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फिर विवादों में घिरे वनमंत्री सुखराम विश्वनोई, पेट्रोल- डीजल के मुद्दे पर देने पहुंचे थे ज्ञापन, हो गई पूर्व कांग्रेस नगर अध्यक्ष से तकरार

जालोर, दिलीप डूडी देश में बढ़ती मंहगाई, पेट्रोल-डीजल व गैस की कीमतों में रिकॉर्ड मूल्य वृद्धि के खिलाफ सोमवार को जालोर जिला मुख्यालय पर क...

जालोर, दिलीप डूडी देश में बढ़ती मंहगाई, पेट्रोल-डीजल व गैस की कीमतों में रिकॉर्ड मूल्य वृद्धि के खिलाफ सोमवार को जालोर जिला मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। लेकिन यहां ज्ञापन देने के बाद हल्की तकरार हो गई। यहां जिला कांग्रेस में बिखराव नजर आया। यह घटना ज्ञापन देने के बाद हुई। दरअसल ज्ञापन देने के बाद जैसे ही वन मंत्री सुखराम विश्नोई व प्रभारी भूराराम सीरवी कलेक्ट्रेट के बाहर आए तो पूर्व नगर अध्यक्ष जुल्फिकार अली भुट्टो ने नाराजगी जताते हुए बोला कि कार्यक्रम में पूरी तैयारियां नगर कमेटी की ओर से की जाती है , लेकिन ज्ञापन देने के दौरान बड़े पदाधिकारियों की ओर से इनको तव्वजो नहीं दी जाती। इतना ही नहीं इस घटनाक्रम के बाद पूर्व नगर अध्यक्ष जुल्फिकार इतने गुस्से में दिखे कि उन्होंने मंत्री से यह तक कह दिया कि आप दरी बिछाने वाले कार्यकर्ताओं को ज्ञापन देते वक्त साथ क्यों नहीं ले जाते ?। दरअसल इस दौरान उनका मंतव्य मंत्री की ओर से कार्यकर्ताओं की अनदेखी से था। ज्ञापन देने के बाद मंत्री पौधरोपण के लिए गए, लेकिन पूर्व नगर अध्यक्ष घर के लिए हुए रवाना बड़ी बात यह भी रही कि ज्ञापन सौंपने के बाद मंत्री और प्रभारी सुखराम सीधे पौधरोपण करने राजीव गांधी भवन चले गए। वहीं पूर्व नगर अध्यक्ष भुट्टो और उनके समर्थक राजीव गांधी भवन जाने के बजाए सीधे अपने घर के लिए रवाना हो गए। इधर इस तकरार की चर्चा दिनभर सियासी बाजारों में गर्म रही। कार्यकर्ताओं ने कई तरह जताया मंहगाई का विरोधउल्लेखनीय है कि इससे पहले सुबह 11 बजे रिको कार्यालय सेकेंड फेज से साइकिल, बैलगाड़ी, ऊंटगाड़ी, घोड़ागाड़ी व रथ गाड़ी की ओर से नया बस स्टैंड, हरिदेव जोशी सर्कल, वनवे रोड मानपुरा कॉलोनी होते हुए रैली जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। विरोध प्रदर्शन में राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, जालोर जिला कांग्रेस प्रभारी भूराराम सीरवी, पूर्व उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष नैनसिंह राजपुरोहित, सवाराम पटेल, जुंजाराम चौधरी, उमसिंह चांदराई, जवानाराम माली, जुल्फिकार अली भुट्टो, रमेश सोलंकी, महिला कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ममता जैन, महिला जिलाध्यक्ष शोभा सुंदेशा, सरोज चौधरी, डॉ भरत मेघवाल, अग्रिम संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे। महंगाई के खिलाफ जालोर शहर में केन्द्र की भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। जिलाध्यक्ष के अभाव में एकजुटता की कमीदरअसल पिछले एक साल से जालोर में कांग्रेस के संगठन में जिलाध्यक्ष समेत पद रिक्त चल रहे है। इस कारण कार्यक्रमों के आयोजन में उचित मॉनिटरिंग का अभाव भी झलकता है। यही वजह रही कि सोमवार को भी इस प्रकार का बिखराव नजर आया। वहीं यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को तवज्जों ना देने का मुद्दा एक बार फिर तूल पकड़ता दिखा। पहले भी वनमंत्री - प्रभारी क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की ओर से अनदेखी के लगे चुके है आरोप उल्लेखनीय है कि इससे पहले 29 जून को वनमंत्री सुखराम विश्नोई पर बूंदी जिले के प्रवास के दौरान भी कार्यकर्ताओं की बात को तवज्जों देने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। बता दें कि मंत्री विश्नोई बूंदी जिले के भी प्रभारी मंत्री है। यहां भी बात इतनी बिगड़ी थी कि पूर्व बूंदी शहर अध्यक्ष देवराज गोचर ने यह बात कह डाली थी कि हमें ऐसा प्रभारी मंत्री नहीं चाहिए, जो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करता है। वहीं गोचर ने इस दौरान यह भी कहा था कि अगर उनका ऐसा ही रवैया रहा , तो उन्हें आगे बूंदी जिले में घुसने नहीं दिया जाएगा। वहीं इससे पहले बूंदी जिले में ही कांग्रेस कार्यकर्ता सत्यनारायण मीणा ने वनमंत्री सुखराम बिश्नाई का बेटे व भतीजा पर जिले के डाबी वनक्षेत्र में अवैध खनन करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। वन मंत्री ने कहा कोरोना गाइडलाइन की पालना के चलते सब अंदर नहीं जा सकते थे...उल्लेखनीय है कि जालोर जिले में हुई नोंकझोक पर जब एनबीटी ने पूर्व नगर अध्यक्ष (जालोर) जुल्फिकार अली भुट्टो पर बात की, तो उन्होंने कहा कि " मैंने प्रभारी को बोला था कि आयोजन की तैयारियां करने वाले व अग्रिम संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों का भी इस प्रकार के आयोजन में ख्याल रखना चाहिए, मंत्री विश्नोई को मैंने कुछ नहीं बोला, वो तो हमारे आदर्श है।" इधर वन मंत्री का जालोर घटनाक्रम को लेकर कहना है कि "ऐसी कोई खास बात नहीं थी, कार्यकर्ता कोई बात कहना चाह रहा था, बाकी नाराजगी वाली विशेष बात नहीं है। कोरोना गाइडलाइन की पालना के चलते सारे लोग अंदर नहीं जा सकते थे, कोई पीछे रह गया होगा। यह कोई बड़ी बात नहीं है।


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