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बड़ा खुलासा: आकाओं से बात के लिए हूप और रॉकेट चैट का इस्तेमाल कर रहे केरल में IS आतंकी

तिरुवनंतरपुरम केरल के आईएस मॉड्यूल में शामिल आतंकी अपने ऑपरेटरों से बात करने के लिए हूप (Hoop App) और रॉकेट चैट (rocket chat app) जैसी मो...

तिरुवनंतरपुरम केरल के आईएस मॉड्यूल में शामिल आतंकी अपने ऑपरेटरों से बात करने के लिए हूप (Hoop App) और रॉकेट चैट (rocket chat app) जैसी मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते थे। मॉड्यूलकी जांच कर रही एनआईए ने इसका खुलासा किया है। यह एक सुरक्षित मैसेजिंग एप्लिकेशन हैं जिसमें शेयर किए गए मेसेज अपने आप डिलीट हो जाते हैं। जांच की जानकारी रखने वाले एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘केरल आईएस मॉड्यूल मामले में हमने इस साल 5 मार्च को आईपीसी और यूएपीए की धाराओं के तहत 7 नामजद और अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है। केरल के मोहम्मद अमीन उर्फ अबू याह्या और उसके सहयोगी आतंकी गतिविधियों के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रचार चैनल चला रहे हैं।’ हूप में अपने आप डिलीट हो जाते हैं मेसेज अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि अमीन कम्युनिकेशन के लिए हूप और रॉकेट चैट का इस्तेमाल कर रहा था। एक अधिकारी ने बताया कि हूप ऐप में दूसरे सदस्य के साथ शेयर किए गए मैसेज अपने आप डिलीट हो जाते हैं। एनआईए अधिकारी ने कहा, ' वहीं रॉकेट चैट में, उपयोगकर्ता को अपना मोबाइल नंबर या अपनी ईमेल आईडी सत्यापित करने की आवश्यकता नहीं है।' मार्च और अगस्त में हुई 7 गिरफ्तारियां इस साल मार्च में, एनआईए ने तलाशी ली थी और इस मामले में तीन आरोपी व्यक्तियों - अमीन, रहीस रशीद और मुशाब अनवर को गिरफ्तार किया था। 5 अगस्त को, एजेंसी ने जम्मू और कश्मीर और कर्नाटक में पांच स्थानों पर तलाशी ली और श्रीनगर में बेमिना के ओबैद हामिद, बांदीपोरा (कश्मीर) में मुजम्मिल हसन भट उल्लाल, मैंगलोर के अम्मार अब्दुल रहमान और शंकर वेंकटेश पेरुमल उर्फ अली मुआविया को गिरफ्तार किया। खुरासान मॉड्यूल में थ्रेमा ऐप का इस्तेमाल इससे पहले, एनआईए ने आईएस इराक और सीरिया खुरासान प्रांत (आईएसआईएस-केपी) मामले की जांच के दौरान पाया था कि गिरफ्तार आरोपी जहांजैब सामी वानी और उसकी पत्नी हिना बशीर बेग एक सुरक्षित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म थ्रेमा का इस्तेमाल कर रहे थे। थ्रेमा से किए गए मेसेज या कॉल का पता लगाना मुश्किल एनआईए अधिकारी के अनुसार, आतंकियों ने थ्रेमा एप्लिकेशन के साथ-साथ इसके डेस्कटॉप एडिशन का भी इस्तेमाल किया। अधिकारी ने कहा, ‘थ्रेमा से किए गए मेसेज या कॉल का पता लगाना कठिन है।’ स्विट्जरलैंड में विकसित, थ्रेमा आईफोन और एंड्रॉइड स्मार्टफोन के लिए एक ओपन-सोर्स ऐंड-टू-ऐंड एंक्रपशन इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन है। अधिकारी ने कहा कि थ्रेमा पर भी यूजर को अकाउंट बनाने के लिए एक ईमेल पता या फोन नंबर दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है। पुलवामा हमले में भी मोबाइल ऐप का इस्तेमालएनआईए का कहना है कि आतंकी काफी समय से सुरक्षित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के मामले की जांच के दौरान एनआईए और अन्य खुफिया एजेंसियों ने अपनी जांच में पहले पाया था कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी पीयर-टू-पीयर सॉफ्टवेयर सेवा वाईएसएमएस का उपयोग कर रहे थे। यह भारत और विदेशों में अपने समकक्षों के साथ संवाद करने के लिए एक समान मोबाइल एप्लिकेशन है।


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