Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

दे मारा... ओलिंपियन वंदना ने अपने गोल से जाति से नीचा दिखाने वालों को दिया करारा जवाब

हरिद्वार के महिला हॉकी में कांस्य पदक के लिए ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ भारतीय टीम के मुकाबले को पूरा देश टकटकी लगाए देख रहा था। सांसे रोक दे...

हरिद्वार के महिला हॉकी में कांस्य पदक के लिए ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ भारतीय टीम के मुकाबले को पूरा देश टकटकी लगाए देख रहा था। सांसे रोक देने वाले इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम अंतिम समय में हार गई। जिस और खिलाड़ियों को लोग जानते नहीं थे, उन्हें पूरा देश सलाम कर रहा है। इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं , जिन्होंने हॉकी स्टिक से खेल के मैदान में डंका बजाया। साथ ही उन लोगों को भी जवाब दे दिया, जिन्होंने जाति के बंधनों में बांधने की कोशिश की। जिन्होंने परिवार का अपमान किया। और जिनके लिए लड़कियां महज घर के चूल्हे तक ही सीमित हैं। ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में भारत को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 3 के मुकाबले 4 गोल से हार का सामना करना पड़ा। एक समय पिछड़ने के बाद भारतीय बेटियों ने ताबड़तोड़ गोल दाग मुकाबले में बढ़त बना ली। एक गोल वंदना कटारिया का भी रहा। उन्होंने अपने गोल से केवल विपक्षी टीम को पीछे नहीं धकेला बल्कि उन युवकों को भी करारा जवाब दिया, जिन्होंने पिछले मुकाबले में हार के बाद हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित उनके घर के बाहर पटाखे फोड़कर जश्न मनाया और जातिसूचक टिप्पणियां कीं। पढ़ें: भारत और अर्जेंटीना के बीच हुए महिला हॉकी के मुकाबले में भारत की टीम 2-1 से हार गई थी। इसके बाद वंदना कटारिया के गांव में कुछ लड़कों ने पटाखे फोड़ने शुरू कर दिए। वंदना के परिजन के अनुसार वे उनका मजाक उड़ाने के लिए नाचने लगे और पटाखे फोड़ने लगे। परिजन ने बताया कि इन लोगों ने कहा कि भारत की हार का कारण यह था कि इसमें 'बहुत सारे दलित खिलाड़ी' थे। इसके साथ ही परिवार को भी भला बुरा कहा। एफआईआर दर्ज होने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। ओलिंपिक क्वार्टर फाइनल में मारी ऐतिहासिक हैट्रिक वंदना ने ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की क्वार्टर फाइनल की उम्मीदों को जिंदा रखने के लिए ऐतिहासिक हैट्रिक बनाई और अपने अंतिम ग्रुप मैच में निचले क्रम के दक्षिण अफ्रीका पर 4-3 से जीत दर्ज की। अर्जेंटीना के खिलाफ मुकाबले में भी उन्होंने विपक्षी घेराबंदी को तोड़ा। और कांस्य पदक के लिए आज के मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन की टीम पर हावी रहीं। संघर्ष के बल पर लहराया दुनिया में परचम मामूली से परिवार से निकलीं वंदना कटारिया ने अपनी मेहनत और संघर्ष के बल पर देश और दुनिया में प्रतिभा का लोहा मनवाया। उनके भाई लखन कटारिया बहन के संघर्ष और पिता को याद कर फफक पड़े। तोक्यो ओलिंपिक में महिला हॉकी टीम का हिस्सा वंदना के भाई ने कहा कि बहन ने पिता से गोल्ड मेडल लाने का वादा किया था। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पिता अब हमारे बीच नहीं हैं। बहन ने काफी संघर्ष किया है। उसने पापा के अंतिम दर्शन तक नहीं किए। पढ़ें: दुनिया भर में दिखाया हॉकी स्टिक का जलवा 14 साल की उम्र में भारतीय जूनियर हॉकी टीम का हिस्सा बनकर करियर शुरू करने वाली वंदन कटारिया ने हॉकी स्टिक की जादू के दम पर 2010 में नैशनल टीम में जगह बनाई। 2013 में जर्मनी में जूनियर वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहीं। टीम की बाकी खिलाड़ी और कोच भी मैदान में वंदना की फुर्ती के मुरीद हैं। 2014 में हॉकी इंडिया प्लेयर ऑफ द ईयर का सम्मान पा चुकीं वंदना ने स्कॉटलैंड में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स, 2016 के रियो ओलिंपिक, हॉकी वर्ल्ड लीग, एशियन चैंपियन ट्रॉफी में दमदार खेल दिखाने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रही हैं।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3rYHcDZ
https://ift.tt/37lrKYT

No comments