बेंगलुरु 1 जुलाई 2018 का दिन, दिल्ली के एक घर में 11 लोगों की लाशें फांसी के फंदे पर लटकी मिलीं। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया। बुराड़...

बेंगलुरु 1 जुलाई 2018 का दिन, दिल्ली के एक घर में 11 लोगों की लाशें फांसी के फंदे पर लटकी मिलीं। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया। बुराड़ी इलाके में हुई यह घटना हत्या या आत्महत्या की पहेली में उलझ गई। घटना के तीन साल बाद लोग इस घटना को भूल नहीं पाए कि अब बेंगलुरु में इसी तरह का मामला सामने आया है। यहां पर एक ही परिवार के पांच लोगों की लाशें एक घर में मिली हैं। पांच लाशें फांसी के फंदे से झूल रही थीं, जबकि 9 महीने का एक बच्चा भूख से मर गया। घटना का पता तब चला जब परिवार का मुखिया हालेगेरे शंकर चार दिनों के बाद घर आए। वह परिवार के सदस्यों को बार-बार फोन करने पर उसका कोई जवाब नहीं मिला। सड़ चुकी थीं लाशें पुलिस को संदेह है कि ये मौतें चार दिन पहले हुई होंगी। पांचवें दिन रात में लाशों को रात में बाहर निकाला गया। लाशें बुरी तरह सड़ चुकी थीं। जब उन्हें निकाला गया तो हर तरफ बदबू फैल गई। किसी तरह उन्हें सील किया गया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। भूख से हुई 9 महीने के बच्ची की मौत मृतकों में शंकर की पत्नी भारती (51), बेटियां सिंचना (34), सिंधुरानी (31), और बेटा मधुसागर (25) और नौ महीने का पोता है। अधिकारियों ने कहा कि जहां चार वयस्क अलग-अलग कमरों में छत से लटके पाए गए, वहीं नौ महीने का बच्चा बिस्तर पर पड़ा था, हो सकता है कि वह भूख से मर गया होगा। बच्ची का जिंदा रहना, चमत्कार घर से शव निकाले गए तो वह बुरी तरह सड़ चुके थे। पुलिस ने भूख के कारण बेहोशी की हालत में मिली सिंचना की ढाई साल की बेटी को बचा लिया गया है। उसका जिंदा रहना हर कोई चमत्कार मान रहा है। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मायके में रह रही थीं बेटियां पड़ोसियों ने बताया कि शंकर की बड़ी बेटी अपने पति से झगड़ा करके मायके आ गई थी। जबकि छोटी बेटी प्रसव के लिए आई थी। बेटा पेशे से इंजिनियर था और एक कंपनी में काम करता था। पुलिस शंकर से पूछताछ कर रही है। 'घर से कोई डेथ नोट नहीं मिला' ब्यादरहल्ली पुलिस ने बताया कि शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। हालांकि यह आत्महत्या का मामला लगता है, लेकिन पोस्टमार्टम में इसकी पुष्टि होगी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम) सौमेंदु मुखर्जी ने कहा कि पांचों की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा, ‘हमें घर से डेथ नोट नहीं मिला है। मधुसागर शंकर सदमे की स्थिति में है। जैसे ही वह फिट होगा, उससे पूछताछ की जाएगी। NBT की अपील जिंदगी बेहद अनमोल है। मुश्किल वक्त हर किसी के जीवन में आता है, लेकिन थोड़ा हौसला और हिम्मत रखने से यह निकल भी जाता है। कुछ लोग जिंदगी की मुश्किल घड़ी में आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। मगर डिप्रेशन या तनाव पर समय रहते काबू पा लिया जाए, तो जिंदगी में उम्मीद का नया दरवाजा खुल जाता है।
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