जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केंद्र में मंत्री बनने के बाद अब चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा। नीत...

Bihar News: नीतीश कुमार हमेशा अपने फैसलों से चौंकाते रहे हैं। यही वजह है कि जब पिछले साल 27 दिसंबर को उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था तो बेहद करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। इस बार नीतीश किस पर अपना भरोसा जताते हैं देखना दिलचस्प होगा...

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केंद्र में मंत्री बनने के बाद अब चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा। नीतीश कुमार अब किसे पार्टी की जिम्मेदारी सौंपेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि एक व्यक्ति, एक पद का हवाला देकर पार्टी में नए अध्यक्ष की भी तलाश शुरू हो गई है। ये माना जा रहा कि जल्द ही आरसीपी सिंह अध्यक्ष पद छोड़ेंगे। सूत्रों के अनुसार, अगले एक महीने के अंदर पार्टी को नया अध्यक्ष मिल सकता है। हालांकि, नीतीश कुमार की जेडीयू में नंबर दो पर कौन काबिज होगा, इसको लेकर चर्चाओं का दौर तेज है। अभी इस फेहरिस्त में तीन नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं। आइये जानते हैं जेडीयू अध्यक्ष पद की रेस में कौन-कौन शामिल हैं...
जेडीयू अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे दिख रहे उपेंद्र कुशवाहा

सूत्रों के अनुसार, उपेंद्र कुशवाहा अध्यक्ष पद की होड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आरसीपी सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद से कुशवाहा एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। उन्होंने नीतीश कुमार की तर्ज पर ही पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि नगर से बिहार की यात्रा शुरू की है। उनके नाम पर चर्चा तब और तेज हो गई जब जेडीयू के सीनियर नेता ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच मुलाकात हुई। कुशवाहा की दावेदारी की मुख्य वजह ये भी है कि आरएलएसपी के जेडीयू में विलय के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें संसदीय बोर्ड का चेयरमैन बनाया। साथ ही एमएलसी बनाकर यह संकेत दे दिया कुशवाहा उनके कितने करीब हैं।
ललन सिंह को भी मिल सकती है जिम्मेदारी

सत्ताधारी JDU में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शुरू से ही दो हाथ माने जाते हैं। इनमें से एक नाम रामचंद्र प्रसाद सिंह यानि RCP सिंह हैं और दूसरे राजीव रंजन ऊर्फ ललन सिंह। अब आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद सवाल उठ रहे कि क्या इस बार मुंगेर से पार्टी के सांसद ललन सिंह के बारे में कुछ और बड़ा सोचा गया है। क्या ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। इसका इशारा खुद केंद्रीय मंत्री और JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह के मंत्री बनने के बाद दिए एक बयान में सामने आ गया। आरसीपी सिंह से जब सवाल किया गया कि आखिर ललन सिंह मंत्री क्यों नहीं बने तो उन्होंने कहा था कि हम और ललन सिंह अलग थोड़े ही न हैं। मुझमें और ललन बाबू में कोई फर्क है क्या? हम लोग साथ हैं। उनके इस बयान के बाद से ही ये अटकलें लग रहीं कि शायद नीतीश आने वाले समय में ललन सिंह को अहम जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।
अशोक चौधरी का भी नाम सुर्खियों में

जेडीयू अध्यक्ष पद रेस में अशोक चौधरी का भी नाम चर्चा में चल रहा है। बिहार सरकार में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी भी नीतीश के बेहद करीबी माने जाते हैं। उनके कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी बिहार जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया था। जेडीयू में आने से पहले अशोक चौधरी बिहार कांग्रेस के चार साल तक अध्यक्ष भी रहे थे। फिलहाल क्या नीतीश उन पर भरोसा जताएंगे ये देखना दिलचस्प होगा?
क्या फिर अपने फैसले से चौंकाएंगे नीतीश

वैसे भी नीतीश कुमार हमेशा अपने फैसलों से चौंकाते रहे हैं। यही वजह है कि जब पिछले साल 27 दिसंबर को उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था तो बेहद करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। अब आरसीपी सिंह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं तो देखना होगा कि क्या फिर से नीतीश कुमार कोई चौंकाने वाला फैसला लेंगे? ये तो आने वाले दिनों में ही साफ हो सकेगा।
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