मुजफ्फरनगर जिस दिन डॉ. अतुल श्रीवास्तव की मां की मृत्यु हुई, उस दिन उनकी मेज पर 300 से अधिक कोविड जांच की रिपोर्ट रखी थीं, जिनपर उनके साइ...

मुजफ्फरनगर जिस दिन डॉ. अतुल श्रीवास्तव की मां की मृत्यु हुई, उस दिन उनकी मेज पर 300 से अधिक कोविड जांच की रिपोर्ट रखी थीं, जिनपर उनके साइन होने थे। यह दिन 30 अप्रैल का था। मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजिस्ट सिर्फ दो घंटे के लिए अपनी मां के अंतिम संस्कार में पहुंचे, उनका अंतिम संस्कार किया और उस प्रयोगशाला में वापस चले गए और काम करने लगे। पिछले साल अप्रैल के बाद से उन्होंने लगातार अस्पताल में कोविड अनुसंधान और निदान प्रयोगशाला में 20 घंटे काम किया। उन्होंने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली और 20,000 से ज्यादा सैंपलों की जांच की। मां के नाम पर लैब का नाम शुक्रवार को अस्पताल ने औपचारिक रूप से डॉक्टर को सम्मान दिया। अस्पताल की लैब का उद्घाटन और उसका नाम डॉक्टर की मां के नाम पर जय श्री सिन्हा डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च लेबोरेटरी' रखा गया। पिछले साल लैब बनाने को कहा गया 40 वर्षीय डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, 'मेरे लिए यह उन सभी अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं को समर्पित है, जो बीमारी से लड़ते हुए और जान बचाते हुए चले गए।' मेरठ के लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाले डॉ. श्रीवास्तव ने अप्रैल 2016 में मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में प्रवेश लिया। पिछले साल अप्रैल में उन्हें लैब स्थापित करने के लिए कहा गया था। तमाम विपरीत परिस्थितियों में तैयार की लैब डॉक्टर ने कहा, 'हमने लैब बनाने के लिए दिन-रात काम करना शुरू कर दिया। कोई तकनीकी जानकारी नहीं थी क्योंकि जो प्रयोगशालाएं आसपास थीं वे या तो नई थीं या वहां ओवरटाइम हो रहा था। मुझे खुद पर और इंटरनेट पर उपलब्ध लिट्रेचर पर निर्भर रहना पड़ा। मैंने उपकरण निर्माताओं से बात की, चीजों के बारे में खुद सीखा और अब हमारे पास 18 कमरों की लैब है। अक्टूबर से अब तक मैंने 20,662 सैंपलों की जांच की।' परिवार में सभी हुए कोविड पॉजिटिव लेकिन... मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो जीएस मनचंदा ने कहा कि इस साल अप्रैल में, जब पूरे देश में संक्रमण की दूसरी लहर आई, तो उनका परिवार, वे सभी बीमार पड़ गए। उनके माता, पिता, भाई, भाभी, देवर और चाचा सभी कोविड पॉजिटिव मिले। उनकी मां, बहनोई और चाचा का निधन हो गया। लेकिन उन्होंने सराहनीय प्रफेशनल कमिटमेंट दिखाया। ड्यूटी के प्रति दिखाई ईमानदारी प्रिंसिपल ने कहा कि जिस दिन उनकी मां की मृत्यु हुई, उस दिन पंचायत चुनाव समिति की लगभग 300 रिपोर्ट उनकी मंजूरी का इंतजार कर रही थीं। उन्हें पता था कि रिपोर्ट मिलने से चुनाव समय पर पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा, उनकी मां के नाम पर लैब का नाम रखा गया तो वह बहुत खुश हैं। यह उनकी निस्वार्थ सेवा के प्रति कृतज्ञता का भाव है।
from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/2XmaFMJ
https://ift.tt/3ABGD5W
No comments