गाजियाबाद बच्चों की मेडिकल पॉलिसी करवाने का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले तीन आरोपियों को ने गिरफ्तार किया है। बदमाश ऑनलाइन विज्ञापन देकर...

गाजियाबाद बच्चों की मेडिकल पॉलिसी करवाने का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले तीन आरोपियों को ने गिरफ्तार किया है। बदमाश ऑनलाइन विज्ञापन देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। पकड़े गए युवकों ने बताया कि अब तक 32 हजार बच्चों के नाम पर फर्जी पॉलिसी देकर लोगों को ठग चुके हैं। शालीमार गार्डन एक्सटेंशन के एक फ्लैट से पकड़े गए आरोपी यहीं से ठगी का पूरा रैकेट चला रहे थे। थाना प्रभारी नागेंद्र चौबे ने बताया कि नीरज, राहुल और शिवम को गिरफ्तार किया गया है। नीरज व राहुल पटना और शिवम कन्नौज का निवासी है। सीओ साहिबाबाद आलोक दुबे ने बताया कि जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और शिक्षा बीमा के नाम पर लोगों को गुमराह कर 2019 से ठगते आ रहे हैं। राज्य सरकार की योजना बताकर भी ठगा इन लोगों ने शिशु विकास योजना नाम से फर्जी पॉलिसी को राज्य सरकार की योजना बताकर भी लोगों के साथ ठगी की। छानबीन में पता चला कि राज्य सरकार की तरफ से ऐसी कोई योजना ही नहीं है। आरोपी मेडिकल पॉलिसी का ऑनलाइन विज्ञापन निकालते थे। उसके बाद संपर्क में आए लोगों से अलग-अलग नंबरों से संपर्क करते थे। लोगों का विश्वास हासिल करने के बाद असली पॉलिसी का डेटा ऑनलाइन लेकर उसकी नकल बना लेते थे। झांसे में आए लोगों से ठगी कर उनसे संपर्क करना बंद कर देते थे। दिल्ली में भी दर्ज हैं मामले फ्लैट से पुलिस को कुछ कंप्यूटर, लैपटॉप से लेकर बीमा से जुड़े कागजात मिले हैं। इनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में भी साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं। ये पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर 300 रुपये लेते थे और फिर प्रीमियम के नाम पर और रुपये ऐंठ लेते थे। इस तरीके से लाखों की ठगी कर चुके हैं। सावधानी है जरूरी न केवल हेल्थ, बल्कि किसी भी तरह की बीमा पॉलिसी लेने जा रहे हैं तो जरूरी है कि आप बीमा एजेंट के हर दावे की सत्यता खुद जांच करें। ग्राहकों को पॉलिसी बेचने के लिए एजेंट आमतौर पर बड़े-बड़े दावे करते हैं। आप बीमा पॉलिसी ऑनलाइन खरीद रहे हैं तो उसके फीचर के बारे में पढ़ें। पॉलिसी की डिटेल खुद समझ नहीं आ रही है तो किसी जानकार आदमी से पता करें। बीमा कंसल्टेंट बीके पांडे बताते हैं कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों की पैरंट्स के साथ मेडिकल पॉलिसी मान्य होगी। अकेले उसकी पॉलिसी नहीं बन सकती है। जब वह 18 साल से ऊपर का होगा, तब यह पैरंट्स पर निर्भर करेगा कि वह उसे अपने साथ रखें या फिर उसकी अकेले स्वयं के नाम की मेडिकल पॉलिसी बनाएं। बच्चा 90 दिन से कम का है तो उसकी मेडिकल पॉलिसी नहीं बन सकती। 90 दिन बाद अभिभावक के साथ ही हो सकती है।
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