पटना गांव के मुखिया जी तो आपने देखा होगा। हालांकि आज के दौर वाले मुखिया जी मुरेठा (पगड़ी) बांधे नहीं दिखते। ये आपको कभी फुलपैंट-शर्ट तो क...

पटना गांव के मुखिया जी तो आपने देखा होगा। हालांकि आज के दौर वाले मुखिया जी मुरेठा (पगड़ी) बांधे नहीं दिखते। ये आपको कभी फुलपैंट-शर्ट तो कभी कुर्ता-पायजामे में दिख जाएंगे। लेकिन एक बात जो नहीं बदली है वो है उनको मिली ताकत और जिम्मेदारियां। मुखिया जी के पास क्या-क्या पावर बिहार में मुखिया जी को पंचायती राज व्यवस्था में कई शक्तियां मिली हैं। इनमें खास पावर कुछ इस तरह से हैं। पढ़िए यहां
- ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठकें आयोजित करना और उनकी अध्यक्षता करना।
- बैठकों का कार्य-व्यवहार संभालना और उनमें अनुशासन कायम रखना
- एक कैलेंडर वर्ष में ग्राम सभा की कम-से-कम चार बैठकें आयोजित करना
- पूंजी कोष पर विशेष नजर रखना
- ग्राम पंचायत के कार्यकारी प्रशासन की देख-रेख
- ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मचारियों की देख-रेख और दिशा निर्देश देना
- ग्राम पंचायत की कार्ययोजनाओं/ प्रस्तावों को लागू करना
- नियमानुसार रखी गई विभिन्न रजिस्टरों के रख-रखाव का इंतजाम करना
- ग्राम पंचायत के तय किए टैक्सों, चंदों और फीसों की वसूली का इंतजाम
- विभिन्न निर्माण कार्यों को कार्यान्वित करने का इंतजाम करना
- राज्य सरकार या एक्ट अथवा किसी अन्य कानून के अनुसार सौंपी गई अन्य जिम्मेदारियों और कार्यों को पूरा करना
- गांव में सड़कों का रखरखाव
- पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना
- सिंचाई के साधन की व्यवस्था
- दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रखरखाव करना
- प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना
- खेल का मैदान और खेल को बढ़ावा देना
- स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना
- गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था
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