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पिता जी...तेजस्वी और तेज प्रताप यादव में कौन कृष्ण है और कौन अर्जुन ?

नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी बेटा- बाबू जी एक बात पूछनी थी आपसे पिता- हां बेटा पूछो न। अगर मुझे पता होगा तो जरूर बताऊंगा। बेटा- अरे पिता ...

नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी बेटा- बाबू जी एक बात पूछनी थी आपसे पिता- हां बेटा पूछो न। अगर मुझे पता होगा तो जरूर बताऊंगा। बेटा- अरे पिता जी। आप इतने धार्मिक ग्रंथ पढ़ते हैं आपको तो जरूर पता होगी। पिता- अच्छो तो अब पूछ ही लो। बेटा- जब भी सर्वश्रेष्ठ भाई का जिक्र होता है तो राम-लक्ष्मण का नाम आता है और जब भी सर्वश्रेष्ण सखा (दोस्त) का जिक्र होता है तो कृष्ण और सुदामा का जिक्र होता है मगर कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी क्या है? पिता ने अपनी गर्दन को मुमकिन परिधि के बीच में घुमाया और अपनी पत्नी को आवाज देकर पानी का गिलास मंगवाया। पानी की पहली बूंद जैसे ही गले के मार्ग से होते हुए चित्त तक पहुंची अचानक उन्होंने बेटे से पूछा कि आखिरकार इतनी जिज्ञासा क्यों ? बेटा- सहमा हुआ सा जैसे कि उसने गलत सवाल दाग दिया हो और बाबू जी फायर मोड में आकर धुनाई करने वाले हों दिल में खौफ के साथ कपकपाते हुए होठों से बोला कि बाबू जी बस ऐसे ही मोबाइल में एक खबर आई थी उसी के लिए पूछ रहा हूं। पिता- अच्छा तो कोई बात नहीं। इतने घबराए हुए क्यों हो। सही बात पूछी है। वैसे आजतक तुम मोबाइल बहुत देखने लगे हो। सही चीजें देखते हो न कोई उल्टी सीधी चीज तो नहीं देखते हो। वॉट्सअप, फेसबुक मत देखना और हां टिंडर विंडर तो खासतौर पर नहीं। बेटा- पिता जी ये टिंडर क्या होता है। फेसबुक और वॉट्सअप तो जानता हूं मगर ये क्या होता है? पिता- नहीं जानते हो तो अच्छा है। हां अब फालतू के सवालात मत करो पहले जो पूछा था मैं भूल गया हूं जरा बताओ क्या तुम वो दोस्ती और भाई को लेकर पूछ रहे थे। आजकल बड़े आध्यात्मिक हो रहे हो। बेटा- मैं ये पूछ रहा था पिता जी कि जब भी सर्वश्रेष्ठ भाई की बात होती है तो राम-लक्ष्मण की बात आती है। जब भी सर्वश्रेष्ण मित्रता की बात आती है तो श्रीकृष्ण और सुदामा की जिक्र होता है मगर कृष्ण और अर्जुन का जिक्र क्यों होता है। मतलब पिता जी आज एक खबर पढ़ रहा था कि बिहार के कोई बड़े नेता हैं नाम लिखा था। उन्होंने कहा कि हम कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी को कोई षड़यंत्र नहीं तोड़ पाएगा। पिता- अच्छा तो ये बात है। आजकल बिहार की राजनीति पर नजर रखी जा रही है। बेटा राजनीति वाजनीति में मत ध्यान दो। जानता हूं तुम्हारा ननिहाल मुजफ्फरपुर है। तुम्हारी मां अक्सर बिहार की क्रांतिधरा के बात में बताती हैं। अक्सर मां जेपी आंदोलन से लगाकर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी बात कह कह के बड़ी डींगें हांकती है। कभी-कभी तो बक्सर युद्ध से लगाकर राजगिरि तक आ जाती है और जब शांति की बात करनी होती है तो भगवान बुद्ध तक आ जाती है। बेटा है तो कुछ कमाल इस बिहार की सरज़मी पर। यहां पर युद्ध से लेकर बुद्ध तक सब कुछ है। फिलहाल राजनीति भी पूरे देश की एक तरफ और बिहार की एक तरफ। खैर तुम्हारा तो अभी प्राइमरी लेवल है जब तक तुम 18 साल के होगे तो बहुत कुछ बदल जाएगा। बेटा- अरे पापा, जब भी नानी के घर जाता हूं तो बहुत दिक्कत होती हैं। बारिश में तो और आफत होती है। ऊपर से बाबू जी हर जगह गंदगी और लोग गंदगी फैलाते हैं। लेकिन ये सब बातें फिर कभी सुनाइयेगा पहले ये बताइये कि तेज प्रताप यादव कौन हैं और इन्होंने ये कृष्ण और अर्जुन की बात क्यों कही? पिता- तुमने महाभारत तो देखी है न। देखी तो जरूर होगी क्योंकि लॉकडाउन के समय हर वक्त आती थी। तुम लोगों के लिए