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Bihar Panchayat Election 2021 : बिहार में मुखिया के पास कितनी पावर और क्या-क्या काम... सब जानिए यहां

पटना गांव के मुखिया जी तो आपने देखा होगा। हालांकि आज के दौर वाले मुखिया जी मुरेठा (पगड़ी) बांधे नहीं दिखते। ये आपको कभी फुलपैंट-शर्ट तो क...

पटना गांव के मुखिया जी तो आपने देखा होगा। हालांकि आज के दौर वाले मुखिया जी मुरेठा (पगड़ी) बांधे नहीं दिखते। ये आपको कभी फुलपैंट-शर्ट तो कभी कुर्ता-पायजामे में दिख जाएंगे। लेकिन एक बात जो नहीं बदली है वो है उनको मिली ताकत और जिम्मेदारियां। मुखिया जी के पास क्या-क्या पावर बिहार में मुखिया जी को पंचायती राज व्यवस्था में कई शक्तियां मिली हैं। इनमें खास पावर कुछ इस तरह से हैं। पढ़िए यहां
  • ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठकें आयोजित करना और उनकी अध्यक्षता करना।
  • बैठकों का कार्य-व्यवहार संभालना और उनमें अनुशासन कायम रखना
  • एक कैलेंडर वर्ष में ग्राम सभा की कम-से-कम चार बैठकें आयोजित करना
  • पूंजी कोष पर विशेष नजर रखना
  • ग्राम पंचायत के कार्यकारी प्रशासन की देख-रेख
  • ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मचारियों की देख-रेख और दिशा निर्देश देना
  • ग्राम पंचायत की कार्ययोजनाओं/ प्रस्तावों को लागू करना
  • नियमानुसार रखी गई विभिन्न रजिस्टरों के रख-रखाव का इंतजाम करना
  • ग्राम पंचायत के तय किए टैक्सों, चंदों और फीसों की वसूली का इंतजाम
  • विभिन्न निर्माण कार्यों को कार्यान्वित करने का इंतजाम करना
  • राज्य सरकार या एक्ट अथवा किसी अन्य कानून के अनुसार सौंपी गई अन्य जिम्मेदारियों और कार्यों को पूरा करना
सरपंच की शक्तियां सरपंच को पंचायती राज व्यवस्था के तहत तीन बड़े अधिकार दिए गए हैं। सरपंच को ग्रामसभा तथा ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने और अध्यक्षता करने का अधिकार मिला हुआ है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी सरपंच के पास होती हैं। वहीं ग्राम पंचायत के अधीन कर्मचारियों के कार्यों पर भी प्रशासकीय देखरेख और नियन्त्रण रखने की शक्ति सरपंच के पास है। सरपंच की जिम्मेदारी अगर ताकत मिलती है तो उसके साथ जिम्मेदारी भी दी जाती है। जाहिर है कि सरपंच को शक्तियों के साथ जिम्मेदारी भी मिली है। इन जिम्मेदारियों में ये बातें शामिल हैं...
  • गांव में सड़कों का रखरखाव
  • पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना
  • सिंचाई के साधन की व्यवस्था
  • दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रखरखाव करना
  • प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना
  • खेल का मैदान और खेल को बढ़ावा देना
  • स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना
  • गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था
इस बार नतीजों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं में रिजल्ट के लिए इस बार ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। हर फेज की वोटिंग के एक दिन बाद वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। यानी वोटिंग के करीब 48 घंटे के बाद ये स्पष्ट हो जाएगा किसने बाजी मारी है। पहली बार है जब बिहार पंचायत चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक, 6 पदों पर होने वाले पंचायत चुनाव में सरपंच और पंच के पदों पर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराया जाएगा। 4 पद जिनमें मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए ईवीएम से मतदान कराया जाएगा।


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