलाओं सहित पांच लोगों के खिलाफ 94,000 रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई...

बेंगलुरु कर्नाटक के बेंगलुरु में एक 86 साल के बुजुर्ग ने दो महिलाओं सहित पांच लोगों के खिलाफ 94,000 रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। बुजुर्ग का आरोप है कि पांचों लोगों ने उसे विश्वास दिलाया कि एक 'वरिष्ठ नागरिक लाभ योजना' के तहत उसके 3.5 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं और उसके खाते में रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं। विजयनगर निवासी रमेश (बदला हुआ नाम) ने पुलिस को बताया कि एक सोनिया सिंह नाम की महिला ने नवंबर 2020 में उन्हें फोन किया और कहा कि वरिष्ठ नागरिक लाभ योजना के तहत उन्हें 3.5 लाख रुपये दिए गए हैं। उसने कहा कि जल्द ही यह रकम उनके खाते में ट्रांसफर नहीं की गई तो यह वापस सरकार के खाते में चला जाएगा। एक हफ्ते में रुपये मिलने का दिया झांसा रमेश पैसे लेने को राजी हो गए। कुछ दिनों बाद, एक अन्य महिला अनामिका शर्मा ने रमेश को फोन किया और उसके बैंक खाते का विवरण लिया। हालांकि, आरोपियों ने इस साल मार्च तक रमेश को फोन नहीं किया। मार्च के पहले सप्ताह में, आरोपियों ने रमेश से संपर्क किया और कहा कि उसे एक सप्ताह के भीतर रुपये मिल जाएंगे। स्वीकृति संख्या बताकर जमाया विश्वास रमेश ने बताया, 'पहले, उन्होंने मुझसे सेवा शुल्क के लिए 20,999 रुपये जमा करने को कहा। मैंने उक्त राशि 10 मार्च को मुंबई के एक बैंक खाते में ट्रांसफर की। फिर, अभिषेक शर्मा और मल्होत्रा के रूप में पहचाने जाने वाले दो व्यक्तियों ने मुझे 23 मार्च को फोन किया और कहा कि मेरे पैसे (3.5 लाख रुपये) को मंजूरी दे दी गई है और स्वीकृति संख्या (एआर0079432पी) दी गई है। चूंकि कोई पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ था, मैंने उन्हें कॉल करने की कोशिश की, लेकिन उनके फोन व्यस्त थे।' रमेश ने अनामिका से बात की और उससे मिले। अनामिका ने उन्हें कहा कि रकम जल्द ही ट्रांसफर कर दी जाएंगी। 6.2 लाख रुपये का दिया लालच पीड़ित ने कहा, '27 मई को, एक सुदीप त्यागी नाम के शख्स ने मुझे फोन किया और बताया कि मुझे एक और लाभ योजना के लिए चुना गया है और इस बार, मुझे 6.2 लाख रुपये मिलेंगे। त्यागी ने मुझसे सेवा शुल्क के रूप में 73,000 रुपये जमा करने के लिए कहा। मैंने उतनी ही रकम त्यागी के दिए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी।' 50 हजार और मांगे तब हुआ शक 1 जुलाई को एक व्यक्ति ने अपनी पहचान मल्होत्रा के रूप में बताई और रमेश से निकासी शुल्क के रूप में और 50,000 रुपये जमा करने के लिए कहा। तब रमेश को शक हुआ। उन्होंने मल्होत्रा से कहा कि उन्हें रुपये नहीं चाहिए, जो रुपये उन्होंने उन लोगों के खाते में ट्रांसफर किए हैं वह लौटा दें। उस शख्स ने कॉल काट दी और उसके बाद से किसी का भी नंबर नहीं लगा। ठगी का शिकार होने के शक पर रमेश ने थाने में शिकायत की। पुलिस ने बताया कि जो खाते के नंबर थे वह निष्क्रीय पाए गए हैं। मोबाइल नंबर भी फर्जी नामों पर लिए गए थे।
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