तो आफत हो गई थी खैर हम लोगों के लिए ठीक था। कम से कम हम दोनों का टाइमपास हो जाता था। तुम लोगों को तो वो हॉलीवुड फिल्में पता नहीं कैसे-कैसे तो सीन आते थे। हमको तो शर्म तक आ जाती थी। और फिर अब तो वेब सीरीज चल गईं हैं। गाली गलौज से लेकर पता नहीं क्या-क्या दिखाते हैं। महाभारत के बारे में बताऊंगा तो बहुत वक्त हो जाएगा। कम में बताता हूं। कौरव और पांडवों के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। ये युद्ध जमीन के लिए हुआ था और 18 दिनों तक कुरुक्षेत्र में युद्ध चला था जिसमें पांडवों की विजय हुई थी। मोटा-मोटा ये है वैसे तो ये महाकाव्य है, जिसके 7 खंड हैं। कभी मोबाइल, वेब सीरीज से फुर्सत मिले तो पढ़ना जरूर। बेटा- अच्छा ठीक बाबू जी। फिर क्या हुआ। पिता- उस युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण पांडवों के मझले भाई अर्जुन के सारथी थे। वो अर्जुन का रथ हांकते थे। श्रीकृष्ण बहुत चालाक थें। वो पूरे युद्ध के दौरान अर्जुन को दिशा देते रहे। कौरवों की विशाल सेना के आगे पांडवों की कोई ताकत नहीं थी मगर पांडवों की सबसे पड़ी ताकत ही कृष्ण थे। अर्जुन तो रणभूमि में गांडीव चला रहे थे मगर कृष्ण अपनी कूटनीति से कौरवों को यूं हीं हराने में जुटे हुए थे। कृष्ण को कौरवों की हर एक चाल का पता था। उनको कैसे हराना है वो भी पता था। बेटा- अच्छा तो बाबू जी श्रीकृष्ण क्यों कौरवों को हराना चाहते थे? पिता- बेटा बहुत बढ़िया सवाल किए हो। सवाल किए हो तो जो मैं जवाब देने जा रहा हूं वो ध्यान से सुनना और अपनी जिंदगी में जरूर शामिल करना। जैसे तुम और तुम्हारा भाई है। जब तुम बड़े हो जाओगे तो फिर जो पिता जी का हिस्सा होगा वो दो लोगों में बंट जाएगा। कौरव पांडव चचेरे भाई थे। कौरवों ने पांडवों को हस्तिनापुर की सिंघासन देने से बना कर दिया मगर पांडवों ने कहा कि वो केवल उनको पांच गांव दे दें। कौरव ये बात भी नहीं मानें और फिर युद्ध हो गया। युद्ध में कौरवों ने लालच में आकर श्रीकृष्ण की सेना मांग ली और पांडवों ने खुद श्रीकृष्ण को मांग लिया। बस क्या था फिर श्रीकृष्ण तो स्वयं में भगवान का अवतार थे और जिसके साथ भगवान होते हैं भला उसको कौन हरा पाता है। समझे बेटा- अच्छा तो समझ आ गया मुझे मगर पिता जी ये तेज प्रताप यादव ने ऐसा क्यों कहा? पिता- बेटा, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव थे। उनके दो लड़कों का नाम है तेजस्वी और तेज प्रताप यादव। तेजस्वी छोटा है और तेज प्रताप यादव बड़ा है। तेजस्वी छोटा जरूर है मगर वो एक्टिव ज्यादा रहा है। बिहार में उप मुख्यमंत्री भी तेजस्वी रह चुका है कि जबकि तेज प्रताप यादव को केवल मंत्री बनाया गया था। पिछले कुछ दिनों से तेज प्रताप यादव नाराज चल रहे हैं। नाराजगी में आकर उन्होंने पार्टी के खिलाफ बिगुल फूंकने की बात कह डाली। छोटे भाई तेजस्वी ने उनका समझाया तो तेज प्रताप यादव को समझ आ गई। अब वो बोल रहे हैं कि चाहे जितना षड्यंत्र रचो कृष्ण - अर्जुन की ये जोड़ी को तोड़ नहीं पाओगे ! बेटा- अच्छा तो ये कारण है पिता जी। मतलब तेजस्वी यादव अर्जुन हैं और तेज प्रताप यादव कृष्ण। पिता- बेटा कह सकते हो। लगता तो कुछ ऐसा ही है। राजनीति में उम्र मायने नहीं रखती। मायते रखता है आपका हुनर। देखो तेजस्वी छोटा होकर भी बिहार का उप मुख्यमंत्री तक बना चुका मगर तेज प्रताप यादव उम्र में बड़ा होकर भी वो काम नहीं कर पाया। और हां एक और बात सुन लो। तेज प्रताप भइया वैसे भी संत आदमी हैं। वो कृष्ण भक्ति में लीन रहते हैं वो कभी-कभी इगो में ठेस पहुंच जाती है तो वो अनाब सनाब बोलने लगते हैं। बाकी अपनी मम्मी से पूछो इनको बहुत पता है बिहार की राजनीति के बारे में। कहा है न कि ये भी यूपीएससी की तैयारी कर चुकी हैं।


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