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कैप्टन से छिन जाएगी पंजाब CM की कुर्सी! ताबड़तोड़ बैठकें, अमरिंदर की 'धमकी', आखिर क्या इशारा?

चंडीगढ़ पंजाब कांग्रेस का घमासान तेज होने की वजह से आलाकमान ने विधायक दल बैठक शनिवार को बुलाने का फैसला किया। यह फैसला शुक्रवार की रात लग...

चंडीगढ़ पंजाब कांग्रेस का घमासान तेज होने की वजह से आलाकमान ने विधायक दल बैठक शनिवार को बुलाने का फैसला किया। यह फैसला शुक्रवार की रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे हुआ। चंडीगढ़ में आज शाम यह बैठक हो रही है। प्रभारी महासचिव हरीश रावत, महासचिव अजय माकन जैसे नेता पर्यवेक्षक के रूप में रहेंगे। इधर बैठक से पहले अमरिंदर सिंह की कुर्सी को लेकर सस्पेंस बना है। बताया जा रहा है कि पंजाब सीएम ने सोनिया गांधी से कहा है कि वह इस तरह से अपमानित होकर कांग्रेस में नहीं रह सकते। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की परीक्षा इसलिए हो रही है कि इस बार 40 विधायकों द्वारा एक पत्र पर दस्तखत किए गए बताए जा रहे हैं। मुहिम के पीछे प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और उनके करीबियों को माना जा रहा है। इन्हें चुना जा सकता है विधायक दल का नेता दिल्ली से अजय माकन और हरीश चौधरी पंजाब पहुंच चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू या सुनील जाखड़ को अपना विधायक दल का नेता चुन सकते हैं। '...तो छोड़ दूंगा पार्टी' सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी तक यह बात पहुंचाई है कि अगर उन्हें पंजाब के सीएम पद से हटाया गया तो वह कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने यहां तक कहा है कि वह इतने अपमान के बाद पार्टी में नहीं रह पाएंगे। दिल्ली से लौट दिए गए थे सिद्धू रावत ने कुछ दिन पहले कहा था कि कैप्टन ही विधानसभा चुनाव का चेहरा होंगे। सिद्धू समर्थकों ने सवाल किए तो उसके बाद कहा कि नेता का नाम आला कमान तय करेगा। इसके बाद सिद्धू ने दिल्ली आकर आला कमान के नेताओं से मिलने की कोशिश की। लेकिन मुलाकात का समय नहीं मिला। कुछ दिन बाद उनके समर्थकों ने दिल्ली में फिर हलचल करने की कोशिश की। लेकिन लौटा दिए गए। 68 में से 40 विधायक कैप्टन के खिलाफ? इस बार सिद्धू समर्थकों की बात इसलिए सुनी जा रही है कि एक पत्र पर 40 विधायकों के हस्ताक्षर है। 68 में से 40 विधायकों के पत्र में कैप्टन के बारे में सीधे कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन 18 मुद्दों पर राज्य सरकार द्वारा काम न करने के आरोप हैं। दो दिन पहले सिद्धू ने किसान कानून बनाने के आरोप पिछली अकाली दल सरकर पर लगाए हैं और अपनी सरकार पर भी अप्रत्यक्ष निशाना साधा है। यह भी मुद्दा बन रहा है। देर रात हुआ बैठक का फैसला सूत्रों के अनुसार, आला कमान ने पता लगाया है कि क्या सही में 40 एमएलए के साइन हैं। इसके बाद हरीश रावत ने बीती शाम अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। रावत ने रात करीब साढ़े 11 बजे आज सीएलपी बैठक की घोषणा कर दी। चंडीगढ़ के पंजाब कांग्रेस भवन में बैठक है। नजरें इस पर हैं कि कैबिनेट के चार सिद्धू समर्थक मंत्रियों, प्रदेश महासचिव परगट सिंह जैसे नेता बैठक में क्या बोलते हैं? क्या उनका समर्थन और बढ़ता है? सिद्धू के कड़वे बोल पर क्या कह रहे कैप्टन समर्थन? बैठक का फैसला देर रात किए जाने के बाद कैप्टन समर्थकों में नाराजगी है कि उन्हें तैयारी का समय नहीं दिया। आधी रात को फैसला कर अगले दिन बैठक तय कर दी? कैप्टन समर्थकों में एक वर्ग यह भी मानता है कि ‘ईंट से ईंट बजाने‘ जैसे बहुत की कड़वे बोल बोलने वाले सिद्धू और उनके समर्थकों के हौसले दिल्ली में ही किसी के इशारे पर बढ़ रहे हैं। लेकिन कैप्टन कैप्टन हैं, उन्हें मात देने की कोशिशों की वजह से पार्टी और कुछ लोगों को निजी नुकसान भी हो सकता है। बहरहाल, जानकार मानते हैं कि मामला चरम पर पहुंच गया लगता है। आला कमान मामले को शांत रखने की कोशिश आज भी करेगा। लेकिन कैप्टन के सम्मान को चोट पहुंचाने के नतीजे काफी गलत हो सकते हैं।


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