गाजियाबाद कहते हैं कि जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। लेकिन, ऐसी स्थिति में कई बार डॉक्टर जो करते हैं, वो किसी चमत्कार से कम नहीं होता। ...

गाजियाबाद कहते हैं कि जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। लेकिन, ऐसी स्थिति में कई बार डॉक्टर जो करते हैं, वो किसी चमत्कार से कम नहीं होता। ऐसा ही एक मामला विजय नगर में आया है। एक मजदूर के सिर से 20 फुट का सरिया आर-पार हो गया। डॉक्टरों ने 4 घंटे तक लगातार सर्जरी की और मरीज की जान बचा ली। 24 वर्षीय रमेश कुमार (बदला नाम) प्रताप विहार में एक निर्माणाधीन साइट पर काम कर रहे थे। दूसरे मजदूर इमारत की 20वीं मंजिल की छत खोल रहे थे। रमेश उसी वक्त वहां से गुजर रहे थे। तभी 20 फुट लंबा सरिया उनकी तरफ गिर गया। अस्पताल लाया गया मजदूर बाकी मजदूर बचने के लिए शोर मचा रहे थे, लेकिन रमेश जब तक संभलते सरिया उनके सिर को छेंद करते हुए दूसरी तरफ निकल गया। फिर लोग रमेश के पास दौड़े और सरिया को दोनों तरफ से काटकर छोटा किया। इसके बाद उन्होंने फ्लोरेंस अस्पताल ले जाया गया। देखकर हर कोई घबराया सीनियर डॉक्टर डॉ. एमके सिंह और डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि जब रमेश को अस्पताल लाया गया, तब उनकी हालत ठीक नहीं थी। सिर में 12 एमएम का सरिया फंसा था, जो सिर के आगे-पीछे से दिखाई दे रहा था। बहुत ही चुनौतिपूर्ण थी सर्जरी कुछ जरूरी जांच कराई गई और अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. अभिनव गुप्ता और डॉ. गौरव गुप्ता ने सरिये को निकालने की तैयारी शुरू की। डॉ. अभिनव गुप्ता ने कहा कि उनके 20 साल के न्यूरो सर्जरी के करियर में यह अपनी तरह का पहला मामला था। 4 घंटे तक चली सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी। खोलनी पड़ी आधी खोपड़ी सबसे पहले सरिये को हड्डी से अलग करने के लिए खोपड़ी का आधा भाग खोलना पड़ा। बड़ी चुनौती मस्तिष्क से लोहे की छड़ को बिना कोई और नुकसान पहुंचाए निकालना था, जो सफलतापूर्वक कर लिया गया। पेट की त्वचा का भी इसमें इस्तेमाल किया गया। रमेश की हालत में अब सुधार है।
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