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Panchayat Chunav: वोट देकर बकरी चराने गए मतदाता, 6 घंटे तक इंतजार करता रहा प्रशासन

दौसा। राजस्थान में गुरुवार को ग्रामीण मतदाताओं ने गांव की सरकार चुनने के लिए वोट डाले। इसी के दौरान दौसा में एक अजीब वाकया सामने आया। कुछ ...

दौसा। राजस्थान में गुरुवार को ग्रामीण मतदाताओं ने गांव की सरकार चुनने के लिए वोट डाले। इसी के दौरान दौसा में एक अजीब वाकया सामने आया। कुछ लोग वोट डालने के बाद अपने घरों को चले गए। लेकिन उनके पीछे-पीछे ही मतदान केंद्र से प्रशासन के कर्मचारी भी उनके पास पहुंचे। उन्हें फिर से वोट डलवाने की बात कही। लेकिन इनमें से 2 मतदाता तो वोट डालने के बाद खेतों में बकरी चराने जा चुके थे। ऐसे में बकरी चराने वालों का प्रशासन सुबह से लेकर दोपहर तक इंतजार करता रहा। और करीब 6 घंटे इंतजार के बाद दोनों मतदाताओं से फिर मतदान करवाया गया। दौसा में इस अजीब वाकये से प्रशासनिक अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। चुनाव में की गई व्यवस्थाओं की पोल भी खुल गई है। दरअसल, दौसा जिले के तीन पंचायत समिति क्षेत्रों में मतदान हुआ, जिनमें बैजूपाड़ा पंचायत समिति के लोटवाडा और नवरंगवाड़ा गांव में भी वोट डाले जा रहे थे। लोटवाड़ा में सुबह करीब 1 घंटे तक ईवीएम खराब रही। वहीं शुरुआती 1 घंटे में नवरंगवाड़ा में 16 मतदाताओं ने वोट डाल दिए। करीब 1 घंटे बाद पता चला कि नवरंगवाड़ा गांव की ईवीएम लोटवाड़ा में पहुंच गई हैं और नवरंगवाड़ा की ईवीएम नवरंगवाड़ा में पहुंच गई हैं। लोटवाड़ा ईवीएम खराब होना प्रशासन के दृष्टिकोण से अच्छा रहा जिसके चलते मतदाताओं ने गलत ईवीएम में वोट नहीं डाल सके। और जब ईवीएम ठीक हुई तब तक प्रशासन को गलती का एहसास हो चुका था। उन्होंने सही ईवीएम बूथ पर लगा दी। लेकिन नवरंगवाड़ा बूथ पर समय पर मतदान शुरू हो गया और मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग भी किया। करीब 1 घंटे बाद पता चला कि जिस ईवीएम में वोट डाले जा रहे थे वह ईवीएम दूसरे मतदान केंद्र की थी। जब प्रशासन के अधिकारियों को इस बात की जानकारी लगी तो समूचे जिले के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में ईवीएम बदलने का कार्य किया गयाञ लेकिन अब एक नया पेंच फंस गया कि जो 16 मतदाताओं गलत ईवीएम में वोट डाल दिए उनका वोट का अब क्या हो? प्रशासनिक अधिकारियों ने निर्देश दिए कि इन 16 मतदाताओं से वापस सही ईवीएम में वोट डलवाए जाएं। इसके बाद 16 मतदाताओं को ढूंढ़ने के लिए कर्मचारी गांव में गए। कर्मचारियों को 14 मतदाता तो मिल गए लेकिन 2 मतदाता बकरी चराने के लिए खेतों में चले गए। सभी 16 मतदाताओं के एक साथ वोट कराने थे। ऐसे में प्रशासन इन 14 मतदाताओं को बूथ पर ही बिठा लिया और 2 मतदाताओं का इंतजार करता रहा। सुबह से चल रहा यह इंतजार दोपहर 2 बजे खत्म हुआ जब दोनों मतदाता बकरी चरा कर वापस आए। जब 16 मतदाता बूथ पर एकत्रित हो गए तब एक साथ सभी के वोट डलवाए गए। इस घटना से ने प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है कि आखिर एक मतदान केंद्र की ईवीएम दूसरे मतदान केंद्र पर कैसे पहुंची? वहीं गनीमत यह भी रही कि लोटवाड़ा में ईवीएम खराब हो गई। वरना वहां भी मतदाताओं को बुलाकर वोट डलवाना पड़ता। इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी पीयूष सवारिया का कहना है कि ईवीएम को बदल दिया गया था और उसके बाद वोटिंग प्रक्रिया शुरू करवा दी थी। इस पूरे मामले में कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले मतदान प्राथमिकता है उसके बाद आगामी निर्णय लिया जाएगा।


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