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Bihar Coronavirus : बिहार में कोरोना टीकाकरण 3 करोड़ के पार, उधर एम्स के डॉक्टरों की नई स्टडी ने बढ़ाई चिंता

पटना: बिहार में कोविड -19 टीकाकरण शनिवार को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रशासित कुल खुराक के मामले में 3 करोड़ का आंकड़ा पार कर ग...

पटना: बिहार में कोविड -19 टीकाकरण शनिवार को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रशासित कुल खुराक के मामले में 3 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया। राज्य में सोमवार शाम तक 3,01,33,042 लाभार्थियों का टीकाकरण किया जा चुका है। इनमें से 2,52,55,011 लोगों ने पहली और 48,78,031 लोगों को दूसरी खुराक दी गई। अब फोन कॉल कर कहा जाएगा टीकाकरण के लिएइस बीच, राज्य का स्वास्थ्य विभाग भारत संचार निगम लिमिटेड के साथ बातचीत कर रहा है ताकि अधिक से अधिक व्यक्तियों को व्यक्तिगत रूप से कॉल करके कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकों की दूसरी डोज लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सोमवार को बताया कि 'हम और अधिक टीकाकरण केंद्र शुरू कर सकते हैं ताकि लोग अपनी दूसरी खुराक आसानी से ले सकें।' धमनी में अकड़न भी कोरोना का साइड इफेक्ट- पटना एम्स इधर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-पटना (Patna AIIMS) में दूसरी लहर के दौरान किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कोविड -19 ने कुछ रोगियों में ठीक होने के बाद भी हफ्तों तक धमनी में अकड़न पैदा की है। इंडियन जर्नल ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन ने कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी के डॉ संजीव कुमार के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम और पटना एम्स में कोविड के नोडल अधिकारी के इस इस अध्ययन का सार प्रकाशित किया है। अस्पताल में भर्ती रोगियों के लिए गए थे सैंपल शोध के लिए सैंपल साइज में अस्पताल के आईसीयू और वार्ड में इलाज करा रहे मरीज शामिल थे। शोध से जुड़े अन्य लोगों में एम्स-पी के निदेशक डॉ पीके सिंह, डॉ अभ्युदय कुमार, डॉ दिवेंदु भूषण, डॉ अमरजीत कुमार, डॉ अजीत कुमार और डॉ वीना सिंह शामिल थे। इस रिसर्च के मुताबिक 'परीक्षणों के दौरान प्राप्त आंकड़ों ने संकेत दिया कि मध्यम और गंभीर कोरोना रोगियों में हल्के लक्षणों वाले लोगों की तुलना में धमनी कठोरता में अत्यधिक वृद्धि हुई थी।' इन खतरों से बचके रहिएगा अनुसंधान परियोजना के प्रभारी डॉ नीरज कुमार ने कहा कि सभी मापदंडों ने एक साथ कोरोना की गंभीरता के अनुसार धमनी में कठोरता बढ़ने की पुष्टि की। डॉक्टर नीरज के मुताबिक 'धमनी कठोरता का प्रभाव एक रोगी से दूसरे रोगी में अलग हो सकता है। ठीक होने के बाद भी उन्हें दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, दृष्टि हानि और गुर्दे की विफलता का खतरा होता है। क्या करें कोरोना से उबरने के बाद ऐसे रोगियों को हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से अपनी धमनी कठोरता की जांच और नियंत्रण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद धमनी कठोरता के सामान्य लक्षण उच्च रक्तचाप, सांस की तकलीफ, थकान, अच्छी नींद की कमी और पसीना हैं। डॉ नीरज ने उन लोगों को भी सलाह दी जो कोविड संक्रमण से उबर चुके हैं कि वे अपनी धमनी कठोरता के परीक्षण के लिए पटना एम्स में भी दिखाएं ताकि आगे होने वाली जटिलताओं के जोखिम को कम किया जा सके। पटना से टाइम्स न्यूज नेटवर्क के लिए शीजान नेजामी और वीके ठाकुर के इनपुट


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