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गुजरात: विधायक से सवाल पूछने पर हुआ जिला बदर, HC की फटकार- 'राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है'

अहमदाबाद गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार को गोधरा विधायक सीके राउलजी और एसडीएम को जमकर फटकार लगाई। यह फटकार उस मामले में लगाई गई जिसमें विधायक...

अहमदाबाद गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार को गोधरा विधायक सीके राउलजी और एसडीएम को जमकर फटकार लगाई। यह फटकार उस मामले में लगाई गई जिसमें विधायक और उसके बेटे के खिलाफ आवाज उठाने वाले को एसडीएम ने आठ जिलों से जिलाबदर कर दिया था। न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने प्रवीणभाई चरण पर लगाई गई सजा पर रोक लगाते हुए अनुमंडल दंडाधिकारी और विधायक से स्पष्टीकरण मांगा है। न्यायाधीश ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई अस्वीकार्य है। कोर्ट ने उठाए कार्रवाई पर सवाल कोर्ट ने कहा, 'हम राज्यतंत्र नहीं चलाते हैं। हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य हैं। क्या यह ऐसा गणतंत्र है जिसमें कोई नागरिक अपने चुने हुए प्रतिनिधि से सवाल नहीं कर सकता? ऐसा करने पर उसे जिला बदर करने का आदेश पारित किए जाते हैं?' प्रवीणभाई चरण के खिलाफ इस साल जून में पंचमहल पुलिस ने केस दर्ज किया था। उनका कसूर इतना था कि उन्होंने राउलजी के बेटे मालवदीप सिंह को फोन करके यह कहा कि विधायक अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। विधायक के बेटे ने कराईं तीन एफआईआर प्रवीणभाई पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया। कहा गया कि विधायक को खतरे से बचाने के लिए इस तरह का फैसला लिया गया। इस पर कोर्ट ने कहा, 'अगर ऐसा है तो सरकार उन्हें सलाखों के पीछे डाल सकती है, लेकिन जिला बदर करना? एसडीएम ने 2017 के बाद से चरण के खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकी को आधार बनाते हुए उन्हें जिला बदर का आदेश सुनाया। ये एफआईआर तत्कालीन विधायक के बेटे की ओर से दर्ज कराई गईं थीं। एसडीएम को ट्रांसफर करने का आदेश हाई कोर्ट ने कहा कि एसडीएम को तुरंत अपने पद से स्थानांतरित करने की आवश्यकता है क्योंकि उन्होंने लोगों के विश्वास के संरक्षक के रूप में काम नहीं किया बल्कि एक राजनेता के हितों के संरक्षक के रूप में काम किया। जज ने कहा, 'आप एक स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि आप विधायक के बेटे को फोन न करें और विधायक के काम के बारे में न पूछें। कोर्ट ने विधायक को जारी किया नोटिस कोर्ट ने विधायक को प्रतिवादी बनाकर नोटिस भी जारी किया। अदालत ने कहा कि वह विधायक को फंसा रही है, न कि उनके बेटे को, ताकि उनसे सवाल किया जा सके कि क्या उन्होंने इस तरह की प्रथाओं को मंजूरी दी है।


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